ETV Bharat / city

जलाशय और ग्रीन बेल्ट पर नगर निगम ने बना दिया अहाना एन्क्लेव, अब एलडीए से मांगी एनओसी

author img

By

Published : Aug 29, 2022, 4:08 PM IST

औरंगाबाद खालसा में जमीन का लैंडयूज ग्रीन और जलाशय का था, लेकिन यहां 200 करोड़ लगाकर फ्लैट बनाए गये हैं. उपाध्यक्ष डॉ. इंद्रमणि त्रिपाठी ने बताया कि नगर निगम की ओर से अहाना एनक्लेव की भूमि को आवासीय किए जाने संबंधित सुझाव और आपत्ति दायर की गई है. इस पर जल्द सुनवाई की जाएगी.

Etv Bharat
Etv Bharat

लखनऊ : औरंगाबाद खालसा में जमीन का लैंडयूज ग्रीन और जलाशय का था, लेकिन यहां 200 करोड़ लगाकर फ्लैट बनाए गये हैं. 70% काम पूरा होने के बाद अब नगर निगम चाहता है कि एलडीए यहां मास्टर प्लान में बदलाव कर दे. जिससे इस इमारत को एनओसी मिल सके.

बीते तीन साल से भी अधिक समय से नगर निगम प्रशासन राजधानी वासियों को अपनी छत दिलाने का सपना झूठ की नींव पर खड़ा करके दिखा रहा था. नगर निगम ने सरोजनीनगर में औरंगाबाद खालसा आवासीय योजना अहाना एन्क्लेव जलाशय व ग्रीन बेल्ट की भूमि पर बनाई है. इससे पूर्व कानपुर आईआईटी ने भी योजना को हरी झंडी दिखाये जाने पर आपत्ति जताई गई थी, लेकिन उसके बाद भी नगर निगम प्रशासन ने निर्माण कार्य जारी रखा. नगर निगम ने इस साइट में जो भी ग्रीन बेल्ट है उसको आवासीय करने की गुजारिश की है.

नगर निगम अधिकारियों ने सीएम को भी योजना को लेकर झूठे सपने दिखा दिये थे. नगर निगम अधिकारियों ने सीएम को भी नहीं बताया कि जिस जमीन पर परियोजना को बनाया जा रहा है वह ग्रीन बेल्ट जलाशय भूमि है. यही नहीं निगम अधिकारियों ने परियोजना में आने वाले खर्च के लिए दो सौ करोड़ रुपये के बाॅन्ड के लिए बाम्बे स्टॉक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से दो सौ करोड़ रुपये का बाण्ड खरीदा था. जोन आठ स्थित औरंगाबाद खालसा इलाके में नगर निगम की लगभग पांच हेक्टेअर भूमि पर आवासीय योजना बनाकर उससे करोड़ों रुपये के कर्ज को अदायगी की जायेगी. जिस भूमि पर इसे बनाया जा रहा है, उसके खसरा संख्या 1650 1686 17041706 ख, 1710, 1211, 17138 1707, 17051708, 1709क व 1712 महायोजना 2031 में जलाशय व ग्रीन बेल्ट के रूप में दर्ज है.

जोन आठ औरंगाबाद खालसा इलाके में नगर निगम की लगभग पांच हेक्टेअर भूमि पर 684 फ्लैट्स का निर्माण कराया जाना है. 684 फ्लैट्स के लिए नगर निगम प्रशासन को योजना के तहत 18 टावर बनाने हैं. योजना में 300 स्क्वायर फिट से लेकर 1700 स्क्वायर फिट तक के भवनों को बनाया जाना है. प्रधानमंत्री आवासीय योजना के तहत बनाये जाने वाले 300 स्क्वायर फिट के भवनों की कीमत जहा मात्र पांच लाख रुपये के आसपास रखी गयी है तो वहीं 1700 स्क्वायर फिट के भवनों की कीमत 70 से 80 लाख रुपये तक रखें जाने की उम्मीद है. इसके अतिरिक्त 600, 800, 1000, 1200 स्क्वायर फ़ीट के फ्लैट्स बनाये जा रहे हैं. जिनकी कीमत 30 से 60 लाख तक है.

यह भी पढ़ें : शिलापट्ट पर लिखा था राज्यमंत्री आवारा एवं शहरी नियोजन, सोशल मीडिया पर हुआ वायरल

लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष डॉ. इंद्रमणि त्रिपाठी ने बताया कि नगर निगम की ओर से अहाना एनक्लेव की भूमि को आवासीय किए जाने संबंधित सुझाव और आपत्ति दायर की गई है. इस पर जल्द सुनवाई की जाएगी. मुख्य नगर नियोजक नितिन मित्तल ने बताया कि नगर निगम को जरूरी दिशा निर्देशों का पालन करने के बाद भूमि को आवासीय किया जाने संबंधित प्रक्रिया पूरी की जाएगी.

