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बीजेपी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष ने अपनी ही सरकार खड़े किए सवाल, ऊर्जा मंत्री को लिखा पत्र

उत्तर प्रदेश सरकार के पूर्व अध्यक्ष डॉ. लक्ष्मीकांत बाजपेई ने ऊर्जा विभाग पर सवाल खड़े किए. ऐसे ही तमाम बिंदुओं पर पूर्व अध्यक्ष ने ऊर्जा मंत्री को पत्र लिखकर अवगत कराया है. ऊर्जा मंत्री ने उनके इस पत्र का संज्ञान लिया है और अधिकारियों को निर्देशित कर दिया है.

ऊर्जा मंत्री को लिखा पत्र.
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Published : Aug 29, 2019, 11:20 PM IST

लखनऊ: उत्तर प्रदेश भाजपा के पूर्व अध्यक्ष डॉक्टर लक्ष्मीकांत बाजपेई ने अपनी ही सरकार के ऊर्जा विभाग पर सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने आरोप लगाया है कि बिजली विभाग के अधिकारी घालमेल करके उपभोक्ताओं को परेशान कर रहे हैं. उनके साथ अन्याय किया जा रहा है. इस संबंध में उन्होंने ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा को पत्र लिखकर सारी चीजों से अवगत अवगत कराया है.

ऊर्जा मंत्री को लिखा पत्र.
डॉ. लक्ष्मीकांत बाजपेई ने स्मार्ट मीटर को लेकर जिक्र किया और कहा वर्तमान में घरों में स्मार्ट मीटर लगाए जा रहे हैं. इससे पहले 2002 में विभाग की ओर से इलेक्ट्रॉनिक मीटर और 2006 में चाइनीज मीटर लगाए गए थे. अब पश्चिमांचल की ओर से स्मार्ट मीटर लगाए जा रहे हैं. अब प्रीपेड मीटर लगाने की योजना है. उन्होंने कहा कि ऐसा आभास हो रहा है कि या तो विभाग की नजरों में पिछला इलेक्ट्रॉनिक मीटर चोर था या अब जनता की नजरों में आज का स्मार्ट मीटर लूटेरा है.

तुलनात्मक अध्ययन जरूरी-

उन्होंने कहा कि उचित होगा कि कम से कम प्रत्येक बिजली घर के प्रत्येक 10 कनेक्शन के बिलों को चेक करके देखा जाना चाहिए. जिससे पता चल सके कि इलेक्ट्रानिक मीटर से उपभोक्ता का कितना बिल आता था. और स्मार्ट मीटर से उपभोक्ता का कितना बिल आ रहा है. इसका तुलनात्मक अध्ययन किया जाना आवश्यक है.

ऊर्जा मंत्री ने पत्र का लिया संज्ञान-
इसके अलावा उन्होंने बिजली चोरी के छापे को लेकर भी सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने कहा कि बिजली चोरी रोकने के लिए छापे पड़ते हैं. इसमें कोई आपत्ति नहीं है, बिजली चोरी रोकी ही जानी चाहिए. उन्होंने कहा कि बिजली चोरी के लिए छापे पड़ते हैं और मीटर उतारकर लैब में लाया जाता है. उपभोक्ता को बुलाया जाता है. उतारे गए मीटर की सील बिल्कुल ठीक है, नंबर सील दो टेम्पर्ड है, नंबर तीन सील टूटी है. अगर सील टूटी हुई नहीं है तो फिर उपभोक्ता की कोई गलती नहीं है. उसे प्रताड़ित नहीं किया जाना चाहिए. ऐसे ही तमाम बिंदुओं पर पूर्व अध्यक्ष ने ऊर्जा मंत्री को पत्र लिखकर अवगत कराया है. हालांकि ऊर्जा मंत्री ने उनके इस पत्र का संज्ञान लिया है और अधिकारियों को निर्देशित कर दिया है.


