लखनऊ: शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना के संपादकीय में पर्यावरण संरक्षण और ध्वनि प्रदूषण कम करने के लिए केंद्र सरकार से मस्जिदों में लाउडस्पीकर के इस्तेमाल पर रोक लगाने की मांग की है. जिसके बाद इस मुद्दे पर अब विवाद खड़ा हो गया है. उधर, इस मामले को लेकर दारुल उलूम फरंगी महल के प्रवक्ता मौलाना सुफियान निजामी का भी बयान सामने आया है. मौलाना सुफियान निजामी का कहना है कि पर्यावरण प्रदूषण को लेकर अजान को निशाना बनाना हरगिज सही नहीं है.
यूपी में भी उठी थी मस्जिदों में लाउडस्पीकर के इस्तेमाल पर रोक लगाने की मांग
मौलाना सुफियान निजामी ने कहा कि इससे पहले उत्तर प्रदेश में एक अभियान चला था, जिसमें लाउडस्पीकर पर अजान किए जाने पर पाबंदी लगाने की कोशिश की गई. उसके लिए यहां की तमाम मस्जिदों के जिम्मेदारों ने ध्वनि प्रदूषण के तय मानकों के अनुसार अपने मस्जिद के लाउडस्पीकरों को सेट किया है. लेकिन, अब इस तरीके की बात महाराष्ट्र से सामने आ रही है, मुझे लगता है कि यह सिर्फ एक सियासी प्रोपोगंडा है. मौलाना सुफियान निजामी ने कहा कि, कहीं न कहीं मुसलमान शब्द लोगों को इस वक्त सियासात में सूट करता है. इसलिए हर बात में मुसलमानों को निशाना बनाकर और मुसलमानों के मजहबी जजबातों को भड़काकर सियासी पार्टियां अपना फायदा हासिल करने की कोशिश करती हैं.