यह भी पढ़ें : लखनऊ में डेंगू का बढ़ा प्रकोप, फॉगिंग और एंटी लार्वा का छिड़काव कागजों तक सीमित

लखनऊ : औरंगाबाद खालसा में जमीन का लैंडयूज ग्रीन और जलाशय का था, लेकिन यहां 200 करोड़ लगाकर फ्लैट बनाए गये हैं. 70% काम पूरा होने के बाद अब नगर निगम चाहता है कि एलडीए यहां मास्टर प्लान में बदलाव कर दे. जिससे इस इमारत को एनओसी मिल सके.

बीते तीन साल से भी अधिक समय से नगर निगम प्रशासन राजधानी वासियों को अपनी छत दिलाने का सपना झूठ की नींव पर खड़ा करके दिखा रहा था. नगर निगम ने सरोजनीनगर में औरंगाबाद खालसा आवासीय योजना अहाना एन्क्लेव जलाशय व ग्रीन बेल्ट की भूमि पर बनाई है. इससे पूर्व कानपुर आईआईटी ने भी योजना को हरी झंडी दिखाये जाने पर आपत्ति जताई गई थी, लेकिन उसके बाद भी नगर निगम प्रशासन ने निर्माण कार्य जारी रखा. नगर निगम ने इस साइट में जो भी ग्रीन बेल्ट है उसको आवासीय करने की गुजारिश की है.

नगर निगम अधिकारियों ने सीएम को भी योजना को लेकर झूठे सपने दिखा दिये थे. नगर निगम अधिकारियों ने सीएम को भी नहीं बताया कि जिस जमीन पर परियोजना को बनाया जा रहा है वह ग्रीन बेल्ट जलाशय भूमि है. यही नहीं निगम अधिकारियों ने परियोजना में आने वाले खर्च के लिए दो सौ करोड़ रुपये के बाॅन्ड के लिए बाम्बे स्टॉक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से दो सौ करोड़ रुपये का बाण्ड खरीदा था. जोन आठ स्थित औरंगाबाद खालसा इलाके में नगर निगम की लगभग पांच हेक्टेअर भूमि पर आवासीय योजना बनाकर उससे करोड़ों रुपये के कर्ज को अदायगी की जायेगी. जिस भूमि पर इसे बनाया जा रहा है, उसके खसरा संख्या 1650 1686 17041706 ख, 1710, 1211, 17138 1707, 17051708, 1709क व 1712 महायोजना 2031 में जलाशय व ग्रीन बेल्ट के रूप में दर्ज है.

जोन आठ औरंगाबाद खालसा इलाके में नगर निगम की लगभग पांच हेक्टेअर भूमि पर 684 फ्लैट्स का निर्माण कराया जाना है. 684 फ्लैट्स के लिए नगर निगम प्रशासन को योजना के तहत 18 टावर बनाने हैं. योजना में 300 स्क्वायर फिट से लेकर 1700 स्क्वायर फिट तक के भवनों को बनाया जाना है. प्रधानमंत्री आवासीय योजना के तहत बनाये जाने वाले 300 स्क्वायर फिट के भवनों की कीमत जहा मात्र पांच लाख रुपये के आसपास रखी गयी है तो वहीं 1700 स्क्वायर फिट के भवनों की कीमत 70 से 80 लाख रुपये तक रखें जाने की उम्मीद है. इसके अतिरिक्त 600, 800, 1000, 1200 स्क्वायर फ़ीट के फ्लैट्स बनाये जा रहे हैं. जिनकी कीमत 30 से 60 लाख तक है.

यह भी पढ़ें : शिलापट्ट पर लिखा था राज्यमंत्री आवारा एवं शहरी नियोजन, सोशल मीडिया पर हुआ वायरल

लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष डॉ. इंद्रमणि त्रिपाठी ने बताया कि नगर निगम की ओर से अहाना एनक्लेव की भूमि को आवासीय किए जाने संबंधित सुझाव और आपत्ति दायर की गई है. इस पर जल्द सुनवाई की जाएगी. मुख्य नगर नियोजक नितिन मित्तल ने बताया कि नगर निगम को जरूरी दिशा निर्देशों का पालन करने के बाद भूमि को आवासीय किया जाने संबंधित प्रक्रिया पूरी की जाएगी.

यह भी पढ़ें : लखनऊ में डेंगू का बढ़ा प्रकोप, फॉगिंग और एंटी लार्वा का छिड़काव कागजों तक सीमित

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.