हमारी सरकार चाहती है कि पार्टी के जो भी कार्यकर्ता या नेता हैं. अगर उनको कहीं कोई कमी दिखती है तो उससे सरकार को अवगत कराएं. डॉक्टर बाजपेई ने यही काम किया है, जो कमियां थी उसको लेकर उन्होंने ऊर्जा विभाग को अवगत करा दिया है. निश्चित तौर पर ऊर्जा विभाग इस संबंध में कार्रवाई करेगा.

-हीरो बाजपेई, प्रवक्ता, भाजपा, यूपी

लखनऊ: उत्तर प्रदेश भाजपा के पूर्व अध्यक्ष डॉक्टर लक्ष्मीकांत बाजपेई ने अपनी ही सरकार के ऊर्जा विभाग पर सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने आरोप लगाया है कि बिजली विभाग के अधिकारी घालमेल करके उपभोक्ताओं को परेशान कर रहे हैं. उनके साथ अन्याय किया जा रहा है. इस संबंध में उन्होंने ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा को पत्र लिखकर सारी चीजों से अवगत अवगत कराया है.

ऊर्जा मंत्री को लिखा पत्र.
डॉ. लक्ष्मीकांत बाजपेई ने स्मार्ट मीटर को लेकर जिक्र किया और कहा वर्तमान में घरों में स्मार्ट मीटर लगाए जा रहे हैं. इससे पहले 2002 में विभाग की ओर से इलेक्ट्रॉनिक मीटर और 2006 में चाइनीज मीटर लगाए गए थे. अब पश्चिमांचल की ओर से स्मार्ट मीटर लगाए जा रहे हैं. अब प्रीपेड मीटर लगाने की योजना है. उन्होंने कहा कि ऐसा आभास हो रहा है कि या तो विभाग की नजरों में पिछला इलेक्ट्रॉनिक मीटर चोर था या अब जनता की नजरों में आज का स्मार्ट मीटर लूटेरा है.

तुलनात्मक अध्ययन जरूरी-

उन्होंने कहा कि उचित होगा कि कम से कम प्रत्येक बिजली घर के प्रत्येक 10 कनेक्शन के बिलों को चेक करके देखा जाना चाहिए. जिससे पता चल सके कि इलेक्ट्रानिक मीटर से उपभोक्ता का कितना बिल आता था. और स्मार्ट मीटर से उपभोक्ता का कितना बिल आ रहा है. इसका तुलनात्मक अध्ययन किया जाना आवश्यक है.

ऊर्जा मंत्री ने पत्र का लिया संज्ञान-
इसके अलावा उन्होंने बिजली चोरी के छापे को लेकर भी सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने कहा कि बिजली चोरी रोकने के लिए छापे पड़ते हैं. इसमें कोई आपत्ति नहीं है, बिजली चोरी रोकी ही जानी चाहिए. उन्होंने कहा कि बिजली चोरी के लिए छापे पड़ते हैं और मीटर उतारकर लैब में लाया जाता है. उपभोक्ता को बुलाया जाता है. उतारे गए मीटर की सील बिल्कुल ठीक है, नंबर सील दो टेम्पर्ड है, नंबर तीन सील टूटी है. अगर सील टूटी हुई नहीं है तो फिर उपभोक्ता की कोई गलती नहीं है. उसे प्रताड़ित नहीं किया जाना चाहिए. ऐसे ही तमाम बिंदुओं पर पूर्व अध्यक्ष ने ऊर्जा मंत्री को पत्र लिखकर अवगत कराया है. हालांकि ऊर्जा मंत्री ने उनके इस पत्र का संज्ञान लिया है और अधिकारियों को निर्देशित कर दिया है.


हमारी सरकार चाहती है कि पार्टी के जो भी कार्यकर्ता या नेता हैं. अगर उनको कहीं कोई कमी दिखती है तो उससे सरकार को अवगत कराएं. डॉक्टर बाजपेई ने यही काम किया है, जो कमियां थी उसको लेकर उन्होंने ऊर्जा विभाग को अवगत करा दिया है. निश्चित तौर पर ऊर्जा विभाग इस संबंध में कार्रवाई करेगा.

