लखनऊ : पुरानी हिंदी फिल्मों में ज्यादातर विलेन का धंधा सोने की स्मगलिंग का हुआ करता था. वो कभी सोने के बिस्किट की स्मगलिंग समुद्र के रास्ते तो कभी ट्रकों के जरिये करते थे. दौर बदला और स्मगलिंग में एकाएक रोक लग गई. अब एक बार फिर बीते कुछ सालों में भारत में सोने की तस्करी बहुत तेजी से बढ़ती जा रही है. खासकर राजधानी लखनऊ के रास्ते सोने की तस्करी में तेजी आई है. बीते तीन साल में कस्टम विभाग ने लखनऊ में 126 किलो सोना पकड़ा है. इसकी कीमत 50 करोड़ से भी ज्यादा है.
कोरोना काल में बढ़ी सोने की तस्करी : कस्टम अधिकारी अजय मिश्र के मुताबिक, बीते तीन साल के आंकड़ों को देखें तो साल 2019-20 व 2020-21 वित्तीय वर्ष से अधिक इस वित्तीय वर्ष में लखनऊ में सोना पकड़ा गया है. कारण साफ है कि कोरोना के कारण सभी लाभ देने वाले धंधे ठप पड़ गए हैं. ऐसे में सोना ही ऐसा है जो सबसे अधिक मुनाफा देता है. इस कारण सोने की तस्करी बढ़ रही है. उनके मुताबिक, साल 2019-20 में 51.73 किलो सोना लखनऊ एयरपोर्ट पर पकड़ा गया था जिसकी कीमत 13.36 करोड़ थी. वहीं, 2020-21 वित्तीय साल में 14.04 करोड़ की कीमत का 26.62 किलो सोना जब्त किया गया था. सबसे ज्यादा मौजूदा वित्तीय साल 2021-22 में सोना जब्त किया गया है. इस साल 47.67 किलो सोना पकड़ा गया है जिसकी कीमत 23.33 करोड़ रुपये थी.
कस्टम अधिकारी के मुताबिक, भारत में सोने की स्मगलिंग दुबई, बैंकाॅक, मस्कट, शारजाह, दुबई, सऊदी से होती है. हालांकि अब चीन, ताइवान और हांगकांग के रास्ते भी सोना भारत लाया जा रहा है. अधिकारी के मुताबिक, खाड़ी देशों में सोना कस्टम फ्री होता है जबकि भारत में कस्टम फीस व जीएसटी को मिला लें तो सोने में 6 लाख रुपये अधिक पड़ता है जिस कारण सोने की स्मगलिंग की जाती है.
हवाई रास्तों के अलावा भी हो रही है स्मगलिंग : लखनऊ के चौधरी चरण सिंह अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट में पकड़ा जाने वाला सोना न सिर्फ लखनऊ बल्कि देश के कोने-कोने तक स्मगल किया जाता है. वहीं, भारत के पड़ोसी देशों जैसे भूटान, म्यामांर, बांग्लादेश व नेपाल के रास्ते भी भारत में सोना स्मगल होता है. इस बात की तस्दीक राजस्व खुफिया निदेशालय (DRI) के साल 2018 से 2021 तक के आंकड़े करते हैं. इसके मुताबिक DRI की यूपी यूनिट ने विभिन्न माध्यमों से तस्करी किए जाने वाले करीब 286 किलो सोने को जब्त किया है. इसकी भारत में कीमत करीब 1.43 अरब है. इसमें सबसे ज्यादा सोना साल 2021 में स्मगल किया गया है.
इस वर्ष इतना पकड़ा गया सोना
वर्ष 2018- 37 किलो 877 ग्राम
वर्ष 2019- 66 किलो 732 ग्राम
वर्ष 2020- 52 किलो 006 ग्राम
वर्ष 2021- 129 किलो 706 ग्राम
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क्या हुए हैं नियमों में बदलाव : भारत में आर्थिक सुधार से पहले सोने की तस्करी चरम पर थी लेकिन 90 के दशक में गोल्ड कंट्रोल एक्ट 1960 पर फिर से विचार किया गया. यह एक्ट गहने छोड़कर किसी भी तरह के सोने के निर्यात पर पाबंदी लगाता था. आर्थिक सुधारों के बाद सोने की तस्करी लगभग खत्म हो गई क्योंकि सीमा शुल्क महज 2 प्रतिशत ही था. इससे तस्करी करने में कोई मुनाफा नहीं था. साल 2013 के बाद केंद्र सरकार ने फिर से नियमों में बदलाव किया. इससे सोने पर लगने वाली ड्यूटी चार गुना बढ़ गई. ऐसे में सस्ते सोने की चाह में एक बार फिर तस्करी ने जोर पकड़ लिया.
कैसे होती है स्मगलिंग : सोने को तस्करी करने के लिए तस्कर कई नायाब तरीके निकालते हैं. लखनऊ के चौधरी चरण सिंह एयरपोर्ट में तस्करी करने वाले कभी शूटकेस का हैंडल सोने का बनवा कर लाते हैं तो कभी बालों की विग में सोना छिपाया जाता है. पूर्व कस्टम अधिकारी महेंद्र शुक्ला के मुताबिक, अधिकारी जिस तस्कर को सोने के साथ पकड़ता है वो असल में महज एक कुरियर होता है. जिसे सोने के तस्करी करने के लिए प्रयोग में लाया जाता है. इन्हें तस्करी करने के उन तरीकों के बारे में पहले से ही बता दिया जाता है जिन तरीकों से पहले भी तस्करी की जा चुकी होती है. कई मामलों में वो पकड़े जाते हैं और उनका सोना जब्त हो जाता है. हालांकि ये तस्कर 700 ग्राम से ज्यादा सोना नहीं लाते हैं. कारण है कि 700 ग्राम से कम व 20 लाख की कीमत तक का सोना मिलने पर तस्कर गिरफ्तार नहीं होता है. बस सोना ही जब्त किया जाता है.
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