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हर घर नल जल योजना में लापरवाही, जलशक्ति विभाग के निशाने पर इंजीनियर

लखनऊ में हर घर नल जल योजना (har ghar nal jal scheme) में इंजीनियरों की लापरवाही बरतने की शिकायतें आ रही हैं. इन इंजीनियरों पर जलशक्ति विभाग एक्शन ले सकता है.

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Published : Sep 1, 2022, 1:25 PM IST

लखनऊ: हर घर नल जल योजना में अभियंता लापरवाही कर रहे हैं. जिले के कई गांव की रिपोर्ट में समय पर कनेक्शन का लक्ष्य पूरा नहीं हो पा रहा है. इसकी वजह अभियंताओं की लापरवाही बताई जा रही है. कई जिलों में शिकायतों के आधार पर एक सूची तैयार की जा रही है, उस पर कार्रवाई होगी.

जलशक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह (Minister Swatantra Dev Singh) ने पिछले दिनों जल जीवन मिशन (Jal Jeevan Mission) के तहत प्रदेश की हर घर नल जल योजना की गहन समीक्षा की थी. समीक्षा बैठक के दौरान जलशक्ति मंत्री ने सुस्त रफ्तार वाले इंजीनियरों को सीधा और सख्त संदेश दिया था. उन्होंने कहा था कि सुस्त रफ्तार से काम करने वाले इंजीनियरों के लिए हर घर नल जल योजना में जगह नहीं है. उन्होंने अधिकारियों को नल कनेक्शन संख्या के आधार पर इंजीनियरों की रफ्तार तय करने के निर्देश दिए. जलशक्ति मंत्री ने योजना में लापरवाही और धीमी गति से काम करने वाले इंजीनियरों को बाहर करने की बात कही थी.

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मंत्री स्वतंत्र देव सिंह (Minister Swatantra Dev Singh) ने कहा कि हर घर नल जल योजना की प्रगति की निरंतर निगरानी की जिम्मेदारी मुख्य अभियंताओं की है. उन्होंने चेतावनी दी कि जिन जिलों में घर-घर नल पहुंचाने का काम गति नहीं पकड़ेगा, वहां के इंजीनियरों को उन जिलों से हटाया जाएगा. उन्होंने कहा कि गांव-गांव में काम को गति देने के लिए फील्ड में उतरना पड़ेगा. निगरानी करने के साथ जिला प्रशासन का सहयोग और ग्राम प्रधानों के साथ बैठकें करनी होंगी. उन्होंने इंजीनियरों से एक-एक करके प्रदेश में महिलाओं को दी जा रही पानी जांच की ट्रेनिंग और नल कनेक्शनों के बारे में अधिक जानकारी देने के लिए कहा.

जल जीवन मिशन (Jal Jeevan Mission) के तहत रेट्रोफिटिंग योजना से जुड़े गांवों में योजना पूरी होने के बाद भी अगर सभी घरों में नल कनेक्शन नहीं मिले. ऐसे में एजेंसियों को बड़ी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा. ऐसी एजेंसियों के खिलाफ विभाग मुकदमा भी दर्ज कराएगा. जांच और कार्रवाई में लापरवाही बरतने वाले इंजीनियरों के खिलाफ भी बड़े एक्शन की तैयारी है. योजना से आच्छादित गांव में हर हाल में सौ फीसदी कनेक्शन होना चाहिए. दोषी एजेंसियों पर कार्रवाई करने में देरी करने वाले इंजीनियरों के खिलाफ भी सख्त एक्शन लिया जाएगा.

यह भी पढ़ें: चंबल की बाढ़ से गांव में बहकर पहुंचा मगरमच्छ, जानें फिर क्या हुआ

लखनऊ: हर घर नल जल योजना में अभियंता लापरवाही कर रहे हैं. जिले के कई गांव की रिपोर्ट में समय पर कनेक्शन का लक्ष्य पूरा नहीं हो पा रहा है. इसकी वजह अभियंताओं की लापरवाही बताई जा रही है. कई जिलों में शिकायतों के आधार पर एक सूची तैयार की जा रही है, उस पर कार्रवाई होगी.

जलशक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह (Minister Swatantra Dev Singh) ने पिछले दिनों जल जीवन मिशन (Jal Jeevan Mission) के तहत प्रदेश की हर घर नल जल योजना की गहन समीक्षा की थी. समीक्षा बैठक के दौरान जलशक्ति मंत्री ने सुस्त रफ्तार वाले इंजीनियरों को सीधा और सख्त संदेश दिया था. उन्होंने कहा था कि सुस्त रफ्तार से काम करने वाले इंजीनियरों के लिए हर घर नल जल योजना में जगह नहीं है. उन्होंने अधिकारियों को नल कनेक्शन संख्या के आधार पर इंजीनियरों की रफ्तार तय करने के निर्देश दिए. जलशक्ति मंत्री ने योजना में लापरवाही और धीमी गति से काम करने वाले इंजीनियरों को बाहर करने की बात कही थी.

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मंत्री स्वतंत्र देव सिंह (Minister Swatantra Dev Singh) ने कहा कि हर घर नल जल योजना की प्रगति की निरंतर निगरानी की जिम्मेदारी मुख्य अभियंताओं की है. उन्होंने चेतावनी दी कि जिन जिलों में घर-घर नल पहुंचाने का काम गति नहीं पकड़ेगा, वहां के इंजीनियरों को उन जिलों से हटाया जाएगा. उन्होंने कहा कि गांव-गांव में काम को गति देने के लिए फील्ड में उतरना पड़ेगा. निगरानी करने के साथ जिला प्रशासन का सहयोग और ग्राम प्रधानों के साथ बैठकें करनी होंगी. उन्होंने इंजीनियरों से एक-एक करके प्रदेश में महिलाओं को दी जा रही पानी जांच की ट्रेनिंग और नल कनेक्शनों के बारे में अधिक जानकारी देने के लिए कहा.

जल जीवन मिशन (Jal Jeevan Mission) के तहत रेट्रोफिटिंग योजना से जुड़े गांवों में योजना पूरी होने के बाद भी अगर सभी घरों में नल कनेक्शन नहीं मिले. ऐसे में एजेंसियों को बड़ी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा. ऐसी एजेंसियों के खिलाफ विभाग मुकदमा भी दर्ज कराएगा. जांच और कार्रवाई में लापरवाही बरतने वाले इंजीनियरों के खिलाफ भी बड़े एक्शन की तैयारी है. योजना से आच्छादित गांव में हर हाल में सौ फीसदी कनेक्शन होना चाहिए. दोषी एजेंसियों पर कार्रवाई करने में देरी करने वाले इंजीनियरों के खिलाफ भी सख्त एक्शन लिया जाएगा.

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