लखनऊ: पूर्व आईजी अमिताभ ठाकुर (former IG amitabh thakur) की अपने खिलाफ दर्ज मुकदमे में अग्रिम विवेचना की अर्जी को लखनऊ जिला न्यायालय (Lucknow district court) ने खारिज कर दिया गया है.
पूर्व आईजी अमिताभ ठाकुर (former IG amitabh thakur) की गिरफ्तारी के समय पुलिस की कार्रवाई में बाधा डालने के आरोपों को लेकर मुकदमा दर्ज किया गया था. इसी मामले में अग्रिम विवेचना कराए जाने की याचिका को CJM रवि कुमार गुप्ता ने सोमवार को खारिज कर दिया. कोर्ट ने पूर्व IPS की अर्जी को खारिय करते हुए कहा कि, इस मामले में विवेचना समाप्त हो चुकी है और कोर्ट मामले में संज्ञान भी ले चुका है. इस मामले में अब अग्रिम विवेचना कराया जाना विधि संभव नहीं होगा. अमिताभ ठाकुर ने कोर्ट में अर्जी देकर मामले की अग्रिम विवेचना कराने की मांग की थी. उन्होंने कहा था कि, गोमती नगर थाने में उनके और उनकी पत्नी नूतन ठाकुर के खिलाफ दर्ज मुकदमा पूरी तरह झूठा है. यह मामला पुलिस उन्हें प्रताड़ित करने के लिए दर्ज करवाया था. पुलिस ने विवेचना के समय उनके किसी भी साक्ष्य को नहीं लिया और एक पक्षीय विवेचना कर आरोप पत्र कोर्ट भेज दिया.
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चोरी के अभियुक्तों को 3-3 साल कारावास: जिले में चोरी के माल का बंटवारा करने पर झगड़ा करते समय पुलिस ने 3 आरोपियों को गिरफ्तार किया था. जावेद खान, शमशेर बाल्मीकि और भीम सिंह को आयुर्वेद घोटाला प्रकरण के विशेष न्यायाधीश डॉ. अवनीश कुमार (Lucknow district court) ने 3-3 साल के कठोर कारावास और 5-5 हजार रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई है.
अदालत के समक्ष अभियोजन की ओर से सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता विकास सिंह और पंकज श्रीवास्तव का तर्क था कि, 1 अगस्त 2019 को अमीनाबाद थाने के नजीराबाद पुलिस चौकी के उप निरीक्षक गिरीश चन्द्र पांडेय को सूचना मिली थी, कि झंडे वाले पार्क में कुछ नशेड़ी आपस में मारपीट कर रहे हैं. वहीं, सूचना मिलते ही पुलिस बल मौके पर पहुंचा तो देखा कि तीनों आरोपी नशे में धुत थे. पुलिस तीनों से झगड़ा करने कारण पूछा तो उन्होंने बताया कि, वह लोग चोरी के माल के बटवारे को लेकर आपस में मारपीट कर रहे थे. वहीं, पुलिस ने तीनों के पास से कई मोबाइल फोन और नकद रुपये बरामद किये थे. इन आरोपियों की इस मामले में अभी तक जमानत नहीं हुई थी. उन्होंने अपना जुर्म स्वीकार करते हुए अदालत से नरम रुख अपनाने की मांग की थी.
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