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मंदिर के पास हो रहे अवैध निर्माण को गिराने की मांग, हाईकोर्ट ने डीएम को दिया आदेश - sultanpur mauni baba mandir

सुलतानपुर में प्राचीन मौनी बाबा मंदिर के पास किए जा रहे कथित अवैध निर्माण मामले में हाईकोर्ट ने कार्रवाई का आदेश दिया है. इस संबंध में यदि अपर जिलाधिकारी का कोई आदेश उपजिलाधिकारी के लिए है, तो उस पर अमल किया जाए.

लखनऊ समाचार.
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Published : Jun 17, 2021, 10:14 PM IST

लखनऊ: हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने सुलतानपुर जनपद के प्राचीन मौनी बाबा मंदिर के पास किए जा रहे कथित अवैध निर्माण मामले में कार्रवाई का आदेश दिया है. न्यायालय ने कहा कि इस संबंध में यदि अपर जिलाधिकारी का कोई आदेश उपजिलाधिकारी के लिए है, तो उस पर अमल किया जाए. अतिक्रमण हटाने का यह आदेश न्यायमूर्ति रितुराज अवस्थी और न्यायमूर्ति दिनेश कुमार सिंह की खंडपीठ ने रविंद्र प्रताप सिंह व एक अन्य की जनहित याचिका पर पारित किया.

याचिका में कहा गया है कि जनपद के सदर तहसील में 421 नम्बर की नजूल जमीन है, जिस पर लगभग 100 वर्ष पुराना हनुमान जी का मंदिर है, इसे मौनी बाबा मंदिर के नाम से जाना जाता है. वहीं, तुलसी सत्संग भवन है. उक्त सत्संग भवन में सत्संग, साधना और अन्य धार्मिक कार्यों का आयोजन होता है. याचियों का कहना था कि कुछ भू-माफिया के साथ उप-जिलाधिकारी की मिलीभगत है. वह उक्त जमीन पर हो रहे अवैध निर्माण पर कार्रवाई करने के बजाय तुलसी सत्संग भवन को ही हटाना चाहते हैं, जबकि एडीएम वित्त व राजस्व सुलतानपुर ने अतिक्रमण हटाने का आदेश उप-जिलाधिकारी को 5 मार्च को ही दिया था.

न्यायालय ने याचिका पर सुनवाई के पश्चात पारित अपने आदेश में कहा कि अपने से उच्च अधिकारी के आदेश का अनुपालन करना कनिष्ठ अधिकारी की जिम्मेदारी होती है. न्यायालय ने जिलाधिकारी सुलतानपुर को आदेश दिया कि वह इस मामले को देखें और यदि एडीएम का इस संबंध में कोई आदेश है तो उसका अनुपालन कराना सुनिश्चित कराएं.

लखनऊ: हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने सुलतानपुर जनपद के प्राचीन मौनी बाबा मंदिर के पास किए जा रहे कथित अवैध निर्माण मामले में कार्रवाई का आदेश दिया है. न्यायालय ने कहा कि इस संबंध में यदि अपर जिलाधिकारी का कोई आदेश उपजिलाधिकारी के लिए है, तो उस पर अमल किया जाए. अतिक्रमण हटाने का यह आदेश न्यायमूर्ति रितुराज अवस्थी और न्यायमूर्ति दिनेश कुमार सिंह की खंडपीठ ने रविंद्र प्रताप सिंह व एक अन्य की जनहित याचिका पर पारित किया.

याचिका में कहा गया है कि जनपद के सदर तहसील में 421 नम्बर की नजूल जमीन है, जिस पर लगभग 100 वर्ष पुराना हनुमान जी का मंदिर है, इसे मौनी बाबा मंदिर के नाम से जाना जाता है. वहीं, तुलसी सत्संग भवन है. उक्त सत्संग भवन में सत्संग, साधना और अन्य धार्मिक कार्यों का आयोजन होता है. याचियों का कहना था कि कुछ भू-माफिया के साथ उप-जिलाधिकारी की मिलीभगत है. वह उक्त जमीन पर हो रहे अवैध निर्माण पर कार्रवाई करने के बजाय तुलसी सत्संग भवन को ही हटाना चाहते हैं, जबकि एडीएम वित्त व राजस्व सुलतानपुर ने अतिक्रमण हटाने का आदेश उप-जिलाधिकारी को 5 मार्च को ही दिया था.

न्यायालय ने याचिका पर सुनवाई के पश्चात पारित अपने आदेश में कहा कि अपने से उच्च अधिकारी के आदेश का अनुपालन करना कनिष्ठ अधिकारी की जिम्मेदारी होती है. न्यायालय ने जिलाधिकारी सुलतानपुर को आदेश दिया कि वह इस मामले को देखें और यदि एडीएम का इस संबंध में कोई आदेश है तो उसका अनुपालन कराना सुनिश्चित कराएं.

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