लखनऊ: सीएए और एनआरसी के प्रदर्शन के दौरान संघर्ष का बड़ा चेहरा बन कर उभरीं सदफ जफर को कांग्रेस राष्ट्रीय महासचिव व यूपी प्रभारी प्रियंका गांधी ने लखनऊ मध्य विधानसभा सीट से उम्मीदवार बनाया है. टिकट मिलने से सदफ जफर काफी खुश हैं. उन्होंने प्रियंका गांधी का धन्यवाद दिया. यूपी विधानसभा चुनाव 2022 को लेकर उनकी रणनीति के बारे में जानने के लिए ईटीवी भारत की टीम ने सदफ जफर से खास बातचीत की.
ईटीवी भारत से बात करतीं लखनऊ मध्य विधानसभा क्षेत्र की कांग्रेस प्रत्याशी सदफ जफर कांग्रेस उम्मीदवार सदफ जफर ने कहा कि मुझे बड़ी जिम्मेदारी मिली है. जीत तो तब होगी, जब संविधान जीतेगा और कांग्रेस जीतेगी. महिलाओं का संघर्ष कभी रुकता नहीं है. प्रियंका ने इस संघर्ष को देखा, समझा और उन तमाम महिलाओं से मिलीं. उत्तर प्रदेश में जाति और धर्म के नाम पर चुनाव लड़ा जाता है. आज महिलाओं को उन्होंने मुख्य मुद्दा बनाकर खड़ा कर दिया है. उनकी कोई धर्म और जात नहीं है. वो सिर्फ महिला हैं और उनका संघर्ष है. सदफ जफर ने कहा कि अपनी सीट बचाने के लिए बृजेश पाठक ने पत्र लिखकर जरूर सार्वजनिक कर दिया. कम से कम एक मोहल्ला क्लीनिक खुलवा देते. कोरोना काल में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और हमारे साथियों ने काम किया. बृजेश पाठक यह सब करने में नाकाम रहे. चुनाव तो वो तभी हार गए थे. रही बात संघर्ष की तो रोटी, कपड़ा, मकान, पढ़ाई, दवा और सुरक्षा यही मेरे मुद्दे हैं. इन्हीं को लेकर मैं मैदान में उतरूंगी. प्राथमिक शिक्षा, प्राथमिक चिकित्सा को जिस तरह दरकिनार किया गया है. उसको लेकर काम करूंगी. मुद्दे भाजपा बनाम सदफ नहीं है, बल्कि भाजपा बनाम जनता है. कांग्रेस उम्मीदवार ने कहा कि समाजवादी पार्टी ने महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण देने का बिल फाड़ कर फेंक दिया था. सपा ने बीजेपी के नेताओं के लिए दरवाजे खोल दिए हैं. बोतल से जहर का लेबल हटाकर, उसके ऊपर अमृत लिख देने से वह अमृत नहीं हो जाता. जहर तो जहर ही रहता है. इनको जनता सबक सिखाएगी. महिलाएं लड़ती आई हैं, लड़ेंगी भी और जीतेंगे भी. मेरे कंधे पर बहुत बड़ी जिम्मेदारी आ गई है.
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सदफ जफर ने कहा कि मेरे बच्चे, शेरनी के बच्चे हैं. वो बहुत मजबूत हैं और संघर्ष में हमेशा मेरे साथ रहे हैं. वो काफी खुश हैं. अब एक तरफ मेरी बेटी का बोर्ड एग्जाम है, तो दूसरी तरफ मेरा इम्तिहान है. अब दोनों मां-बेटी साथ में इम्तिहान देंगे और अच्छे नंबरों से पास होंगे. अगर जनता मुझे मौका देती है, तो मुख्य मुद्दे बेरोजगारी और अशिक्षा हैं. सरकारी स्कूलों की हालत खराब है. स्मार्टफोन न होने की वजह से बच्चों की पढ़ाई छूट गई है. वह तमाम मुद्दे और कांग्रेस का जो अपना मेनिफेस्टो है, उन तमाम चीजों को लेकर मैं काम करूंगी.
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