ETV Bharat / city

डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम टेक्निकल यूनिवर्सिटी में महत्वपूर्ण बैठक, छात्रों के हित में लिए गए ये बड़े फैसले

डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम तकनीकी विश्वविद्यालय (Dr. APJ Abdul Kalam Technical University) लखनऊ में बुधवार को परीक्षा समिति की बैठक हुई. इसमें कुलपति की अध्यक्षता में समीति ने पठन-पाठन और छात्रों की सुविधा को लेकर कई महत्वपूर्ण फैसले लिए.

Etv Bharat
डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम टेक्निकल यूनिवर्सिटी
author img

By

Published : Aug 25, 2022, 10:21 AM IST

लखनऊः डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम तकनीकी विश्वविद्यालय (Dr. APJ Abdul Kalam Technical University) लखनऊ में बुधवार को कुलपति प्रो. प्रदीप कुमार मिश्र की अध्यक्षता में बैठक की गई. इस बैठक में परीक्षा समिति ने कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए. छात्र और उनके अभिभावकों को अपनी प्रतिक्रिया देने के प्रस्ताव पर सर्वसम्मति से मुहर लगी. अब छात्र पठन-पाठन एवं परीक्षा से संबंधित अपना फीडबैक विश्वविद्यालय को दे सकेंगे. छात्रों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए फीस जमा करने के लिए यूपीआई के प्रयोग को भी हरी झंडी दे दी गई.

फीडबैक से होगा फायदाः विश्वविद्यालय प्रशासन के अनुसार, डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम तकनीकी विश्वविद्यालय लखनऊ से प्रदेश के करीब साढ़े सात सौ से ज्यादा संस्थान संबद्ध हैं, जहां काफी संख्या में छात्र पढ़ाई करते हैं. ऐसे में छात्रों को अपनी बात कहने के लिए अब विश्वविद्यालय ने सुविधा प्रदान की है. छात्र अपने लॉग इन पर दिए गए फॉर्म को भरकर पठन-पाठन एवं परीक्षा से संबंधित अपनी प्रतिक्रिया दे सकेंगे. इससे न केवल विश्वविद्यालय के छात्रों की समस्याओं का पता चलेगा, बल्कि उसे दूर करने में भी सहूलियत मिलेगी. इससे कॉलेजों की मनमानी पर भी अंकुश लगेगा.

फीस जमा करने में मिली सुविधाः अभी तक छात्र विश्वविद्यालय में परीक्षा संबंधित कार्यों के लिए जमा होने वाली फीस को ई-बैंकिंग या चालान के जरिये जमा किया जाता था. इससे कई बार छात्रों को काफी समस्या होती थी. कई बार वो सर्वर नहीं चलने पर समय से फीस भी जमा नहीं कर पाते. ऐसे में समिति ने छात्रों की सुविधा को देखते हुए फीस जमा करने के लिए यूपीआई का प्रयोग करने को भी सहमति दे दी. अब छात्र ई-बैंकिंग और चालान के साथ-साथ यूपीआई से भी भुगतान कर सकेंगे.

सिर्फ अपना रिजल्ट देख सकेंगे छात्रः बैठक में परीक्षा समिति ने परीक्षा परिणाम गोपनीय रखने का निर्णय लिया है. अब कोई भी किसी का परीक्षा परिणाम नहीं देख सकेगा. सिर्फ संबंधित छात्र और संस्थान अपने छात्रों का रिजल्ट देख सकेंगे. इससे न केवल पारदर्शिता आएगी बल्कि संस्थानों के बीच रिजल्ट के जरिये नंबर वन साबित करने की होड़ पर भी लगाम लगेगी.

ये भी पढ़ें- लखनऊ विश्वविद्यालय ने जारी किया परास्नातक प्रवेश परीक्षा की तिथि, जानिए कब होंगी परिक्षाएं

परीक्षा केंद्र बनने से नहीं कर सकेंगे इनकारः अभी तक कई विश्वविद्यालय से संबद्ध कई संस्थान अपने यहां परीक्षा केंद्र बनाने को लेकर इनकार कर देते हैं. इससे न केवल परीक्षा समय से कराने में दिक्कत आती थी, बल्कि छात्रों को भी समस्याएं होती हैं. ऐसे में समिति ने निर्णय लिया है कि अब संबद्धता नियम में ही यह रहेगा कि कॉलेज परीक्षा केंद्र बनाये जा सकते हैं. इसके बाद जो कॉलेज इनकार करेंगे उनके खिलाफ सीट कटौती की कार्रवाई की जाएगी.

कुलपति की अध्यक्षता में समिति ने उस प्रस्ताव को भी हरी झंडी दे दी जिसके तहत अब परीक्षा से पहले ही छात्र अपना सेशनल का अंक अपने लॉगइन पर देख सकेंगे. इस निर्णय से कॉलेज को समय से सेशनल अंक अपलोड करना होगा. समिति ने परीक्षा भवन की स्थापना के लिए प्रस्ताव देने को कहा है. जिससे कि परीक्षा से संबंधित कार्य बिना कि व्यवधान के समय से पूरा हो सके. बैठक में कुलसचिव सचिन सिंह, वित्त अधिकारी जीपी सिंह, प्रति कुलपति प्रो. मनीष गौड़, प्रो. एचके पालिवाल, डिप्टी कंट्रोलर डॉ. एसएस सोंम, ज्वाइंट कंट्रोलर राकेश पैजवार, प्रो. मलेंदु मिश्रा सहित अन्य लोग मौजूद रहें.

