लखनऊ : सैकड़ों फ्लैटों को बाबू और अफसरों के नाम पर रोके जाने की सूचना को एलडीए ने अफवाह मान रहा है. लखनऊ विकास प्राधिकरण की ओर से स्पष्ट किया गया है कि ऐसा कुछ भी नहीं है. हाल ही में केवल सुलभ आवास योजना में 110 फ्लैटों पर अवैध कब्जा पाया गया था. जिसमें कोई कर्मचारी और अधिकारी काबिज नहीं पाया गया. इसके अलावा सभी फ्लैट और प्लॉट आवंटित हैं. केवल तीन हजार ऐसे फ्लैट हैं जो कि 'पहले आओ पहले पाओ' योजना में आवंटित किए जा रहे हैं वह ही रिक्त हैं. बाकी कहीं भी किसी तरह के अवैध कब्जे या संपत्ति को अवैध तरीके से रोके जाने की कोई भी जानकारी लखनऊ विकास प्राधिकरण को प्राप्त नहीं हुई है.
हाल ही में यह दावा किया जा रहा था कि करीब ढाई हजार संपत्तियों को लखनऊ विकास प्राधिकरण के बाबू और अधिकारी दबाए बैठे हैं. इसमें जांच शुरू होने और नोटिस दिए जाने की बात भी की जा रही थी, लेकिन इस सूचना को लेकर कोई भी अधिकृत जानकारी नहीं दी जा रही है. एलडीए के उपाध्यक्ष डॉ. इंद्रमणि त्रिपाठी ने बताया कि 110 फ्लैट सुलभ आवास योजना में अवैध कब्जे का शिकार थे, जिनको खाली करवाया जा रहा है. इसके अतिरिक्त कहीं और कोई भी फ्लैट इस तरह से कब्जे का शिकार नहीं हैं.
लखनऊ विकास प्राधिकरण के अपर सचिव ज्ञानेंद्र वर्मा ने बताया कि पहले आओ पहले पाओ योजना के तहत करीब 3000 फ्लैटों की बिक्री एलडीए बिना लॉटरी के कर रहा है. यह सारे फ्लैट रिक्त हैं. इनमें अपनी पसंद का फ्लैट तय राशि को जमा करके अपने नाम पर आवंटित करा सकते हैं.
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