लखनऊ : विकास प्राधिकरण की प्रबंध नगर योजना पिछले करीब 15 साल से कागजों में ही है. कुछ समय पहले ही पर्यावरण संबंधित विश्लेषण के लिये एलडीए एजेंसी का चयन कर रहा था, लेकिन एक बार फिर से सब कुछ ठंडे बस्ते में चला गया है. यह बात दीगर है कि करीब 2 साल पहले लविप्रा ने आईआईएम रोड की प्रबंध नगर योजना में रजिस्ट्री और म्यूटेशन पर रोक लगा दी थी. जिसकी वजह से यहां हजारों लोग अपने प्लाॅटों और मकानों को बेच नहीं सकते और ना ही यहां पर कुछ खरीद सकते हैं. लोग लखनऊ विकास प्राधिकरण से नाराज हैं, लेकिन कोई सुनवाई भी नहीं हो रही है.
लखनऊ विकास प्राधिकरण ने प्रबंध नगर योजना को 2008 में विकसित करना शुरू किया था. आईआईएम रोड के घैला, अल्लू नगर, डिगुरिया और मुत्तकीपुर गांवों को इसमें शामिल किया गया. करीब 1400 एकड़ में इस योजना को विकसित किया जाना था, लेकिन मुआवजे को लेकर किसान राजी नहीं हुए. किसान हाईकोर्ट चले गए जहां से केस लगभग क्लीयर भी हो चुका है. इसके बावजूद एलडीए इस योजना को जमीन पर नहीं उतार पा रहा है. इसकी वजह से लोगों का इस अच्छी योजना में आवास लेने का सपना अधूरा ही है.
लखनऊ जन कल्याण महासमिति के अध्यक्ष उमाशंकर दुबे का कहना है कि अवैध कॉलोनियों का विस्तार तेजी से बढ़ रहा है. इसलिए आईआईएम रोड की प्रबंध नगर योजना को जल्द से जल्द जमीन पर लाना होगा, ताकि लोगों की आवासीय आवश्यकताओं को पूरा किया जा सके.
लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष इंद्रमणि त्रिपाठी ने बताया कि प्रबंध नगर योजना में कुछ जमीन ऐसी है जो ग्राम समाज की है, उस पर कुछ विवाद है. इन विवादों को हम निपटा रहे हैं. इसके बाद में प्रबंध नगर योजना को विकसित किया जाएगा.
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मोहान रोड योजना का भी इंतजार : लविप्रा की मोहान रोड योजना का भी लोगों को इंतजार है. इस योजना को भी पांच साल बीत चुके हैं, लेकिन अभी तक जमीन पर काम नहीं शुरू हुआ है. एल्डिको लिमिटेड को इस योजना को विकसित करने का काम दिया गया है. दावा किया जा रहा है कि दीपावली तक यहां पर निर्माण कार्य शुरू हो जाएंगे. यहां लगभग 50 हजार परिवारों को बसाने की योजना है. उम्मीद की जा रही है कि मोहान रोड योजना के आने से आगरा एक्सप्रेस वे के नजदीक एक नई कॉलोनी लखनऊ को जरूर मिलेगी.
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