लखनऊ : उत्तर प्रदेश के श्रम एवं सेवायोजन मंत्री अनिल राजभर ने गुरुवार को अपने विभाग की 100 दिन की उपलब्धियां गिनाईं. उन्होंने दावा किया कि इस दौरान करीब 25000 युवाओं को प्राइवेट क्षेत्रों में नियोजित किया गया है. वह गुरुवार को लोक भवन में आयोजित प्रेसवार्ता में बोल रहे थे. उन्होंने कहा कि 100 दिन के लक्ष्यों के अन्तर्गत किए जाने वाले कार्याें में विशेष रूप से महिलाओं की सुरक्षा, विभिन्न नियोजनों में उनकी भागीदारी को बढ़ाना, चीनी व आसवनी उद्योग के श्रमिकों के वेतन में वृद्धि करना तथा बाल एवं बंधुआ श्रम उन्मूलन की दिशा में महत्वपूर्ण कार्याें को प्रारम्भ किया जाना शामिल है. साथ ही, छोटे दुकानदारों को पंजीकरण व अन्य सभी दुकानदारों को नवीनीकरण से मुक्त किया जाना सम्मिलित है.
मंत्री ने किए यह दावे : प्रदेश में बंधुआ श्रमिकों की समस्याओं को दृष्टिगत रखते हुए बंधुआ श्रम से सम्बन्धित सभी कार्रवाईयों को ऑनलाइन कर दिया गया है. इससे श्रमिकों, बंधुआ श्रमिकों के सम्बन्ध में कार्य कर रहीं संस्थायें ऑनलाइन शिकायत कर सकती हैं. इस ऑनलाइन व्यवस्था के अन्तर्गत ऑनलाइन फार्म भरकर अथवा दूरभाष पर भी शिकायत की जा सकती है. उप्र इस प्रकार का ऑनलाइन पोर्टल बनाने वाला देश में प्रथम राज्य है.
बाल श्रम के सम्बन्ध में अनिल राजभर ने बताया कि 2011 की जनगणना के अनुसार उप्र देश में कामकाजी बच्चों की संख्या की दृष्टि से प्रथम स्थान पर था. वर्तमान सरकार ने यह निर्णय लिया है कि आगामी 05 वर्षाें में प्रदेश को बाल श्रम जैसी कुप्रथा से मुक्त कराया जाना है. इसके दृष्टिगत नया सवेरा योजना के अन्तर्गत 20 जिलों में कामकाजी बच्चों को कार्य से अवमुक्त कराकर उनका विद्यालयों में प्रवेश कराया जा रहा है. साथ ही, उनके परिवारिजनों को सरकार की विभिन्न सामाजिक सुरक्षा योजनाओं से लाभन्वित किया जा रहा है. 100 दिवसीय कार्ययोजना के अन्तर्गत हॉट-स्पाट (ग्राम पंचायतों व शहरी वार्डाें) से बाल श्रम मुक्त घोषित कराया जाना था. जिसके सापेक्ष 12 जून 2022 को अन्तर्राष्ट्रीय बाल श्रम निषेध दिवस के अवसर पर 275 हॉट-स्पाट (179 ग्राम पंचायतों व 96 शहरी वार्ड) को बाल श्रम मुक्त घोषित कराया गया है. इस अवसर पर इस कार्य में सहयोग के लिए सम्बन्धित ग्राम प्रधानों व वार्ड पार्षदों को भी प्रोत्साहित व सम्मानित किया गया.
100 दिवसीय कार्ययोजना में चीनी व आसवानी उद्योग में नियोजित श्रमिकों के वेतन के पुनरीक्षण का लक्ष्य था. इस लक्ष्य को प्राप्त करते हुए चीनी व आसवनी उद्योग में श्रमिकों का वेतन पुनरीक्षण कर दिया गया है. जिससे की चीनी मीलों के श्रमिकों को एरियर के रूप में लगभग 78,000 रुपए मिलेगा तथा लगभग 1600-1700 रुपए तक की वेतन वृद्धि होगी. आसवानी उद्योग में एरियर के रूप लगभग 69,000 रुपए व लगभग 1450 रुपए प्रति माह वेतन में वृद्धि होगी. 100 दिन की कार्ययोजना के अन्तर्गत बिना कर्मचारी वाले दुकानदारों को पंजीकरण से मुक्त कराना व अन्य दुकानदारों को प्रत्येक 05 वर्ष में नवीनीकरण से मुक्त किये जाने का लक्ष्य था. इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए नियमावली में आवश्यक संशोधन कर लिये गये हैं. मंत्रीपरिषद के अनुमोदन के उपरान्त शीघ्र ही इस व्यवस्था को लागू कर दिया जायेगा.
उन्होंने कहा कि 100 दिवसीय कार्ययोजना के अन्तर्गत कर्मचारी राज्य बीमा चिकित्सालयों व औषद्यालयों द्वारा 104 स्थानों पर विशेष स्वास्थ्य कैंपों का आयोजन किया गया. जिसमें 139857 लाभार्थियों को लाभान्वित कराया गया.
ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप