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उत्तर प्रदेश में हाईवे के प्रोजेक्ट के लिए अगस्त तक उपलब्ध करानी होगी जमीन : मुख्य सचिव

मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्र ने बुधवार को एनएचएआई व जिलाधिकारियों के साथ बैठक की. इस दौरान उन्होंने कहा कि एनएचएआई के सभी हाईवे प्रोजेक्ट के लिए अलग-अलग जिलों के जिलाधिकारियों को जुलाई या फिर अगस्त के अंत तक हर हाल में जमीन उपलब्ध करानी होगी.

उत्तर प्रदेश में हाईवे
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Published : Jul 13, 2022, 11:17 PM IST

लखनऊ : उत्तर प्रदेश में एनएचएआई के सभी हाईवे प्रोजेक्ट के लिए अलग-अलग जिलों के जिलाधिकारियों को जुलाई या फिर अगस्त के अंत तक हर हाल में जमीन उपलब्ध करानी होगी. मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्र ने बुधवार को एनएचएआई के साथ हुई मीटिंग में जिलाधिकारियों से यह बात कही. मुख्य सचिव ने स्पष्ट कहा है कि सभी तरह की एनओसी से लेकर जमीन की उपलब्धता तक एनएचएआई को कहीं कोई दिक्कत हाई-वे निर्माण में नहीं आने दी जाएगी.

एनएचएआई की उत्तर प्रदेश में चल रही परियोजनाओं के संबंध में प्रदेश के मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र की अध्यक्षता में बुधवार को समीक्षा बैठक आयोजित हुई. बैठक को संबोधित करते हुए मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने कहा कि यूपी में सड़क, रेल और हवाई कनेक्टिविटी के विकास की दिशा में ऐतिहासिक कार्य किया जा रहा है. आगे भी समय के साथ सड़क कनेक्टिविटी को तेजी से बढ़ाने की जरूरत है. प्रदेश में भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के माध्यम से चल रही राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं के निर्माण कार्यों में आ रही बाधाओं को विभागीय समन्वय से दूर कर कार्यों को तेजी से पूरा किया जाएगा.


उन्होंने जिलाधिकारियों को नियत तिथि तक भूस्वामियों को मुआवजा दिलवाते हुये भूमि का हस्तान्तरण एनएचएआई को करवाने का निर्देश दिये. उन्होंने एनएचएआई के अधिकारियों को भी निर्देशित किया कि जिलाधिकारियों के पास भूस्वामियों को मुआवजा वितरित करने के लिये पर्याप्त धनराशि की उपलब्धता सुनिश्चित करायी जाये. जिससे कब्जा दिलाने में किसी प्रकार की कोई समस्या न हो. अधिकांश जिलाधिकारियों ने 31 जुलाई व 31 अगस्त, 2022 तक एनएचएआई को मार्ग निर्माण के लिए सम्पूर्ण लम्बाई में भूमि का कब्जा दिलाने एवं भूस्वामियों को मुआवजे के वितरण का आश्वासन दिया.


मुख्य सचिव ने कहा कि विकास की गति जितनी तेज होगी, प्रदेश का विकास उतनी ही शीघ्रता से होगा. सभी अधिकारी प्रदेश के विकास के लिये राष्ट्रीय राजमार्ग के भूमि अर्जन, वन विभाग से क्लियरेन्स, यूटिलिटी शिफ्टिंग आदि कार्यों को प्राथमिकता पर पूर्ण करायें. चेयरपर्सन एनएचएआई अलका उपाध्याय ने बताया कि प्रदेश में 45652 करोड़ की परियोजनायें पूर्ण की जा चुकी हैं. 7610 करोड़ की परियोजनायें लगभग पूर्ण होने की स्थिति में हैं. इसके अतिरिक्त 53102 करोड़ की परियोजनाओं का कार्य प्रगति पर है. इसके साथ ही 19477 करोड़ की परियोजनाओं के लिए संविदाकारों का चयन कर अनुबन्ध हो चुके हैं. चालू वित्तीय वर्ष 2022-23 में लगभग 35040 करोड़ की परियोजनाओं के निर्माण कार्य के लिए संविदाकारों का चयन करके कार्य प्रारम्भ कराया जाना लक्षित है एवं इसके साथ-साथ 22126 करोड़ की परियोजनाओं की डीपीआर भी तैयार की जा रही है.

