लखनऊ: केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर कर कोरोना को देखते हुए राज्य सरकारों को हरिद्वार से 'गंगा जल' लाने के लिए कांवड़ियों की आवाजाही की अनुमति नहीं देने की सिफारिश की है. इसके बाद उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने शासन के अधिकारियों से कांवड़ संघों और दूसरे राज्यों से संपर्क करने के निर्देश दिए हैं.
सुप्रीम कोर्ट में दायर हलफनामे में केंद्र सरकार ने कहा कि धार्मिक भावनाओं को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकारों को टैंकरों के माध्यम से 'गंगा जल' उपलब्ध कराना चाहिए. टैंकर चिन्हित स्थानों पर उपलब्ध हों ताकि आस-पास के भक्त 'गंगा जल' प्राप्त कर सकें. श्रद्धालु अपने नजदीकी मंदिरों में 'अभिषेक' कर सकेंगे. केंद्र के अनुसार इस दौरान राज्य सरकारों को सुनिश्चित करना चाहिए कि कोरोना प्रोटोकॉल का पालन किया जाए.
केंद्र के इस कदम से राज्य सरकार हरकत में आ गयी है. उत्तर प्रदेश शासन कांवड़ यात्रा को लेकर कांवड़ संघों से बातचीत कर रहा है. कोरोना की तीसरी लहर की आशंका के मद्देनजर कांवड़ संघ खुद यात्रा स्थगित करने का निर्णय ले सकते हैं. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 9 जुलाई को भी कांवड़ संघों से बातचीत करने का आदेश दिया था.
सीएम योगी ने कहा कि अधिकारी लोकल स्तर पर कांवड़ संघ से संवाद स्थापित कर पिछले वर्ष की तरह निर्णय लेने का प्रयास करें. पिछले वर्ष भी प्रशासन से बातचीत के बाद कांवड़ संघ ने यात्रा स्थगित करने की घोषणा की थी. सीएम योगी ने कहा कि महामारी व्यक्ति की जाति, चेहरा और मजहब नहीं देखती है. उन्होंने एसीएस होम और डीजीपी को दूसरे राज्यों से इस बारे में बातचीत करने को कहा है.