ETV Bharat / city

LU: समाजशास्त्र विभाग की वॉल ऑफ फेम में प्रो. एके सरन से लेकर गोपाल राय तक शामिल

लखनऊ विश्वविद्यालय में समाजशास्त्र विभाग की वॉल ऑफ फेम तैयार हो गई है. इसमें, देश भर के तमाम बड़े समाजशास्त्रियों के साथ ही प्रशासनिक अधिकारियों और राजनेताओं ने जगह बनाई हैं.

ईटीवी भारत
लखनऊ विश्वविद्यालय में समाजशास्त्र विभाग की वॉल ऑफ फेम
author img

By

Published : Jul 21, 2022, 10:51 AM IST

Updated : Jul 21, 2022, 11:22 AM IST

लखनऊः लखनऊ विश्वविद्यालय के समाजशास्त्र विभाग देश के किसी भी विश्वविद्लाय में स्थापित दूसरा समाजशास्त्र विभाग है. इसकी स्थापना 1921 में की गई थी. समन्वयक प्रो. डीआर साहू ने बताया कि 100 साल पूरे होने पर विभाग में शताब्दी वर्ष समारोह का आयोजन साल भर किया जाएगा. एक तरफ देश और दुनिया के जाने माने समाजशास्त्री प्रो. एके सरन, प्रो. टीएन मदन, प्रो. योगेन्द्र सिंह जैसे नाम शामिल हैं तो दूसरी तरफ भाजपा विधायक डॉ. आशीष सिंह और दिल्ली सरकार के मंत्री गोपाल राय भी हैं.

ईटीवी भारत
समाजशास्त्र विभाग की वॉल ऑफ फेम
समन्वयक प्रो. डीआर साहू बताते हैं कि 100 साल के अपने इतिहास में इस विभाग ने समाजशास्त्री की एक नई परिपाटी शुरू की. डॉ. राधाकमल मुखर्जी, डॉ. डीएन मजूमदार, डॉ. डीपी मुखर्जी, डॉ. अवध किशोर सरन जैसे विद्वानों के विचारों और उनके दिए गए सिद्धांतों को केवल भारत ही नहीं बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विश्वविद्यालयों के सिलेबस में शामिल किया गया है. डॉ. राधाकमल मुखर्जी को कुछ समय पहले ही विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने नेट के सिलेबस में जगह दी है. समन्वयक प्रो. डीआर साहू ने बताया कि प्रो. राधा कमल मुखर्जी को सामाजिक मूल्य, सामाजिक परिस्थितिकी, भारतीय सभ्यता पर किए गए इनके काम के लिए जाना जाता है. इसी तरह, डीपी मुखर्जी के द्वारा भारतीय युवाओं, भारतीय संस्कृति और विविधताएं पर किया गया काम आज भी दुनिया भर के विद्धानों के लिए अहम है.
ईटीवी भारत
लखनऊ विश्वविद्यालय में समाजशास्त्र विभाग की वॉल ऑफ फेम
ऑक्सफोर्ड प्रेस ने प्रकाशित की है किताब: लखनऊ विश्वविद्यालय के समाजशास्त्र विभाग एक मात्र ऐसा विभाग होगा जिसपर ऑक्सफोर्ड प्रेस ने किताब प्रकाशित की. सोशियोलॉजी एट द यूनिवर्सिटी ऑफ लखनऊ शीर्षक इस किताब को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के जाने माने समाजशास्त्री प्रो. टीएन मदन ने लिखा है. जिसका प्रकाशन 2014 में ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस ने किया. इस किताब में जहां विश्वविद्यालय के इस विभाग के बारे में जानकारी दी गई है वहीं, अंतरराष्ट्रीय स्तर के ख्याति प्राप्त समाजशास्त्री और यहां के शिक्षक राधाकमल मुखर्जी, डीएन मजूमदार, डीपी मुखर्जी, अवध किशोर सरन के शोध और लेखों को शामिल किया गया है. प्रो. डीआर साहू कहते हैं कि किसी भी संस्थान को उसके पूर्व छात्र की तरफ से दिया गया यह सबसे बड़ा तोहफा है. वॉल ऑफ फेम में इन्हें मिली जगह: 100 साल पूरे होने पर विभाग के तरफ से वॉल ऑफ फेम तैयार की गई है. प्रो. डीआर साहू ने बताया कि इसमें 20 पूर्व छात्रों को जगह दी गई है. जिनमें, 12 शैक्षिक जगत, 6 प्रशासनिक सेवा और 2 पब्लिक सेवा से शामिल किए गए हैं. इस सूची में जगह पाने वालों में प्रो. एके सरन, प्रो. टीएन मदन, प्रो. योगेन्द्र सिंह, प्रो. इम्तियाज अहमद, प्रो. बीआर चौहान, प्रो. हीरा सिंह, प्रो. आभा अवस्थी, प्रो. विवेक कुमार, प्रो. एमजी सिंह, प्रो. शफीकुर अहमद, प्रो. संजय सिंह, प्रो. अनिमेश बहादुर को शैक्षिक जगत से लिया गया है. वहीं, प्रशासनिक सेवा से आईएएस अनु गर्ग, आईआरएस डॉ. शिल्पी अग्रवाल, आईआरएस डॉ. प्रशांत शुक्ला, आईआरएस डॉ. आनंद भास्कर, मनप्रीत सिंह दुग्गल और डॉ. नितिका दुबे शामिल हैं. पब्लिक सर्विस कैटेगरी में एमएलए डॉ. आशीष सिंह और दिल्ली सरकार के मंत्री गोपाल राय को शामिल किया गया है.

ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

लखनऊः लखनऊ विश्वविद्यालय के समाजशास्त्र विभाग देश के किसी भी विश्वविद्लाय में स्थापित दूसरा समाजशास्त्र विभाग है. इसकी स्थापना 1921 में की गई थी. समन्वयक प्रो. डीआर साहू ने बताया कि 100 साल पूरे होने पर विभाग में शताब्दी वर्ष समारोह का आयोजन साल भर किया जाएगा. एक तरफ देश और दुनिया के जाने माने समाजशास्त्री प्रो. एके सरन, प्रो. टीएन मदन, प्रो. योगेन्द्र सिंह जैसे नाम शामिल हैं तो दूसरी तरफ भाजपा विधायक डॉ. आशीष सिंह और दिल्ली सरकार के मंत्री गोपाल राय भी हैं.

ईटीवी भारत
समाजशास्त्र विभाग की वॉल ऑफ फेम
समन्वयक प्रो. डीआर साहू बताते हैं कि 100 साल के अपने इतिहास में इस विभाग ने समाजशास्त्री की एक नई परिपाटी शुरू की. डॉ. राधाकमल मुखर्जी, डॉ. डीएन मजूमदार, डॉ. डीपी मुखर्जी, डॉ. अवध किशोर सरन जैसे विद्वानों के विचारों और उनके दिए गए सिद्धांतों को केवल भारत ही नहीं बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विश्वविद्यालयों के सिलेबस में शामिल किया गया है. डॉ. राधाकमल मुखर्जी को कुछ समय पहले ही विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने नेट के सिलेबस में जगह दी है. समन्वयक प्रो. डीआर साहू ने बताया कि प्रो. राधा कमल मुखर्जी को सामाजिक मूल्य, सामाजिक परिस्थितिकी, भारतीय सभ्यता पर किए गए इनके काम के लिए जाना जाता है. इसी तरह, डीपी मुखर्जी के द्वारा भारतीय युवाओं, भारतीय संस्कृति और विविधताएं पर किया गया काम आज भी दुनिया भर के विद्धानों के लिए अहम है.
ईटीवी भारत
लखनऊ विश्वविद्यालय में समाजशास्त्र विभाग की वॉल ऑफ फेम
ऑक्सफोर्ड प्रेस ने प्रकाशित की है किताब: लखनऊ विश्वविद्यालय के समाजशास्त्र विभाग एक मात्र ऐसा विभाग होगा जिसपर ऑक्सफोर्ड प्रेस ने किताब प्रकाशित की. सोशियोलॉजी एट द यूनिवर्सिटी ऑफ लखनऊ शीर्षक इस किताब को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के जाने माने समाजशास्त्री प्रो. टीएन मदन ने लिखा है. जिसका प्रकाशन 2014 में ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस ने किया. इस किताब में जहां विश्वविद्यालय के इस विभाग के बारे में जानकारी दी गई है वहीं, अंतरराष्ट्रीय स्तर के ख्याति प्राप्त समाजशास्त्री और यहां के शिक्षक राधाकमल मुखर्जी, डीएन मजूमदार, डीपी मुखर्जी, अवध किशोर सरन के शोध और लेखों को शामिल किया गया है. प्रो. डीआर साहू कहते हैं कि किसी भी संस्थान को उसके पूर्व छात्र की तरफ से दिया गया यह सबसे बड़ा तोहफा है. वॉल ऑफ फेम में इन्हें मिली जगह: 100 साल पूरे होने पर विभाग के तरफ से वॉल ऑफ फेम तैयार की गई है. प्रो. डीआर साहू ने बताया कि इसमें 20 पूर्व छात्रों को जगह दी गई है. जिनमें, 12 शैक्षिक जगत, 6 प्रशासनिक सेवा और 2 पब्लिक सेवा से शामिल किए गए हैं. इस सूची में जगह पाने वालों में प्रो. एके सरन, प्रो. टीएन मदन, प्रो. योगेन्द्र सिंह, प्रो. इम्तियाज अहमद, प्रो. बीआर चौहान, प्रो. हीरा सिंह, प्रो. आभा अवस्थी, प्रो. विवेक कुमार, प्रो. एमजी सिंह, प्रो. शफीकुर अहमद, प्रो. संजय सिंह, प्रो. अनिमेश बहादुर को शैक्षिक जगत से लिया गया है. वहीं, प्रशासनिक सेवा से आईएएस अनु गर्ग, आईआरएस डॉ. शिल्पी अग्रवाल, आईआरएस डॉ. प्रशांत शुक्ला, आईआरएस डॉ. आनंद भास्कर, मनप्रीत सिंह दुग्गल और डॉ. नितिका दुबे शामिल हैं. पब्लिक सर्विस कैटेगरी में एमएलए डॉ. आशीष सिंह और दिल्ली सरकार के मंत्री गोपाल राय को शामिल किया गया है.

ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

Last Updated : Jul 21, 2022, 11:22 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.