लखनऊ : उत्तर प्रदेश के तमाम प्राइवेट मदरसों का सर्वे (survey of madrassas) जारी है. राजधानी में भी गुरुवार से मदरसों के सर्वे (survey of madrassas) का आगाज़ हुआ. सर्वे टीम में शामिल SDM, BSA, DMO ने सबसे पहले शहर के बड़े मदरसे दारुल उलूम नदवा (Darul Uloom Nadwa ) पहुंचकर मदरसे के जिम्मेदारों से बात की. 15 अक्टूबर तक सर्वे टीम को यूपी के सभी गैर मान्यता प्राप्त मदरसों का निरीक्षण पूरा करना है. जिसके बाद 25 अक्टूबर तक मदरसों की रिपोर्ट शासन को भेजी जानी है.
ज़िला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी सोन कुमार ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि सर्वे टीम को पूरा सहयोग नदवा कॉलेज से मिला है. नदवे के तमाम जिम्मेदारों ने पूरे मदरसे में ले जाकर सभी 12 बिंदुओं की गहनता से जानकारी दी.
वहीं मदरसे के वाइस प्रिंसिपल अज़ीज़ भटकली ने कहा कि सर्वे टीम को पूरा सहयोग दिया गया और मदरसे से जुड़े तमाम सवाल पूछे गए, जिसकी जानकारी टीम को दी गई. उन्होंने बताया कि निजी सभी मदरसे चंदे से चलते हैं और सरकार से किसी भी तरह का अनुदान नहीं लिया जाता है.
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किसी भी सम्मानित धार्मिक-मज़हबी स्थान का सर्वे करवाना यदि न्यायपूर्ण नहीं है तो ये आस्थाओं को गहरी चोट पहुँचाता है।
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इंसाफ़ सबसे बड़ा धर्म होता है।
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इंसाफ़ सबसे बड़ा धर्म होता है।किसी भी सम्मानित धार्मिक-मज़हबी स्थान का सर्वे करवाना यदि न्यायपूर्ण नहीं है तो ये आस्थाओं को गहरी चोट पहुँचाता है।
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इंसाफ़ सबसे बड़ा धर्म होता है।
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