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लखनऊ: सरकारी जमीन पर 15 साल से संचालित हो रहा था अस्पताल, जिला प्रशासन ने ढहाया

लखनऊ जिला प्रशासन इन दिनों भू माफियाओं के खिलाफ अभियान चला रहा है. इसी कड़ी में जिला प्रशासन की टीम ने सरोजनीनगर तहसील में करीब डेढ़ करोड़ रुपये की सरकारी जमीन को कब्जा मुक्त कराया. इस जमीन पर करीब 15 सालों से एक प्राइवेट अस्पताल संचालित हो रहा था.

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Published : Jun 23, 2020, 10:42 AM IST

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अवैध निर्माण को ढहाया गया

लखनऊः जिला प्रशासन लगातार भू माफियाओं के खिलाफ अभियान चला रहा है. जिसमें पिछले दो सप्ताह से शहर के भू-माफियाओं के खिलाफ अभियान जारी है. इसी कड़ी में जिला प्रशासन की टीम ने सरोजनीनगर तहसील में करीब डेढ़ करोड़ से अधिक की सरकारी जमीन को अवैध कब्जे से मुक्त कराया.

सरकारी जमीन पर था कब्जा
सरोजनी नगर तहसील के कल्ली पश्चिम में जिला प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए एक स्थानीय नेता के कब्जे से सरकारी जमीन को मुक्त कराया. स्थानीय नेता ने सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा कर इस पर एक बिल्डिंग बनवाई थई. जिसे उसने अस्पताल के लिए किराए पर दिया था. जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश ने आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के निर्देश दिए हैं.

उप जिलाधिकारी के नेतृत्व में चला अभियान
सरोजनीनगर तहसील के उपजिलाधिकारी प्रफुल्ल त्रिपाठी और उनकी टीम ने यह अभियान चलाया. कल्ली पश्चिम के गाटा संख्या 1955ख के 0.049 रकबे पर एक मकान बना था. अभियान के दौरान पैमाइश कराने पर पता चला कि यह जमीन सरकारी है. जिस पर अवैध कब्जा किया गया है. इस जमीन पर अजय यादव नाम एक व्यक्ति ने बिल्डिंग बनाकर अस्पताल के लिए किराए पर दिया था.

15 साल से संचालित था अस्पताल
सरकारी जमीन पर बना यह अस्पताल पिछले 15 साल से संचालित हो रहा था. अधिकारियों ने बताया कि आरोपी अजय यादव की पत्नी ब्लॉक प्रमुख भी रह चुकी हैं. इस मामले में तहसीलदार न्यायिक की ओर से बेदखली के आदेश पहले ही जारी हो चुके थे.

भू-माफियाओं से सरकारी जमीन खाली कराने में नायब तहसीलदार मनीष त्रिपाठी, राजस्व निरीक्षक जितेंद्र सिंह, लेखपाल त्रिवेणी प्रसाद और भारी संख्या में पुलिस बल मौजूद रहा. वहीं जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश ने बताया कि खाली कराई गई जमीन की कीमत करीब 1 करोड़ 56 लाख है. साथ ही उन्होंने कहा कि किसी भी प्रकार से सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा नहीं होने दिया जाएगा.

लखनऊः जिला प्रशासन लगातार भू माफियाओं के खिलाफ अभियान चला रहा है. जिसमें पिछले दो सप्ताह से शहर के भू-माफियाओं के खिलाफ अभियान जारी है. इसी कड़ी में जिला प्रशासन की टीम ने सरोजनीनगर तहसील में करीब डेढ़ करोड़ से अधिक की सरकारी जमीन को अवैध कब्जे से मुक्त कराया.

सरकारी जमीन पर था कब्जा
सरोजनी नगर तहसील के कल्ली पश्चिम में जिला प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए एक स्थानीय नेता के कब्जे से सरकारी जमीन को मुक्त कराया. स्थानीय नेता ने सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा कर इस पर एक बिल्डिंग बनवाई थई. जिसे उसने अस्पताल के लिए किराए पर दिया था. जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश ने आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के निर्देश दिए हैं.

उप जिलाधिकारी के नेतृत्व में चला अभियान
सरोजनीनगर तहसील के उपजिलाधिकारी प्रफुल्ल त्रिपाठी और उनकी टीम ने यह अभियान चलाया. कल्ली पश्चिम के गाटा संख्या 1955ख के 0.049 रकबे पर एक मकान बना था. अभियान के दौरान पैमाइश कराने पर पता चला कि यह जमीन सरकारी है. जिस पर अवैध कब्जा किया गया है. इस जमीन पर अजय यादव नाम एक व्यक्ति ने बिल्डिंग बनाकर अस्पताल के लिए किराए पर दिया था.

15 साल से संचालित था अस्पताल
सरकारी जमीन पर बना यह अस्पताल पिछले 15 साल से संचालित हो रहा था. अधिकारियों ने बताया कि आरोपी अजय यादव की पत्नी ब्लॉक प्रमुख भी रह चुकी हैं. इस मामले में तहसीलदार न्यायिक की ओर से बेदखली के आदेश पहले ही जारी हो चुके थे.

भू-माफियाओं से सरकारी जमीन खाली कराने में नायब तहसीलदार मनीष त्रिपाठी, राजस्व निरीक्षक जितेंद्र सिंह, लेखपाल त्रिवेणी प्रसाद और भारी संख्या में पुलिस बल मौजूद रहा. वहीं जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश ने बताया कि खाली कराई गई जमीन की कीमत करीब 1 करोड़ 56 लाख है. साथ ही उन्होंने कहा कि किसी भी प्रकार से सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा नहीं होने दिया जाएगा.

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