लखनऊ : संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान (एसजीपीजीआई) के समान वेतन-भत्ते के आदेश जारी करने में शासन की हीलाहवाली से नाराज किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय केजीएमयू के शिक्षक अब आगामी 29 अगस्त से 5 सितम्बर तक काला फीता बांधकर अपना विरोध जतायेंगे. ज्ञात हो 23 जुलाई की बैठक में काला फीता बांधकर विरोध जताने का निर्णय हुआ था, लेकिन आजादी के अमृत महोत्सव एवं अधिकारियों के आश्वासन के कारण अभी तक इंतजार किया गया.
केजीएमयू शिक्षक संघ के डॉ. केके सिंह की अध्यक्षता में एक बैठक आयोजित की गयी. आम सभा की 23 जुलाई 2022 को हुई बैठक में सर्वसम्मति से लिए गए निर्णयों के अनुपालन पर समीक्षा की गयी. अध्यक्ष डॉ केके सिंह ने बताया कि आम सभा के निर्णयों को लिखित रूप से विश्वविद्यालय प्रशासन एवं शासन को अवगत कराया गया था, लेकिन प्रशासनिक उदासीनता के कारण वैधानिक मांगें पूरी करने में अनावश्यक विलम्ब से शिक्षकों में नाराजगी है.
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा केजीएमयू के शिक्षकों को एसजीपीजीआई के समान वेतन भत्ते आदि देने के लिए केजीएमयू अधिनियम व परिनियमावली में वर्षों पूर्व ही संशोधन किया जा चुका है, लेकिन शासन के अधिकारियों द्वारा केजीएमयू के शिक्षकों को पीजीआई के समतुल्य वेतन दिनांक 1 जनवरी, 2016 से प्रभावी संशोधित पे-मैट्रिक्स एवं सेवानिवृत्तिक लाभ आदि के आदेश जारी करने में जानबूझकर हीलाहवाली की जा रही है.
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सचिव डॉ. संतोष कुमार ने कहा कि एक जनवरी, 2016 से प्रभावी संशोधित पे-मैट्रिक्स एवं सेवानिवृत्तिक लाभ ग्रेच्यूटी आदि के आदेश एसजीपीजीआई व राम मनोहर लोहिया के लिए जारी किए जा चुके हैं, किंतु केजीएमयू के शिक्षकों के लिए लम्बे समय बाद तक आदेश जारी नहीं किया गया है. बैठक में तय हुआ कि अब 29 अगस्त से 5 सितम्बर (शिक्षक दिवस) तक समस्त शिक्षकों द्वारा काला फीता बांधा जाएगा एवं इसके बाद 7 सितम्बर को पुनः आम सभा की बैठक में निर्णायक आंदोलन की रणनीति तय की जाएगी.
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