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राज्यमंत्री दयाशंकर सिंह ने परिवहन निगम को दिए बसों का अनुबंध कराने के निर्देश - Minister of State (Independent Charge) for Transport Dayashankar Singh

परिवहन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दयाशंकर सिंह ने विशेष ग्रामीण अनुबंधन योजना के तहत बसों के अनुबंध कराने के निर्देश परिवहन निगम के अधिकारियों को दिए है.

राज्य मंत्री दयाशंकर सिंह
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Published : Apr 29, 2022, 9:58 PM IST

लखनऊ : उत्तर प्रदेश के परिवहन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) ने विशेष ग्रामीण अनुबन्धन योजना के तहत बसों के अनुबंध कराने के निर्देश दिए है. प्रदेशवासियों को उत्तम परिवहन सेवा उपलब्ध कराने के लिए परिवहन विभाग निरन्तर प्रयास कर रहा है. परिवहन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दयाशंकर सिंह ने विशेष ग्रामीण अनुबंधन योजना, सीएनजी चालित साधारण अनुबंधन योजना, डीजल चालित साधारण अनुबंधन योजना-2022 के तहत बसों को अनुबंध कराने के निर्देश परिवहन निगम के अधिकारियों को दिए है.

उन्होंने बताया कि विशेष ग्रामीण बस अनुबंधन योजना-2022 के अंतर्गत प्रदेश के युवाओं को उद्यमिता का अवसर प्रदान करने व गांवों को परिवहन सुविधा से जोडे़ जाने व विशेष प्रोत्साहन प्रदान करने के उद्देश्य से यह योजना बनाई है. उन्होंने कहा कि प्रदेशवासियों को उत्तम परिवहन सेवा उपलब्ध कराने के लिए परिवहन विभाग निरंतर कार्य कर रहा है. प्रदेश संरकार की मंशा है कि प्रदेश की जनता को किसी प्रकार की परिवहन संबंधी कठिनाइयों का सामना न करना पड़े.

परिवहन मंत्री के निर्देश पर प्रबंधक निदेशक परिवहन निगम आरपी सिंह ने ग्रामीणों को सुगम परिवहन सुविधा उपलब्ध कराने के लिए अनुबंध की यह विशेष योजना संचालित की है. इस योजना के अंतर्गत क्षेत्रों द्वारा संकलन उपरान्त प्रस्तावित मार्गों में यह सुनिश्चित किया जाएगा कि यह बसें तहसील/ब्लॉक/ग्राम स्थान से सुबह ही संचालित हों व शाम को रुकना अनिवार्य होगा. उन्होंने बताया कि जिन मार्गों पर नयी बसें अनुबंध की जाएगी, उन पर उनके अनुबंध काल तक निगम बसें संचालित नहीं की जाएगी.

प्रबंध निदेशक ने बताया कि यह योजना उन मार्गों पर प्रभावी होगी जहां पूर्व में निगम द्वारा अनुबंधित बसों का संचालन किया गया हो. नवीन मार्गों के सृजन व सर्वे के उपरांत संचालन के लिए अलग से प्रस्ताव तैयार किया जाएगा. नवीन मार्गों के सृजन में यदि मार्ग दो क्षेत्रों के अधीन हैं तो दोनो क्षेत्रों के क्षेत्रीय प्रबंधकों की सहमति से प्रस्ताव तैयार किया जाएगा. प्रदेश स्तर पर निगम के बेडे़ में कुल उपलब्ध बसों का अधिकतम 30 प्रतिशत तक ही अनुबंधित बसों के निर्धारण की अनुमति प्रदान की जाएगी.

यह भी पढ़ें-जाने क्या हैं कोरोना की नई चाल, अस्थमा रोगियों पर क्यूं भारी पड़ रहा है ये मौसम

प्रबंधक निदेशक ने बताया कि अनुबंध की अवधि पंजीयन तिथि से अधिकतम 10 वर्ष के लिए अनुमन्य होगी. इस योजना में अनुबंध अवधि पंजीयन तिथि से 05 वर्ष से अधिक की बस अनुबंध के लिए अनुमन्य नहीं होगी. मॉडल व पंजीयन में अधिकतम 01 वर्ष का अंतर अनुमन्य होगा. इस योजना में बसों का अनुबंध के लिए क्षेत्रीय स्तर पर प्रस्ताव ई-टेंडर के माध्यम से प्राप्त किया जाएगा. बसों के अधिक प्रस्ताव प्राप्त होने पर कम साल की बसों को वरीयता दी जाएगी.

