लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लोकभवन में हुए कार्यक्रम में डेढ़ करोड़ श्रमिकों के खाते में भरण पोषण भत्ता के रूप में एक-एक हजार रुपये की धनराशि ऑनलाइन ट्रांसफर की. इस अवसर पर सीएम ने प्रतीक स्वरूप सात श्रमिकों को एक-एक हजार रुपये की चेक भी वितरित किए.
यहां मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि निशाना साधा और कहा कि पहले शादी के अनुदान की आधी रकम बिचौलिये खा जाते थे. सरकार ने गरीब कन्या की शादी में मिलने वाली राशि को बीस हजार की राशि को बढ़ाकर 51 हजार रुपये कर दिया. प्रदेश के डेढ़ करोड़ श्रमिकों के खाते में दो महीने का भरण-पोषण भत्ता भेजने के साथ ही सफाई कर्मियों को भी इस योजना में शामिल करने की घोषणा की.
सीएम योगी ने कहा कि सबसे बड़ी महामारी के दौरान भरण पोषण भत्ता देने का काम हमारी सरकार ने किया. 2017 के पहले श्रमिक शोषण का शिकार होता था. मोदी सरकार में सबका साथ और सबका विकास का नारा चरितार्थ हो रहा है. हम गरीबों को बीमा, आवास, बिजली और शौचालय उपलब्ध करा रहे हैं.
मुख्यमंत्री ने कहा कि तीन करोड़ 81 लाख कामगारों को इस योजना से जोड़ रहे हैं. एक करोड़ 50 लाख श्रमिकों के खातों को जांच हो चुकी है. पहले चरण में इन्हीं के खाते में अगले दो माह के रुपये भेजे जा रहे हैं. सरकार ने तय किया है कि अगले चार महीने तक भरण पोषण भत्ता इन तीन करोड़ 81 लाख कामगारों को उपलब्ध कराएगी. सफाईकर्मियों को भी इस सुविधा के साथ जोड़ा जाएगा, क्योंकि कोरोना काल में इन्होंने भी बहुत सहयोग किया. .
मुख्यमंत्री ने कहा कि जो श्रमिक खानाबदोश की जिन्दगी जी रहे हैं, उनके बच्चों को पढ़ाने के लिए अटल आवासीय विद्यालय की स्थापना सभी कमिश्नरी में की जा रही है. हमारी सरकार ने शादी के लिए मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना लागू की. इसमें 51 हजार रुपये शादी में देते हैं. गरीब कन्याओं के लिए 75 हजार रुपये देना प्रारम्भ किया है. पिछली सरकार में 20 हजार में केवल दस हजार रुपये ही पहुंच पाते थे.
सीएम योगी ने कहा कि सरकार गरीबों के बच्चों को पढ़ाई के लिए इंजीनियरिंग, मेडिकल की पढ़ाई में सहयोग कर रही है. बढ़ई, नाऊ, मोची, हलवाई राजमिस्त्री को स्किल डेवलपमेंट करने के साथ उन्हें मानदेय और ऋण भी उपलब्ध कराया जा रहा है. कोरोना काल में प्रदेश पहला ऐसा राज्य था, जहां हर श्रमिक को दो लाख की सामाजिक सुरक्षा और पांच लाख रुपये का उपचार बीमा देने का फैसला किया गया.
उन्होंने कहा कि पहले श्रमिकों के बच्चों के लिए पढ़ाई की व्यवस्था नहीं थी. मिड डे मील नहीं मिल पाता था. स्वच्छ पानी नहीं मिल पाता था. हमारी सरकार ने बालक-बालिकाओं के लिए अलग-अलग शौचालय बनाए, स्वेटर, मोजे और जूते के साथ पढ़ाई करने के लिए कापी किताबें मुहैया कराईं.
मुख्यमंत्री ने कहा कि अब तक जो लूट मचा रहे थे, वो स्वीकार करते हैं कि जो छापेमारी चल रही है उसे चुनाव आयोग रोके. यह साबित करता है कि चोर की दाढ़ी में तिनका है. ये वो लोग लोग हैं, जो विकास में बाधा थे.
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