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नमक घोटाला: अभियुक्त की जमानत याचिका खारिज

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Published : Jun 12, 2021, 4:18 PM IST

लखनऊ हाईकोर्ट बेंच ने नमक घोटाला मामले के अभियुक्त आशीष राय की अल्प अवधि जमानत याचिका को खारिज कर दिया है. यह आदेश न्यायमूर्ति राजीव सिंह की एकल पीठ ने दिया.

लखनऊ हाईकोर्ट.
लखनऊ हाईकोर्ट.

लखनऊ: हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने नमक घोटाला मामले के अभियुक्त आशीष राय की अल्प अवधि जमानत याचिका को खारिज कर दिया है. अभियुक्त ने पत्नी की बीमारी के आधार पर 15 दिनों की रिहाई की प्रार्थना की थी. यह आदेश न्यायमूर्ति राजीव सिंह की एकल पीठ ने अभियुक्त की याचिका पर दिया.

अभियुक्त इस मामले में जेल में निरुद्ध है. अभियुक्त का कहना था कि उसकी पत्नी और तीन बच्चे कोविड-19 से पीड़ित हैं. लिहाजा उनकी देखभाल करने के लिए अल्प अवधि की जमानत दी जाए. हालांकि बाद में उसकी ओर से कोर्ट को यह जानकारी भी दी गई कि उसकी पत्नी मेडिसन हॉस्पिटल में 30 मई को भर्ती हुई थी और 1 जून को उसे डिस्चार्ज कर दिया गया. याचिका पर कुछ देर चली बहस के उपरांत याची के अधिवक्ता ने याचिका को वापस लेने की अनुमति देने का अनुरोध किया, जिसे मंजूर करते हुए न्यायालय ने याचिका को खारिज कर दिया.


अभियुक्त पर इस मामले के अन्य मुल्जिमों के साथ मिलकर नमक सप्लाई का ठेका दिलाने के एवज में छह करोड़ छह लाख रुपये की ठगी का आरोप है. इस मामले की एफआईआर 11 अगस्त 2020 को नीलम नरेंद्र भाई पटेल ने थाना हजरतगंज में दर्ज कराई थी. उन्होंने आशीष राय के अलावा सुनील गुर्जर उर्फ मोंटी गुर्जर, राघव, एसके अग्निहोत्री, रितुल जोशी, लोकेश मिश्रा, कलीम अहमद व अन्य के खिलाफ तहरीर दी थी. उनकी तहरीर पर अभियुक्तों को आईपीसी की धारा 506, 471, 468, 467, 420, 419 व 120बी के साथ ही भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 व 13 के तहत नामजद किया गया था.

पढ़ें-सोपोर : लश्कर आतंकी हमले में पांच की मौत, दो घायल

लखनऊ: हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने नमक घोटाला मामले के अभियुक्त आशीष राय की अल्प अवधि जमानत याचिका को खारिज कर दिया है. अभियुक्त ने पत्नी की बीमारी के आधार पर 15 दिनों की रिहाई की प्रार्थना की थी. यह आदेश न्यायमूर्ति राजीव सिंह की एकल पीठ ने अभियुक्त की याचिका पर दिया.

अभियुक्त इस मामले में जेल में निरुद्ध है. अभियुक्त का कहना था कि उसकी पत्नी और तीन बच्चे कोविड-19 से पीड़ित हैं. लिहाजा उनकी देखभाल करने के लिए अल्प अवधि की जमानत दी जाए. हालांकि बाद में उसकी ओर से कोर्ट को यह जानकारी भी दी गई कि उसकी पत्नी मेडिसन हॉस्पिटल में 30 मई को भर्ती हुई थी और 1 जून को उसे डिस्चार्ज कर दिया गया. याचिका पर कुछ देर चली बहस के उपरांत याची के अधिवक्ता ने याचिका को वापस लेने की अनुमति देने का अनुरोध किया, जिसे मंजूर करते हुए न्यायालय ने याचिका को खारिज कर दिया.


अभियुक्त पर इस मामले के अन्य मुल्जिमों के साथ मिलकर नमक सप्लाई का ठेका दिलाने के एवज में छह करोड़ छह लाख रुपये की ठगी का आरोप है. इस मामले की एफआईआर 11 अगस्त 2020 को नीलम नरेंद्र भाई पटेल ने थाना हजरतगंज में दर्ज कराई थी. उन्होंने आशीष राय के अलावा सुनील गुर्जर उर्फ मोंटी गुर्जर, राघव, एसके अग्निहोत्री, रितुल जोशी, लोकेश मिश्रा, कलीम अहमद व अन्य के खिलाफ तहरीर दी थी. उनकी तहरीर पर अभियुक्तों को आईपीसी की धारा 506, 471, 468, 467, 420, 419 व 120बी के साथ ही भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 व 13 के तहत नामजद किया गया था.

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