ये भी पढ़ें- सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय में प्रवेश प्रकिया शुरू, जानिए कब तक होगा आवेदन

लखनऊः डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम तकनीकी विश्वविद्यालय (Dr. APJ Abdul Kalam Technical University) लखनऊ में बुधवार को कुलपति प्रो. प्रदीप कुमार मिश्र की अध्यक्षता में बैठक की गई. इस बैठक में परीक्षा समिति ने कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए. छात्र और उनके अभिभावकों को अपनी प्रतिक्रिया देने के प्रस्ताव पर सर्वसम्मति से मुहर लगी. अब छात्र पठन-पाठन एवं परीक्षा से संबंधित अपना फीडबैक विश्वविद्यालय को दे सकेंगे. छात्रों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए फीस जमा करने के लिए यूपीआई के प्रयोग को भी हरी झंडी दे दी गई.

फीडबैक से होगा फायदाः विश्वविद्यालय प्रशासन के अनुसार, डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम तकनीकी विश्वविद्यालय लखनऊ से प्रदेश के करीब साढ़े सात सौ से ज्यादा संस्थान संबद्ध हैं, जहां काफी संख्या में छात्र पढ़ाई करते हैं. ऐसे में छात्रों को अपनी बात कहने के लिए अब विश्वविद्यालय ने सुविधा प्रदान की है. छात्र अपने लॉग इन पर दिए गए फॉर्म को भरकर पठन-पाठन एवं परीक्षा से संबंधित अपनी प्रतिक्रिया दे सकेंगे. इससे न केवल विश्वविद्यालय के छात्रों की समस्याओं का पता चलेगा, बल्कि उसे दूर करने में भी सहूलियत मिलेगी. इससे कॉलेजों की मनमानी पर भी अंकुश लगेगा.

फीस जमा करने में मिली सुविधाः अभी तक छात्र विश्वविद्यालय में परीक्षा संबंधित कार्यों के लिए जमा होने वाली फीस को ई-बैंकिंग या चालान के जरिये जमा किया जाता था. इससे कई बार छात्रों को काफी समस्या होती थी. कई बार वो सर्वर नहीं चलने पर समय से फीस भी जमा नहीं कर पाते. ऐसे में समिति ने छात्रों की सुविधा को देखते हुए फीस जमा करने के लिए यूपीआई का प्रयोग करने को भी सहमति दे दी. अब छात्र ई-बैंकिंग और चालान के साथ-साथ यूपीआई से भी भुगतान कर सकेंगे.

सिर्फ अपना रिजल्ट देख सकेंगे छात्रः बैठक में परीक्षा समिति ने परीक्षा परिणाम गोपनीय रखने का निर्णय लिया है. अब कोई भी किसी का परीक्षा परिणाम नहीं देख सकेगा. सिर्फ संबंधित छात्र और संस्थान अपने छात्रों का रिजल्ट देख सकेंगे. इससे न केवल पारदर्शिता आएगी बल्कि संस्थानों के बीच रिजल्ट के जरिये नंबर वन साबित करने की होड़ पर भी लगाम लगेगी.

ये भी पढ़ें- लखनऊ विश्वविद्यालय ने जारी किया परास्नातक प्रवेश परीक्षा की तिथि, जानिए कब होंगी परिक्षाएं

परीक्षा केंद्र बनने से नहीं कर सकेंगे इनकारः अभी तक कई विश्वविद्यालय से संबद्ध कई संस्थान अपने यहां परीक्षा केंद्र बनाने को लेकर इनकार कर देते हैं. इससे न केवल परीक्षा समय से कराने में दिक्कत आती थी, बल्कि छात्रों को भी समस्याएं होती हैं. ऐसे में समिति ने निर्णय लिया है कि अब संबद्धता नियम में ही यह रहेगा कि कॉलेज परीक्षा केंद्र बनाये जा सकते हैं. इसके बाद जो कॉलेज इनकार करेंगे उनके खिलाफ सीट कटौती की कार्रवाई की जाएगी.

कुलपति की अध्यक्षता में समिति ने उस प्रस्ताव को भी हरी झंडी दे दी जिसके तहत अब परीक्षा से पहले ही छात्र अपना सेशनल का अंक अपने लॉगइन पर देख सकेंगे. इस निर्णय से कॉलेज को समय से सेशनल अंक अपलोड करना होगा. समिति ने परीक्षा भवन की स्थापना के लिए प्रस्ताव देने को कहा है. जिससे कि परीक्षा से संबंधित कार्य बिना कि व्यवधान के समय से पूरा हो सके. बैठक में कुलसचिव सचिन सिंह, वित्त अधिकारी जीपी सिंह, प्रति कुलपति प्रो. मनीष गौड़, प्रो. एचके पालिवाल, डिप्टी कंट्रोलर डॉ. एसएस सोंम, ज्वाइंट कंट्रोलर राकेश पैजवार, प्रो. मलेंदु मिश्रा सहित अन्य लोग मौजूद रहें.

ये भी पढ़ें- सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय में प्रवेश प्रकिया शुरू, जानिए कब तक होगा आवेदन

For All Latest Updates

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.