लखनऊ: यूपी में बच्चा चोरी की अफवाह पर पिटाई का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. प्रदेश पर बच्चा चोरी की अफवाह का ऐसा बुखार चढ़ा कि कानून की ठंडी पट्टियां भी अब बेअसर हो चली हैं. यहां भीड़तंत्र के क्रूर इंसाफ का बोलबाला है. सीएम योगी के उत्तर प्रदेश को उत्तम प्रदेश बनाने के सपने को बेलगाम उन्मादी भीड़ अपने पैरों तले रौंद रही है.
यूपी के मेरठ में भीड़तंत्र का शर्मनाक नमूना देखने को मिला. यहां बच्चा चोरी की अफवाह के बाद एक शख्स को भीड़ ने खूब पीटा. कमोबेश पूरे यूपी का यही हाल है. अफवाह की हवा कब भीड़ में तब्दील होकर खूनी बन जाती है, किसी को कुछ पता नहीं चलता. शामली में फेरी लगाने वाली पांच गुजराती महिलाओं को भीड़ ने अचानक घेर लिया. किसी ने बाल नोचे तो किसी ने लात घूंसे चप्पल और बेल्ट से हमला कर दिया. भीड़ का वहशी चेहरा देख खाकी भी सहमी खड़ी दिखाई दी...
इसी तरह एटा में एक महिला को बच्चा चोरी के शक में भीड़ ने बीच सड़क पर पीट दिया. गोंडा में भी पेड़ से बांधकर महिला को लाठी-डंडे से पीटा गया. वहीं हाथरस की एक मंदबुद्धि महिला को उन्मादी भी ने सड़क पर पीटकर घसीटा. इटावा में भी एक युवक बच्चा चोरी के शक में भीड़ ने नंगा कर के पीटा. कानपुर में भी इसी तरह दो बुजुर्गों को जमकर पीटा गया. मेरठ, रामपुर, शामली कमोबेश पूरे ही यूपी का यही हाल है.
वहीं सरेराह भीड़ की तानाशाही को रोकने में नाकाम यूपी पुलिस लाचार सी नजर आती है. भीड़ की अराजकता के बढ़ते मामलों को देख यूपी पुलिस के मुखिया DGP ओपी सिंह ने वीडियो जारी कर लोगों से संयम बरतने और अफवाहों से बचने की अपील की है.
पिछले एक महीने से यूपी की उन्मादी भीड़ के जरिये फैलाई गई अराजकता वाकई चिंताजनक हैं. लोगों के बीच फैली इस अराजकता की घटनाओं को मॉब लिंचिंग का नाम दिया जाता है. प्रदेश में कानून व्यवस्था की ऐसी हालत देख क्या सत्ता के गलियारों के नामचीनों को भी अफसोस होता होगा और अगर होता है, तो अभी तक इन घटनाओं पर नकेल क्यों नहीं कसी गई.