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IAS रामविलास की न्यायिक हिरासत 19 जुलाई तक बढ़ी, आय से अधिक संपत्ति मामले में हुई थी गिरफ्तारी

आय से अधिक संपत्ति के मामले में फंसे निलंबित आईएएस अधिकारी रामविलास यादव को अभी 14 दिन तक और जेल में ही रहने पड़ेगा. कोर्ट ने उनकी न्यायिक हिरासत 19 जुलाई तक बढ़ा दी है. रामविलास यादव की पेशी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई.

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आईएएस अधिकारी रामविलास यादव
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Published : Jul 6, 2022, 10:05 PM IST

देहरादून: आय से अधिक संपत्ति के मामले में फंसे निलंबित आईएएस अधिकारी रामविलास यादव को कोर्ट से राहत नहीं मिली है. कोर्ट ने उन्हें दोबारा 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. रामविलास यादव अभी भी जेल में ही बंद हैं. कोर्ट ने पिछली सुनवाई में भी उन्हें 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था. अब आगामी 19 जुलाई तक रामविलास यादव देहरादून की सुद्दोवाला जेल में ही रहेंगे. उनकी पेशी विजिलेंस कोर्ट में वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए ही हुई.

आज कोर्ट में पेश करने से एक दिन पहले यानी मंगलवार को विजिलेंस ने रामविलास यादव को एक दिन की रिमांड पर लिया था. मंगलवार को रिमांड में लेकर रामविलास यादव से करीब चार घंटे तक पूछताछ की गई थी. हालांकि इस बार भी उन्होंने विजिलेंस को आय से अधिक संपत्ति के मामले में कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिए थे. यही कारण है कि विजिलेंस ने कोर्ट ने ये ही पैरवी की कि रामविलास यादव को अभी जेल में रखा जाए, जिसे कोर्ट ने मान लिया.
पढ़ें- बसपा सरकार में हाजी इकबाल की इस कोठी में कभी जी-हजूरी करते थे अफसर, सीएम के बुलडोजर ने ढहा दिया

बता दें कि निलंबित आईएएस अधिकारी रामविलास यादव पर आरोप है कि उन्होंने आय से करीब 500 प्रतिशत अधिक संपत्ति अर्जित की है. इस मामले में विजिलेंस ने बीती 27 जून को उनकी पत्नी और बेटी को भी नोटिस जारी किया था, लेकिन उनकी बेटी और पत्नी से विजिलेंस से दो सप्ताह का समय मांगा है.

गौरतलब है कि बीती 22 जून को रामविलास यादव के सभी ठिकानों पर छापेमारी और दस्तावेज खंगालने के बाद विजिलेंस ने उन्हें देहरादून मुख्यालय पर तलब किया था. 22 जून को विजिलेंस मुख्यालय में रामविलास यादव से करीब 14 घंटे तक पूछताछ की गई थी. लेकिन उन्होंने विजिलेंस के सवालों का जवाब सही तरह से नहीं दिया था. विजिलेंस उनके किसी भी जवाब से संतुष्ट नहीं थी. इसके बाद विजिलेंस ने उन्हें गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया और कोर्ट ने उन्हें 14 दिन की न्यायाकि हिरासत में भेज दिया था.
14 दिन की न्यायाकि हिरासत पूरी होने के बाद आज 6 जुलाई को रामविलास यादव को फिर से कोर्ट में पेश किया गया, लेकिन कोर्ट रामविलास यादव को जमानत न देते हुए उनकी न्यायाकि हिरासत 14 दिनों के बढ़ा दी. उत्तराखंड के 22 सालों के इतिहास में ये कोई पहला मामला है, जब कोई आईएएस अधिकारी को जेल हुई है.

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देहरादून: आय से अधिक संपत्ति के मामले में फंसे निलंबित आईएएस अधिकारी रामविलास यादव को कोर्ट से राहत नहीं मिली है. कोर्ट ने उन्हें दोबारा 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. रामविलास यादव अभी भी जेल में ही बंद हैं. कोर्ट ने पिछली सुनवाई में भी उन्हें 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था. अब आगामी 19 जुलाई तक रामविलास यादव देहरादून की सुद्दोवाला जेल में ही रहेंगे. उनकी पेशी विजिलेंस कोर्ट में वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए ही हुई.

आज कोर्ट में पेश करने से एक दिन पहले यानी मंगलवार को विजिलेंस ने रामविलास यादव को एक दिन की रिमांड पर लिया था. मंगलवार को रिमांड में लेकर रामविलास यादव से करीब चार घंटे तक पूछताछ की गई थी. हालांकि इस बार भी उन्होंने विजिलेंस को आय से अधिक संपत्ति के मामले में कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिए थे. यही कारण है कि विजिलेंस ने कोर्ट ने ये ही पैरवी की कि रामविलास यादव को अभी जेल में रखा जाए, जिसे कोर्ट ने मान लिया.
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बता दें कि निलंबित आईएएस अधिकारी रामविलास यादव पर आरोप है कि उन्होंने आय से करीब 500 प्रतिशत अधिक संपत्ति अर्जित की है. इस मामले में विजिलेंस ने बीती 27 जून को उनकी पत्नी और बेटी को भी नोटिस जारी किया था, लेकिन उनकी बेटी और पत्नी से विजिलेंस से दो सप्ताह का समय मांगा है.

गौरतलब है कि बीती 22 जून को रामविलास यादव के सभी ठिकानों पर छापेमारी और दस्तावेज खंगालने के बाद विजिलेंस ने उन्हें देहरादून मुख्यालय पर तलब किया था. 22 जून को विजिलेंस मुख्यालय में रामविलास यादव से करीब 14 घंटे तक पूछताछ की गई थी. लेकिन उन्होंने विजिलेंस के सवालों का जवाब सही तरह से नहीं दिया था. विजिलेंस उनके किसी भी जवाब से संतुष्ट नहीं थी. इसके बाद विजिलेंस ने उन्हें गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया और कोर्ट ने उन्हें 14 दिन की न्यायाकि हिरासत में भेज दिया था.
14 दिन की न्यायाकि हिरासत पूरी होने के बाद आज 6 जुलाई को रामविलास यादव को फिर से कोर्ट में पेश किया गया, लेकिन कोर्ट रामविलास यादव को जमानत न देते हुए उनकी न्यायाकि हिरासत 14 दिनों के बढ़ा दी. उत्तराखंड के 22 सालों के इतिहास में ये कोई पहला मामला है, जब कोई आईएएस अधिकारी को जेल हुई है.

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