-हीरो बाजपेई, प्रवक्ता, भाजपा, यूपी

Intro:लखनऊ। उत्तर प्रदेश भारतीय जनता पार्टी के पूर्व अध्यक्ष डॉक्टर लक्ष्मीकांत वाजपेई ने अपनी ही सरकार के ऊर्जा विभाग पर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने आरोप लगाया है कि बिजली विभाग के अधिकारी घालमेल करके और उपभोक्ताओं को परेशान कर रहे हैं। उनके साथ अन्याय किया जा रहा है। इसके साथ ही उन्होंने सवाल खड़ा किया है उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन लिमिटेड और सामान्य जनता के बीच में एक अविश्वास की रेखा है। इस संबंध में उन्होंने ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा को पत्र लिखकर सारी चीजों से अवगत अवगत कराया और इस पूरे प्रकरण में हस्तक्षेप की मांग की है।


Body:डॉ लक्ष्मीकांत बाजपेई ने स्मार्ट मीटर को लेकर जिक्र किया और कहा वर्तमान में घरों में स्मार्ट मीटर लगाए जा रहे हैं। इससे पहले 2002 में विभाग द्वारा इलेक्ट्रॉनिक मीटर तथा 2006 में चाइनीस मीटर लगाए गए थे। अब पश्चिमांचल द्वारा स्मार्ट मीटर लगाए जा रहे हैं। जानकारी के अनुसार अब प्रीपेड मीटर लगाने की योजना है। तब यह मीटर जो भी लग जाएगा तब फिर उतरे हुए वर्तमान स्मार्ट मीटरों का क्या होगा ? उन्होंने कहा कि ऐसा आभास हो रहा है कि या तो विभाग की नजरों में पिछला इलेक्ट्रॉनिक मीटर चोर था, या अब जनता की नजरों में आज का स्मार्ट मीटर लूटेरा है। उचित होगा कि कम से कम प्रत्येक बिजली घर के प्रत्येक के 10 कनेक्शन के बिलों को चेक करके यह देखा जाना चाहिए कि इलेक्ट्रानिक मीटर से उपभोक्ता का कितना बिल आता था और स्मार्ट मीटर से उपभोक्ता का कितना बिल आ रहा है। इसका तुलनात्मक अध्ययन किया जाना आवश्यक है।

इसके अलावा उन्होंने बिजली चोरी के छापे को लेकर भी सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने कहा कि बिजली चोरी रोकने के लिए छापे पड़ते हैं। हमें इसमें कोई आपत्ति नहीं है। बिजली चोरी रोकी ही जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि बिजली चोरी के लिए छापे पड़ते हैं और मीटर उतारकर लैब में लाया जाता है। उपभोक्ता को बुलाया जाता है। होना यह चाहिए कि मौके पर जो कागज उपभोक्ता को रेड की टीम द्वारा दिया जाता है, उसमें सबसे पहले तीन बातें अंकित होनी चाहिए। उतारे गए मीटर की सील बिल्कुल ठीक है, नंबर दो सील टेम्पर्ड है, नंबर तीन सील टूटी है। अगर सील टूटी हुई नहीं है तो फिर उपभोक्ता की कोई गलती नहीं है। उसे प्रताड़ित नहीं किया जाना चाहिए। ऐसे ही तमाम बिंदुओं पर पूर्व अध्यक्ष ने ऊर्जा मंत्री को पत्र लिखकर अवगत कराया है। हालांकि ऊर्जा मंत्री ने उनके इस पत्र का संज्ञान लिया है और अधिकारियों को निर्देशित कर दिया है।

बाईट- यूपी बीजेपी के प्रवक्ता हीरो बाजपेई का कहना है कि हमारी सरकार चाहती है कि पार्टी के जो भी कार्यकर्ता, नेता हैं। वह अगर कहीं कोई कमी दिखती है तो उससे सरकार को अवगत कराएं। डॉक्टर बाजपेई ने यही काम किया है। जो कमियां थी उसको लेकर उन्होंने ऊर्जा विभाग को अवगत करा दिया है। निश्चित तौर पर ऊर्जा विभाग इस संबंध में कार्यवाही करेगा।


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