लखनऊ : उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में हुक्के के उपयोग पर पूरी तरह प्रतिबंध है लेकिन यहां युवा और हुक्का बार मालिक इस प्रतिबंध को धुएं में उड़ा रहें हैं. पुलिस कई हुक्का बार सीज कर अपनी पीठ थपथपाती है. बावजूद इसके उसी पुलिस की साठगांठ से शहर में सैकड़ों हुक्का बार संचालित हो रहे है.
बता दें कि लखनऊ के गाजीपुर इलाके में नीलगिरी कांप्लेक्स स्थित लक्स रेस्टोरेंट के संचालक रेस्टोरेंट की आड़ में हुक्का बार चला रहे थे. इस दौरान गाजीपुर पुलिस ने छापेमारी कर संचालक को गिरफ्तार कर लिया था. पुलिस की कार्यवाही के बाद ये माना जा रहा था कि अब यहां हुक्का बार चलना नामुमकिन है. लेकिन एक बार फिर रेस्टोरेंट की आड़ में लोगों को हुक्का परोसा जा रहा है. ईटीवी भारत ने ऐसे ही दो हुक्का बार की जांच पड़ताल की. इन हुक्का बार से जो तस्वीरें हाथ लगीं हैं वह चौंकाने वाली हैं.
जब ईटीवी भारत की टीम लक्स रेस्टोरेंट के पास पहुंची तो वहां उसे रेस्टोरेंट के सामने ही डायल 112 की गाड़ी और पुलिस कर्मी खड़े दिखे. पुलिस को तैनात देखकर लगा कि अब यहां हुक्का नहीं परोसा जाता होगा. इसी बीच जब ईटीवी भारत की टीम पहले तल पर चल रहे लक्स रेस्टोरेंट में पहुंची तो अंदर का नजारा होश उड़ाने वाला था. कम लाइट के हॉल में दर्जनों युवक-युवतियां हुक्का पीते दिखाई दिए. संवाददाता ने भी हुक्का आर्डर किया और थोड़ी देर बाद बिना पिये ही बिल काउंटर पर गए. मैनेजर शुभम् वर्मा ने कहा, 'सर आप इतने जल्दी जा रहे हैं. यहां तो लोग रात को 2 बजे तक बैठते है. संवाददाता को बाकायदा मैनजर की तरफ से हुक्का का प्रिंटेड बिल दिया गया'.
दरवाजा अंदर से रहता है लॉक, मुखबिर भी रहते है तैनात : लक्स से बाहर निकलते ही दरवाजे पर ईटीवी संवाददाता को एक लड़का खड़ा दिखा. उसने अंदर से डोर को लॉक लगाए रखा था. उससे पूछा गया कि आखिर यह दरवाजा बंद क्यों है? जवाब में उसने कहा कि यहां हुक्का चल रहा है तो क्या दरवाजा खुला रखेंगे. साथ ही दो मुखबिर भी तैनात किया गया है जो नीचे से ऊपर रेस्टोरेंट जाने वाले हर एक व्यक्ति की जानकारी संचालक को देता है.
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19 अप्रैल को पुलिस ने लक्स में कई थी छापेमारी : जिस लक्स में खुलेआम हुक्का परोसा जा रहा है, वहां बीते 19 अप्रैल को गाजीपुर थाना प्रभारी ने छापेमारी करते हुए संचालक समेत दो लोगों को गिरफ्तार किया था. छापेमारी के बाद एक बार फिर लक्स में युवाओं को हुक्का परोसा जाने लगा.
द पेंट हाउस कैफे, अलीगंज : द पेंट हाउस कैफे में जैसे ही ईटीवी भारत की टीम पहुंची तो वहां बाहर खड़े लड़के ने कहा कि अंदर चले जाइए लेकिन मोबाइल जेब से बाहर न निकले. ईटीवी संवाददाता ने सहमति जताते हुए अंदर एंट्री ली तो देखा दर्जनों लड़के-लड़किया हुक्का पी रहे हैं. इस हुक्का बार में 18 साल से लेकर 30 साल तक के युवा फ्लेवर्ड हुक्का पीते दिखाई दिए.
कोर्ट लगा चुका है हुक्का बार पर प्रतिबंध : लखनऊ समेत पूरे राज्य में सितम्बर 2020 से पहले हर गली में हुक्का बार खुले हुए थे. यहां युवक-युवतियां हुक्के के कस में बर्बाद हो रहे थे लेकिन एक सितंबर 2020 को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हुक्का बार पर रोक लगाई थी. इसके बाद सरकार ने रेस्टोरेंट में हुक्का बार खोलने पर पूरी तरह रोक लगा दिया था. बावजूद इसके प्रदेश में हुक्का बार मालिक इस प्रतिबंध को धुएं में उड़ा रहे हैं.
क्यों खतरनाक है हुक्का? : चेस्ट रोग विशेषज्ञ डॉ अंकित शुक्ला के मुताबिक, वैसे तो हर किस्म का धुंआ शरीर खासतौर पर लंग्स के लिए खतरनाक होता है लेकिन हुक्का में बनने वाला अमोनिया, कार्बन डाइऑक्साइड, डाई मैथिल, एसीटोन, मेथोनॉल शरीर के लिए स्लो प्वाइजन का काम करता है.
किस-किस फ्लेवर में मिलता है हुक्का? : आमरौर पर रॉयल पान मसाला, मघई पान, ग्रेप्स, सुपारी, वाटरमेलन, स्वीट-60, सिगार, डबल मिंट, रजनीगंधा, ब्लू बैरी, डबल एप्पल, मिक्स फ्लेवर, वाइट रोज व ऑरेंज फ्लेवर लखनऊ के हुक्का बार मे मिलते है.
पुलिस नहीं मान रही चल रहा हुक्का बार : ईटीवी भारत संवाददाता ने डीसीपी नॉर्थ कैंपस को दोनों हुक्का बार संचालित होने की जानकारी दी. उन्होंने कहा कि दोनों ही हुक्का बार मालिकों को कुछ वक्त पहले ही जेल भेजा गया था तो अब कैसे वह इसका संचालन कर सकते हैं. ईटीवी भारत के वीडियो को देखते ही डीसीपी ने संबंधित थाना इंचार्ज को चेतावनी देते हुए तत्काल हुक्का बार में छापेमारी के निर्देश दिए. उन्होंने बताया कि पुलिस जब हुक्का बार में कार्रवाई करती है तो डीएम को रेस्टोरेंट या कैफे को सीज करने के लिए पत्र लिखा जाता है. वहां से देरी होने के कारण रेस्टोरेंट चलता रहता है. जब वे जेल से छूट कर आते हैं तो फिर से चोरी छुपे हुक्का परोसने लगते है. पर पुलिस इस तरह की गतिविधियों पर कड़ाई से रोक लगाने को कृतसंकल्पित है.
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