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एलडीए के पूर्व सचिव की पत्नी का कॉम्प्लेक्स गिराए जाने पर रोक से हाईकोर्ट का इंकार

हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने एलडीए के पूर्व सचिव की पत्नी का कॉम्प्लेक्स गिराए जाने पर रोक से लगाने से इंकार कर दिया है. हाईकोर्ट ने मंडलायुक्त को मामले पर त्वरित निर्णय का लेने का आदेश दिया है.

हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच
हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच
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Published : Aug 17, 2022, 11:00 PM IST

लखनऊ: हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच के समक्ष एलडीए के सचिव रहे डॉ. राम विलास यादव की पत्नी कुसुम विलास यादव ने फैजुल्लागंज स्थित अपने कॉम्प्लेक्स के ध्वस्तीकरण के एलडीए के आदेश पर रोक लगाने की मांग करते हुए याचिका दाखिल की. हालांकि न्यायालय ने मामले में हस्तक्षेप न करते हुए, मंडलायुक्त को याची की ओर से दाखिल अपील पर यथाशीघ्र निर्णय लेने का आदेश दिया है.


यह आदेश न्यायमूर्ति डीके उपाध्याय और न्यायमूर्ति रजनीश कुमार की खंडपीठ ने कुसुम विलास यादव की याचिका पर पारित किया. याची ने एलडीए के पीठासीन अधिकारी के 26 मार्च 2022 व 1 जुलाई 2022 के नोटिस व ध्वस्तीकरण आदेश को चुनौती देते हुए फैजुल्लागंज स्थित उसके कॉम्प्लेक्स पर कोई भी कार्रवाई न की जाने की मांग की थी. एलडीए के अधिवक्ता पुनीत चंद्रा व सरकारी वकील ने याचिका विरोध किया है.

यह भी पढे़ं:जानलेवा हमला व मारपीट का मामला : कोर्ट ने आरोपी इरफान को दी सशर्त जमानत

न्यायालय ने मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि यूपी अर्बन प्लानिंग एंड डेवलपमेंट एक्ट की धारा 27(3) के तहत याची उक्त आदेश के विरुद्ध मंडलायुक्त जो एलडीए का पदेन चेयरमैन भी होता है, के समक्ष अपील दाखिल कर सकती है. न्यायालय ने पाया कि याची ने ऐसी एक अपील मंडलायुक्त के समक्ष दाखिल कर रखी है. लेकिन, अब तक मामले की सुनवाई नहीं हो सकी है. इस पर न्यायालय ने अपीलीय प्राधिकारी को याची की अपील को यथाशीघ्र निर्णीत करने के आदेश दिए.

यह भी पढ़ें:सुलतानपुर नगर पालिका परिषद चेयरमैन को राहत, हाईकोर्ट ने वित्तीय अधिकार सीज करने के आदेश पर लगाई रोक

लखनऊ: हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच के समक्ष एलडीए के सचिव रहे डॉ. राम विलास यादव की पत्नी कुसुम विलास यादव ने फैजुल्लागंज स्थित अपने कॉम्प्लेक्स के ध्वस्तीकरण के एलडीए के आदेश पर रोक लगाने की मांग करते हुए याचिका दाखिल की. हालांकि न्यायालय ने मामले में हस्तक्षेप न करते हुए, मंडलायुक्त को याची की ओर से दाखिल अपील पर यथाशीघ्र निर्णय लेने का आदेश दिया है.


यह आदेश न्यायमूर्ति डीके उपाध्याय और न्यायमूर्ति रजनीश कुमार की खंडपीठ ने कुसुम विलास यादव की याचिका पर पारित किया. याची ने एलडीए के पीठासीन अधिकारी के 26 मार्च 2022 व 1 जुलाई 2022 के नोटिस व ध्वस्तीकरण आदेश को चुनौती देते हुए फैजुल्लागंज स्थित उसके कॉम्प्लेक्स पर कोई भी कार्रवाई न की जाने की मांग की थी. एलडीए के अधिवक्ता पुनीत चंद्रा व सरकारी वकील ने याचिका विरोध किया है.

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न्यायालय ने मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि यूपी अर्बन प्लानिंग एंड डेवलपमेंट एक्ट की धारा 27(3) के तहत याची उक्त आदेश के विरुद्ध मंडलायुक्त जो एलडीए का पदेन चेयरमैन भी होता है, के समक्ष अपील दाखिल कर सकती है. न्यायालय ने पाया कि याची ने ऐसी एक अपील मंडलायुक्त के समक्ष दाखिल कर रखी है. लेकिन, अब तक मामले की सुनवाई नहीं हो सकी है. इस पर न्यायालय ने अपीलीय प्राधिकारी को याची की अपील को यथाशीघ्र निर्णीत करने के आदेश दिए.

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