लखनऊ : राजधानी में सामने आए पिटबुल केस ने सभी को झकझोर कर रख दिया है. इस जानवर ने वर्षों से खाना खिलाने वाली मालकिन को बेरहमी से मौत के घाट उतार दिया. हादसे के बाद लखनऊ नगर निगम की तरफ से एक बड़ा फैसला लिया गया है. नगर निगम ने घरों में पल रहे जानवरों के लाइसेंस की जांच करने का फैसला लिया है. नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह ने बताया कि अधिकारियों को जोनवार घर-घर जाकर कुत्ता पाल रहे लोगों के लाइसेंस की जांच करने के निर्देश दिए हैं. वहीं नगर आयुक्त ने पांच प्रजाति के श्वान ना पालने की नसीहत भी दी है.
आधे घंटे तक नोंचता रहा पिटबुल : घटना लखनऊ के कैसरबाग के बंगाली टोला की है. यहां 82 वर्षीय महिला को घर में पाले गए पिटबुल नस्ल के कुत्ते ने आधे घंटे तक नोंच-नोंच कर मौत के घाट उतार दिया. महिला बीते करीब 4 साल से इन कुत्तों को खाना खिलाती थी. इस 82 वर्षीय महिला की दर्दनाक मौत ने पूरे शहर को हिला कर रख दिया.
23 घरों में पल रहे हैं पिटबुल : लखनऊ नगर निगम ने अप्रैल 2022 से अभी तक करीब 4800 श्वानों को घरों में पालने के लाइसेंस जारी किए हैं. 23 श्वान पिटबुल प्रजाति के बताए जा रहे हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि यह खतरनाक जाति के श्वान हैं. यह आमतौर पर हिंसक प्रवृत्ति के होते हैं और सिर्फ एक व्यक्ति को ही अपना मालिक मानते हैं. गुस्सा आने पर यह हमला करने से नहीं चूकते हैं.
यह है लाइसेंस शुल्क : अगर आप घरों में श्वान पालने के शौकीन हैं तो उसका लाइसेंस जरूर ले लें. नगर निगम की तरफ से जल्द ही इसको लेकर विशेष अभियान की शुरुआत की जा रही है. नगर निगम अभी अलग-अलग तरह के श्वानों का लाइसेंस जारी करता है. बड़ी नस्ल के विदेशी (बड़े) श्वान का 500 रुपये, छोटी नस्ल के विदेशी (छोटा) श्वान का 300 रुपये और देसी श्वान का 200 रुपये सालाना शुल्क लिया जाता है. आने वाले समय में नगर निगम इसे बढ़ाने की भी तैयारी कर रहा है. इसके अलावा एक घर में दो से अधिक श्वान को पालने की अनुमति नहीं दी जाएगी.
इन प्रजाति के कुत्तों से बचें : लखनऊ नगर आयुक्त इन्द्रजीत सिंह ने नगरवासियों को सलाह दी गयी है कि उन्हें इस प्रकार की खतरनाक प्रजाति के कुत्ते जैसे American Pitbull, Rottweiler, Siberian Husky, Doberman, Pinscher, Boxer Breeds को पालने से बचना चाहिये. Friendly छोटी Breeds ही पालना चाहिये. कुत्तों के स्वभाव व प्रकृति पर विशेष ध्यान रखना चाहिये. स्वभाव में परिवर्तन प्रतीत होने पर निकटतम पशु चिकित्साधिकारी से सम्पर्क करना चाहिये. बड़ी Breeds को पालने में सावधानी बरतनी चाहिये तथा प्रशिक्षित कुत्तों को ही पालना चाहिये. उनके खानपान का उनकी प्रकृति के अनुरूप व्यवस्था करनी चाहिये तथा खाना खाते समय कोई छेड़कानी और मांसाहारी भोजन देने से बचना चाहिये.
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भरना पड़ सकता है यह जुर्माना : नगर आयुक्त, इन्द्रजीत सिंह ने बताया कि वर्तमान में लखनऊ नगर निगम द्वारा श्वान के अनुज्ञप्ति, नियंत्रण और विनियमन उपविधि 2003 के अनुसार कार्यवाही की जा रही है. जिसमें 5000 रुपये तक जुर्माना करने का प्राविधान है. उपविधि के अनुसार कोई भी श्वान पालक अपने पालतू श्वान को ऐसे बांधेगा या रखेगा कि पड़ोसी को कोई दिक्कत न हो.
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