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पौधारोपण अभियान में पर्यावरण से ज्यादा पॉलिटिक्स, विशेषज्ञ बोले, यह फार्मूला हो सकता है कारगर

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार की तरफ से मंगलवार को प्रदेश भर में पौधारोपण का अभियान चलाया गया. इस दौरान सरकार की तरफ से 25 करोड़ पौधे लगाए जाने के दावे किए गए हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि कम्युनिटी प्लांटेशन पर जोर देने की जरूरत है.

डॉ. अजय आर्य
डॉ. अजय आर्य
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Published : Jul 5, 2022, 8:36 PM IST

लखनऊ : उत्तर प्रदेश की योगी सरकार की तरफ से मंगलवार को प्रदेश भर में पौधारोपण का अभियान चलाया गया. इस दौरान सरकार की तरफ से 25 करोड़ पौधे लगाए जाने के दावे किए गए हैं. यह पहली बार नहीं है जब प्रदेश सरकार की तरफ से इस तरह के दावे किए गए हों. समाजवादी पार्टी की सरकार में भी कई बार इस तरह के दावे किए जा चुके हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि बीते कई वर्षों से पौधारोपण में पर्यावरण की चिंता कम और राजनीति ज्यादा हुई है. जिसका नतीजा है कि हर साल करोड़ों पौधे लगाने के दावों के बावजूद आम जनता पर्यावरण की समस्या से जूझ रही है.

लखनऊ विश्वविद्यालय के भूविज्ञान विभाग के वरिष्ठ शिक्षक डॉ. अजय आर्य उत्तर प्रदेश सरकार को 25 करोड़ पौधे लगाने के लिए बधाई देते हुए कहते हैं कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का यह कदम सराहनीय है. उन्होंने कहा कि मौजूदा हालात में पूरे उत्तर भारत में विशेष तौर पर उत्तर प्रदेश में विकास के नाम पर विनाश चल रहा है. जगह-जगह कंक्रीट के जंगल बिछाए जा रहे हैं. बड़े-बड़े वृक्ष काटे जा रहे हैं. इन हालातों में इस तरह की पहल की जरूरत उत्तर प्रदेश को सबसे ज्यादा थी.

भूविज्ञान विभाग के वरिष्ठ शिक्षक डॉ. अजय आर्य



इसलिए असफल रहते हैं यह प्रयास : डॉ. अजय आर्य ने कहा कि इस तरह के पौधरोपण कार्यक्रमों के पिछले वर्षों के अनुभव ज्यादा अच्छे नहीं रहे हैं. पूर्व में समाजवादी पार्टी की सरकार की तरफ से चार या छह करोड़ पौधे लगाने के दावे किए गए थे. कहा था कि हम हरा-भरा उत्तर प्रदेश बनाना चाहते हैं, लेकिन कमोवेश वह सारे पौधे उस तरह से प्रफुल्लित नहीं हो पाए. जहां तक मेरी जानकारी है इसमें आधे से ज्यादा पौधे नहीं चल पाए. इसके भी कई कारण हैं. डॉ. अजय कहते हैं कि कई बार देखने में मिला है कि रिकॉर्ड बनाने के नाम पर पौधे तो लग जाते हैं, लेकिन उनकी देखभाल नहीं हो पाती. कई बार सरकारें बदल जाती हैं. कई मामलों में अधिकारी बदल जाने के बाद देखभाल न होने के कारण पौधे खत्म हो जाते हैं.

ये भी पढ़ें : यूपी के माध्यमिक शिक्षा विभाग में तबादलों पर मचा घमासान, ACS के इस आदेश पर भड़के हैं कर्मचारी

यह फार्मूला हो सकता है कारगर : डॉ. अजय आर्य का कहना है कि सरकार को एक दो जगह पौधे ना लगा करके, कम्युनिटी प्लांटेशन पर जोर देने की जरूरत है. जिन लोगों के घरों में जगह है, उन्हें पौधे लगाने व 5 से 7 साल उसका ध्यान रखने के लिए प्रेरित किया जाए.

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लखनऊ : उत्तर प्रदेश की योगी सरकार की तरफ से मंगलवार को प्रदेश भर में पौधारोपण का अभियान चलाया गया. इस दौरान सरकार की तरफ से 25 करोड़ पौधे लगाए जाने के दावे किए गए हैं. यह पहली बार नहीं है जब प्रदेश सरकार की तरफ से इस तरह के दावे किए गए हों. समाजवादी पार्टी की सरकार में भी कई बार इस तरह के दावे किए जा चुके हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि बीते कई वर्षों से पौधारोपण में पर्यावरण की चिंता कम और राजनीति ज्यादा हुई है. जिसका नतीजा है कि हर साल करोड़ों पौधे लगाने के दावों के बावजूद आम जनता पर्यावरण की समस्या से जूझ रही है.

लखनऊ विश्वविद्यालय के भूविज्ञान विभाग के वरिष्ठ शिक्षक डॉ. अजय आर्य उत्तर प्रदेश सरकार को 25 करोड़ पौधे लगाने के लिए बधाई देते हुए कहते हैं कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का यह कदम सराहनीय है. उन्होंने कहा कि मौजूदा हालात में पूरे उत्तर भारत में विशेष तौर पर उत्तर प्रदेश में विकास के नाम पर विनाश चल रहा है. जगह-जगह कंक्रीट के जंगल बिछाए जा रहे हैं. बड़े-बड़े वृक्ष काटे जा रहे हैं. इन हालातों में इस तरह की पहल की जरूरत उत्तर प्रदेश को सबसे ज्यादा थी.

भूविज्ञान विभाग के वरिष्ठ शिक्षक डॉ. अजय आर्य



इसलिए असफल रहते हैं यह प्रयास : डॉ. अजय आर्य ने कहा कि इस तरह के पौधरोपण कार्यक्रमों के पिछले वर्षों के अनुभव ज्यादा अच्छे नहीं रहे हैं. पूर्व में समाजवादी पार्टी की सरकार की तरफ से चार या छह करोड़ पौधे लगाने के दावे किए गए थे. कहा था कि हम हरा-भरा उत्तर प्रदेश बनाना चाहते हैं, लेकिन कमोवेश वह सारे पौधे उस तरह से प्रफुल्लित नहीं हो पाए. जहां तक मेरी जानकारी है इसमें आधे से ज्यादा पौधे नहीं चल पाए. इसके भी कई कारण हैं. डॉ. अजय कहते हैं कि कई बार देखने में मिला है कि रिकॉर्ड बनाने के नाम पर पौधे तो लग जाते हैं, लेकिन उनकी देखभाल नहीं हो पाती. कई बार सरकारें बदल जाती हैं. कई मामलों में अधिकारी बदल जाने के बाद देखभाल न होने के कारण पौधे खत्म हो जाते हैं.

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यह फार्मूला हो सकता है कारगर : डॉ. अजय आर्य का कहना है कि सरकार को एक दो जगह पौधे ना लगा करके, कम्युनिटी प्लांटेशन पर जोर देने की जरूरत है. जिन लोगों के घरों में जगह है, उन्हें पौधे लगाने व 5 से 7 साल उसका ध्यान रखने के लिए प्रेरित किया जाए.

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