लखनऊ: सीनियर आईएएस भवानी सिंह खंगारौत ने मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक का कार्यभार संभाल लिया है. पदभार ग्रहण करने के बाद से ही वे एक्शन मोड में भी आ चुके हैं. लगातार उपकेंद्रों के दौरे कर रहे हैं. स्टोर पर बिजली के उपकरणों की जानकारी हासिल कर रहे हैं. ओटीएस योजना के लिए लोगों को प्रेरित भी कर रहे हैं. डिस्कॉम के एमडी के तौर पर जनसुनवाई के जरिए उपभोक्ताओं की समस्याओं का समाधान भी कर रहे हैं. ईटीवी भारत ने प्रबंध निदेशक भवानी सिंह खंगारौत से खास बातचीत की.
सवाल: जनसुनवाई में किस-किस तरह की शिकायतें आ रही हैं?
जवाब: मुख्य रूप से बिल रिवीजन की शिकायतें आती हैं. एक शिकायत आई जिसमें एक आवेदक नया कनेक्शन चाहता है और उसके घर से पोल की दूरी 40 मीटर से ज्यादा है. विभाग ने एस्टीमेट बनाकर दिया है, लेकिन जो धनराशि उपभोक्ता को चुकानी है वह बहुत ज्यादा है. वह देने में असमर्थ है. वह चाहता है कि उसको बिजली का कनेक्शन दिया जाए. अधिकांश विषय बिल रिवीजन से संबंधित आ रहे हैं.
जवाब: स्टोर की नियमित समीक्षा की जा रही है. क्रिटिकल आइटम की अवेलेबिलिटी क्या है? ऐसे आइटम जो बार-बार इस्तेमाल होते हैं जिनकी बड़ी क्वांटिटी में आवश्यकता होती है, उसकी समीक्षा की जाती है. जहां आइटम शाॅर्ट है और जहां उपलब्ध है वहां से डायवर्जन किया जाता है. वर्तमान में ऐसी स्थिति नहीं है कि कोई आइटम बिल्कुल उपलब्ध न होने के कारण किसी फाल्ट को दुरुस्त करने में, सप्लाई रिस्टोर करने में अड़चन आये. कुछ आइटम ऐसे हैं जिनकी अवलेबिलिटी बहुत शॉर्ट हो गई है. हम लोग इसका प्रोसेस कर रहे हैं. एडिशनल परचेज कर हम सप्लाई दे रहे हैं. उपभोक्ता सप्लाई के हित में मिटीरियल की कमी को आड़े नहीं आने दिया जाएगा.
सवाल : मध्यांचल में कुल 19 जिले हैं. बिजली आपूर्ति से संबंधित शिकायतें लगातार कस्टमर केयर पर आ रही हैं. समस्याओं का उस तरह से निदान नहीं हो पा रहा है. किस तरह से ऐसी शिकायतें कंट्रोल करेंगे?
जवाब: इसके लिए अल्पकालीन नीति जो अगले दो-तीन दिन में हमें इम्प्लीमेंट करनी है. इसके अलावा मीडियम टर्म नीति है, जिसमें अगले साल गर्मी में इस तरह की समस्या न आए या कम से कम सप्लाई कटे. अगर कटे भी तो मिनिमम समय में रिस्टोर हो. इसके लिए योजना बनाई गई है. हमारे जितने भी वरिष्ठ मुख्य अभियंता हैं उनसे सुझाव लेकर हम इस योजना पर काम कर रहे हैं. निश्चित रूप से गर्मी व लोड बढ़ने के कारण सिस्टम पर जो दबाव आया है उससे जनता को समस्या उठानी पड़ रही है. हम लोगों को भी अफसोस होता है कि हम उपभोक्ता को उस तरह की सर्विस नहीं दे पा रहे, लेकिन यह भी निश्चित है कि इस पर कार्य किया जा रहा है. आगे आने वाले समय में उपभोक्ताओं को यह परेशानी नहीं उठानी पड़ेगी जो आज उठानी पड़ रही है.
सवाल: घरेलू कनेक्शन का लोग व्यवसायिक इस्तेमाल कर रहे हैं, जिससे बिजली विभाग को घाटा हो रहा है. इन कनेक्शनों की किस तरह जांच कराएंगे?
जवाब: इस पर लगातार अभियान चल रहा है. मॉर्निंग रेड चल रही है. निश्चित रूप से इस समय जो सप्लाई की स्थिति है. उपभोक्ता को सेवा नहीं मिल पा रही है. इंफोर्समेंट में इस बात का ध्यान रखा जा रहा है कि उपभोक्ता के मन में किसी तरह का आक्रोश उत्पन्न न हो. बिजली चोरी की सूचना मिलते ही तुरंत वहां पर इंफोर्समेंट टीम के साथ अधिकारी पहुंचते हैं. हमारे यहां एडिशनल एसपी (विजिलेंस) का पूरा संगठन है. हमारे बिजली थाने हर जिले में हैं.
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सवाल: बिजली विभाग के कर्मचारियों के भी यहां भी अब मीटर लगाने की तैयारी है, इसकी शुरुआत कब से होगी?
जवाब: इस पर शीर्ष स्तर पर विचार चल रहा है. हम लोग प्रतीक्षा कर रहे हैं. जब इस प्रकार का स्पष्ट निर्देश हमें मिल जाएगा तो इसका हम पूरी तरह से पालन कराएंगे.
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