लखनऊ : 2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर भारतीय जनता पार्टी की सरकार और भाजपा नेतृत्व कोई रिस्क नहीं लेना चाहता है. यही कारण है कि सरकार से लेकर संगठन तक बेहतर समन्वय के लगातार प्रयास किए जा रहे हैं. यही नहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यूपी के शासन के कामकाज की मॉनिटरिंग कर रहे हैं ताकि कहीं कोई दिक्कत हो तो उसे समय रहते दूर किया जा सके. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बीजेपी सरकार और संगठन के बीच बेहतर समन्वय को लेकर प्रयासरत हैं. वह लगातार इस बात की हिदायत भी दे रहे हैं.
पिछले दिनों उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व दोनों डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य व बृजेश पाठक को दिल्ली बुलाकर एकजुटता का संदेश देने की कोशिश की थी. इसके बाद सोमवार को करीब 4 घंटे मुख्यमंत्री आवास पर उन्होंने मंत्रियों के साथ बातचीत की. विकास और सुशासन का मूल मंत्र दिया. मंत्रियों को अपने आचरण सुधारने की हिदायत दी. खास बात यह रही कि 2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं को धरातल तक पहुंचाने और संगठन के साथ बेहतर समन्वय को लेकर मोदी का पूरा फोकस रहा.
सूत्र बताते हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आने वाले हर महीने में उत्तर प्रदेश के दौरे पर आने की प्लानिंग कर चुके हैं. जून के प्रथम सप्ताह में एक बार फिर वह लखनऊ आएंगे और सरकार के लोगों के साथ आगामी कार्ययोजना और एजेंडे पर बातचीत करेंगे. इसके साथ ही 3 जून को वह ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी में शिरकत करेंगे. दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले उत्तर प्रदेश में पूरी तरह से सक्रिय रहते हुए काम कर रहे हैं. यूपी जैसे बड़े राज्य में लोकसभा की 80 सीटें हैं. दिल्ली की सत्ता पर काबिज होने में यूपी की बड़ी भूमिका रही है. ऐसे में 2024 के चुनाव में किसी प्रकार की कोई समस्या उत्पन्न हो उससे पहले ही पूरी तरह से राजनीतिक जमीन तैयार करने का काम कर रहे हैं. सरकार और संगठन के मोर्चे पर सब काम दुरुस्त किया जा रहा है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने योगी के मंत्रियों को जो मंत्र दिया, उसके और भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की बात कही है. इसके अलावा जनता से जुड़ी समस्याओं का पूरी तत्परता के साथ निस्तारण करने की बात कही गई है. जनता से जुड़ी फाइलों को निस्तारित करने को लेकर सिंगल विंडो सिस्टम पर फोकस करने को कहा है. इसके अलावा मंत्रियों से सरकार के साथ समन्वय होने के साथ-साथ कार्यकर्ताओं की समस्याओं को सुनना और उनके सुझाव पर अमल करने की बात भी कही है.
2024 के लोकसभा चुनाव के मद्देनजर मंत्रियों को जनता से जुड़ने और सरकारी योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन के लिए कहा गया है. खास बात यह है कि गुड गवर्नेंस और ईज आफ लिविंग को बेहतर बनाने के लिए पूरा फोकस किया जाएगा. उन्होंने यह भी कहा है कि जनप्रतिनिधियों के प्रति जनता में विश्वास बढ़े ऐसा काम करना है और उसी अनुरूप अपना आचरण भी प्रदर्शित करना है.
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राजनीतिक विश्लेषक कामना हजेला कहती हैं कि उन्हें लगता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का उत्तर प्रदेश से विशेष लगाव है. सिर्फ इसलिए ही नहीं कि वह यहां से सांसद हैं. समय-समय पर उत्तर प्रदेश आकर कई तरह के कार्यक्रमों में शिरकत करते रहते हैं. उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्य पर प्रधानमंत्री का फोकस होना स्वाभाविक भी है. वह मुख्यमंत्री के साथ ही अन्य मंत्रियों के साथ कई घंटे तक बात करते हैं. विकास और सुशासन पर चर्चा करते हैं. परिवार के मुखिया की तरह वह सबसे बातचीत करते हुए विकास का रोड मैप तय करते हैं और भविष्य की कार्ययोजना पर चर्चा करते हैं.
उन सब चीजों से लगता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ज्यादा फोकस उत्तर प्रदेश की तरफ है. इसी के अनुरूप वह काम कर रहे हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का उत्तर प्रदेश से विशेष लगाव है. उनका जो विजन है, वह नजर आता है. 2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर पीएम मोदी के दौरे महत्वपूर्ण हैं. भारतीय जनता पार्टी सभी चुनाव को महत्वपूर्ण मानती है. शुरू से अपने संगठन के अभियान और कार्यक्रम के माध्यम से काम करती है. प्रधानमंत्री भी इसी के अनुरूप काम कर रहे हैं. उनके दौरे अपने आप में महत्वपूर्ण हैं.
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