ये भी पढ़ें : लखनऊ में चार साल में 1300 निर्माणों को ढहाने का हुआ आदेश, 15 भी पूरी तरह से नहीं गिराए

बैठक में अपर मुख्य सचिव राजस्व, प्रमुख सचिव लोक निर्माण विभाग, सिंचाई, वन, सचिव आवास के साथ ही जनपद बागपत, मुजफ्फरनगर, शामली, मेरठ, सहारनपुर, बिजनौर, मथुरा, हाथरस, अलीगढ़, मुरादाबाद, रामपुर, शाहजहांपुर, गोरखपुर, महराजगंज, उन्नाव एवं लखनऊ के जिलाधिकारी मौजूद रहे.

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लखनऊ : उत्तर प्रदेश में एनएचएआई के सभी हाईवे प्रोजेक्ट के लिए अलग-अलग जिलों के जिलाधिकारियों को जुलाई या फिर अगस्त के अंत तक हर हाल में जमीन उपलब्ध करानी होगी. मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्र ने बुधवार को एनएचएआई के साथ हुई मीटिंग में जिलाधिकारियों से यह बात कही. मुख्य सचिव ने स्पष्ट कहा है कि सभी तरह की एनओसी से लेकर जमीन की उपलब्धता तक एनएचएआई को कहीं कोई दिक्कत हाई-वे निर्माण में नहीं आने दी जाएगी.

एनएचएआई की उत्तर प्रदेश में चल रही परियोजनाओं के संबंध में प्रदेश के मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र की अध्यक्षता में बुधवार को समीक्षा बैठक आयोजित हुई. बैठक को संबोधित करते हुए मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने कहा कि यूपी में सड़क, रेल और हवाई कनेक्टिविटी के विकास की दिशा में ऐतिहासिक कार्य किया जा रहा है. आगे भी समय के साथ सड़क कनेक्टिविटी को तेजी से बढ़ाने की जरूरत है. प्रदेश में भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के माध्यम से चल रही राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं के निर्माण कार्यों में आ रही बाधाओं को विभागीय समन्वय से दूर कर कार्यों को तेजी से पूरा किया जाएगा.


उन्होंने जिलाधिकारियों को नियत तिथि तक भूस्वामियों को मुआवजा दिलवाते हुये भूमि का हस्तान्तरण एनएचएआई को करवाने का निर्देश दिये. उन्होंने एनएचएआई के अधिकारियों को भी निर्देशित किया कि जिलाधिकारियों के पास भूस्वामियों को मुआवजा वितरित करने के लिये पर्याप्त धनराशि की उपलब्धता सुनिश्चित करायी जाये. जिससे कब्जा दिलाने में किसी प्रकार की कोई समस्या न हो. अधिकांश जिलाधिकारियों ने 31 जुलाई व 31 अगस्त, 2022 तक एनएचएआई को मार्ग निर्माण के लिए सम्पूर्ण लम्बाई में भूमि का कब्जा दिलाने एवं भूस्वामियों को मुआवजे के वितरण का आश्वासन दिया.


मुख्य सचिव ने कहा कि विकास की गति जितनी तेज होगी, प्रदेश का विकास उतनी ही शीघ्रता से होगा. सभी अधिकारी प्रदेश के विकास के लिये राष्ट्रीय राजमार्ग के भूमि अर्जन, वन विभाग से क्लियरेन्स, यूटिलिटी शिफ्टिंग आदि कार्यों को प्राथमिकता पर पूर्ण करायें. चेयरपर्सन एनएचएआई अलका उपाध्याय ने बताया कि प्रदेश में 45652 करोड़ की परियोजनायें पूर्ण की जा चुकी हैं. 7610 करोड़ की परियोजनायें लगभग पूर्ण होने की स्थिति में हैं. इसके अतिरिक्त 53102 करोड़ की परियोजनाओं का कार्य प्रगति पर है. इसके साथ ही 19477 करोड़ की परियोजनाओं के लिए संविदाकारों का चयन कर अनुबन्ध हो चुके हैं. चालू वित्तीय वर्ष 2022-23 में लगभग 35040 करोड़ की परियोजनाओं के निर्माण कार्य के लिए संविदाकारों का चयन करके कार्य प्रारम्भ कराया जाना लक्षित है एवं इसके साथ-साथ 22126 करोड़ की परियोजनाओं की डीपीआर भी तैयार की जा रही है.

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बैठक में अपर मुख्य सचिव राजस्व, प्रमुख सचिव लोक निर्माण विभाग, सिंचाई, वन, सचिव आवास के साथ ही जनपद बागपत, मुजफ्फरनगर, शामली, मेरठ, सहारनपुर, बिजनौर, मथुरा, हाथरस, अलीगढ़, मुरादाबाद, रामपुर, शाहजहांपुर, गोरखपुर, महराजगंज, उन्नाव एवं लखनऊ के जिलाधिकारी मौजूद रहे.

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