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लखनऊ : उत्तर प्रदेश के परिवहन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) ने विशेष ग्रामीण अनुबन्धन योजना के तहत बसों के अनुबंध कराने के निर्देश दिए है. प्रदेशवासियों को उत्तम परिवहन सेवा उपलब्ध कराने के लिए परिवहन विभाग निरन्तर प्रयास कर रहा है. परिवहन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दयाशंकर सिंह ने विशेष ग्रामीण अनुबंधन योजना, सीएनजी चालित साधारण अनुबंधन योजना, डीजल चालित साधारण अनुबंधन योजना-2022 के तहत बसों को अनुबंध कराने के निर्देश परिवहन निगम के अधिकारियों को दिए है.

उन्होंने बताया कि विशेष ग्रामीण बस अनुबंधन योजना-2022 के अंतर्गत प्रदेश के युवाओं को उद्यमिता का अवसर प्रदान करने व गांवों को परिवहन सुविधा से जोडे़ जाने व विशेष प्रोत्साहन प्रदान करने के उद्देश्य से यह योजना बनाई है. उन्होंने कहा कि प्रदेशवासियों को उत्तम परिवहन सेवा उपलब्ध कराने के लिए परिवहन विभाग निरंतर कार्य कर रहा है. प्रदेश संरकार की मंशा है कि प्रदेश की जनता को किसी प्रकार की परिवहन संबंधी कठिनाइयों का सामना न करना पड़े.

परिवहन मंत्री के निर्देश पर प्रबंधक निदेशक परिवहन निगम आरपी सिंह ने ग्रामीणों को सुगम परिवहन सुविधा उपलब्ध कराने के लिए अनुबंध की यह विशेष योजना संचालित की है. इस योजना के अंतर्गत क्षेत्रों द्वारा संकलन उपरान्त प्रस्तावित मार्गों में यह सुनिश्चित किया जाएगा कि यह बसें तहसील/ब्लॉक/ग्राम स्थान से सुबह ही संचालित हों व शाम को रुकना अनिवार्य होगा. उन्होंने बताया कि जिन मार्गों पर नयी बसें अनुबंध की जाएगी, उन पर उनके अनुबंध काल तक निगम बसें संचालित नहीं की जाएगी.

प्रबंध निदेशक ने बताया कि यह योजना उन मार्गों पर प्रभावी होगी जहां पूर्व में निगम द्वारा अनुबंधित बसों का संचालन किया गया हो. नवीन मार्गों के सृजन व सर्वे के उपरांत संचालन के लिए अलग से प्रस्ताव तैयार किया जाएगा. नवीन मार्गों के सृजन में यदि मार्ग दो क्षेत्रों के अधीन हैं तो दोनो क्षेत्रों के क्षेत्रीय प्रबंधकों की सहमति से प्रस्ताव तैयार किया जाएगा. प्रदेश स्तर पर निगम के बेडे़ में कुल उपलब्ध बसों का अधिकतम 30 प्रतिशत तक ही अनुबंधित बसों के निर्धारण की अनुमति प्रदान की जाएगी.

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प्रबंधक निदेशक ने बताया कि अनुबंध की अवधि पंजीयन तिथि से अधिकतम 10 वर्ष के लिए अनुमन्य होगी. इस योजना में अनुबंध अवधि पंजीयन तिथि से 05 वर्ष से अधिक की बस अनुबंध के लिए अनुमन्य नहीं होगी. मॉडल व पंजीयन में अधिकतम 01 वर्ष का अंतर अनुमन्य होगा. इस योजना में बसों का अनुबंध के लिए क्षेत्रीय स्तर पर प्रस्ताव ई-टेंडर के माध्यम से प्राप्त किया जाएगा. बसों के अधिक प्रस्ताव प्राप्त होने पर कम साल की बसों को वरीयता दी जाएगी.

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