लखनऊ : राजधानी स्थित पारिवारिक न्यायालय में अजब-गजब केस सामने आते हैं. हाल ही में पारिवारिक न्यायालय में एक नया केस दर्ज हुआ. वजह जानकर आप हैरान रह जाएंगे. पति ने आरोप लगाया कि पत्नी हर रोज नई लिपस्टिक की डिमांड करती है. कॉस्मेटिक के दाम महंगे हैं. हर महीने 10 से 15 हजार रुपये के कॉस्मेटिक के सामान मांगती है. ऐसे में बेरोजगार पति ने पारिवारिक न्यायालय में आकर तलाक की अर्जी दी है.
वैसे तो हर दिन तमाम केस पारिवारिक न्यायालय में दर्ज होते हैं. रोजाना 100 से 150 नए केस आते हैं. इसमें कुछ केस तलाक के होते हैं. राशन भत्ता, बच्चे की कस्टडी, दहेज के भी कई केस आते हैं लेकिन उन सब से हटकर कुछ केस इस मामले की तरह रोचक आते हैं. इन्हें सुनने के बाद वकील और काउंसलर भी हैरान हो जाते हैं. पारिवारिक न्यायालय के वरिष्ठ वकील घनश्याम मौर्य बीते 15 सालों से तलाक के केस लड़ते हैं.
वकील घनश्याम बताते हैं कि आज के दौर में तलाक की बात आम हो गई है. आपसी लड़ाई-झगड़े नोकझोंक में भी बात तलाक तक पहुंच जाती है. हाल ही में उनके पास एक युवक आया. उसने अपनी आपबीती बताई. युवक पढ़ा लिखा और अच्छे परिवार से ताल्लुक रखता है. हालांकि बेरोजगारी की मार से परेशान है. एमएससी की पढ़ाई के दौरान युवक के परिवार ने शादी का दबाव बनाया और शादी करवा दी. कुछ समय तक तो बात बनी रही लेकिन धीरे-धीरे पत्नी ने डिमांड करना शुरू कर दिया. इस मामले में पति का कहना है कि वह इस समय जॉब नहीं कर रहा है. पत्नी को उसकी इस बात को समझना चाहिए. वह कॉस्मेटिक सामान खरीदने के लिए पिता जी से पैसे नहीं ले सकता. फिलहाल वह जॉब में नहीं है. इसलिए पैसों का संकट है. इसके बावजूद हर रोज पत्नी को कभी लिपस्टिक तो लाइनर खरीदना है. इन सब से तंग आकर पति ने तलाक के लिए पारिवारिक न्यायालय में अर्जी दी है.
वकील ने बताया कि पत्नी कहती है कि शादी को तीन महीने हो चुके हैं. जाहिर सी बात है कि जरूरत का समान वह अपने पति से ही मांगेगी. हालांकि पत्नी ने इस बात को स्वीकार किया कि पति अभी जॉब में नहीं है तो उनके सामने भी दिक्कतें हैं. ससुराल में लड़की अगर अपने पति से भी किसी चीज की डिमांड न करें तो वह किससे कहेगी. वकील ने बताया कि इस पूरे मामले पर दोनों पक्ष को पारिवारिक न्यायालय में बुलाया गया है. काउंसलर ने दोनों वकीलों की बात को सुना है. दोनों को फिलहाल दो महीने के लिए साथ में रहने के लिए कहा गया है. इस दौरान दोनों को समझाने की कोशिश की गई है.
परेशान पति को यह बात काउंसलर ने समझाया है कि लड़की दूसरे घर से आई है. ऐसे में लड़की अगर अपने पति से डिमांड नहीं करेगी तो किससे करेगी. इसे मुसीबत न समझ करके अपनी जिम्मेदारी समझें. वहीं, पत्नी को समझाया गया कि इस समय आपके पति जॉब में नहीं हैं. आज नहीं तो कल वह जॉब में होंगे. उनसे बात करें. उनके मन की बात को समझें. आपसी सहयोग से रिश्ते को बनाए रखने में विश्वास रखें. फिलहाल पति-पत्नी को कोर्ट ने दो महीने साथ रहने के लिए कहा है. फिलहाल अगली तारीख दो महीने बाद की है.
अहम भी बनते हैं तलाक के कारण : पारिवारिक न्यायालय के वरिष्ठ वकील सिद्धांत कुमार बताते हैं कि पारिवारिक न्यायालय में तरह-तरह के केस आते हैं. कई बार हम सोच कर भी हैरान हो जाते हैं. कुछ लोग आधी जिंदगी बिताकर तलाक के लिए आते हैं. ऐसे में हम सभी वकील हैरान हो जाते हैं कि इस उम्र में तलाक की क्या जरूरत पड़ी. वहीं, नवविवाहित जोड़े भी तलाक के लिए आते हैं. जब हम केस सुनते हैं और दोनों को समझाने की कोशिश करते हैं तब उनका अहम टकरा जाता है. कोई किसी से दबना नहीं चाहता. कोई किसी की बात नहीं सुनना चाहता और न ही झुकना चाहता है. ऐसे में रिश्ते बनते-बनते बिगड़ जाते हैं.
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