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मंकी पॉक्स : यूपी में गाइड लाइन जारी, एक भी आरटीपीसीआर लैब में नहीं है जांच की तैयारी - जांच किट

मंकी पॉक्स का टेस्ट भी आरटीपीसीआर लैब में होगा. राज्य में 150 सरकारी-निजी आरटीपीसीआर लैब हैं. मगर जांच किट किसी में नहीं है.

जानकारी देते संवाददाता संदीप पांडेय
जानकारी देते संवाददाता संदीप पांडेय
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Published : May 31, 2022, 4:13 PM IST

लखनऊ : यूपी में मंकी पॉक्स को लेकर गाइड लाइन जारी कर दी गई है. विदेशों से आए यात्री स्वास्थ्य विभाग की रडार पर हैं. मगर, जांच की सुविधा प्रदेश में अभी तक नहीं है. कारण, राज्य में लैब होने के बावजूद टेस्ट किट उपलब्ध नहीं है. ऐसे में बीमारी को लेकर अलर्ट अभी हवा में ही है.

150 आरटीपीसीआर लैब, एक में भी किट नहीं : मंकी पॉक्स का टेस्ट भी आरटीपीसीआर लैब में होगा. बीएसएल-2 श्रेणी की इन लैबों में ही कोरोना टेस्ट हो रहे हैं. मगर, कोरोना वायरस का टेस्ट करने वाली किट अलग होती है. यह मंकी पॉक्स में काम नहीं आएगी. इस किट में विशेष केमिकल होते हैं, जो मरीज के सैम्पल के साथ लगाए जाते हैं. तभी मरीज के सैम्पल का परिणाम आता है. राज्य में 150 सरकारी-निजी आरटीपीसीआर लैब हैं. मगर जांच किट किसी में नहीं है.

जानकारी देते संवाददाता संदीप पांडेय
स्क्रीनिंग के निर्देश, पुणे लैब जाएंगे सैम्पल : संचारी रोग निदेशक यूपी डॉ. अविनाश सिंह के मुताबिक एयरपोर्ट पर अलर्ट जारी कर दिया गया है. विदेश से आने वाले यात्रियों पर नजर रखी जा रही है. संदिग्ध लक्षण वाले रोगियों का सैम्पल कलेक्ट किया जाएगा. वहीं 21 दिन पहले जो विदेश की यात्रा करके लौटे हैं उनकी स्क्रीनिंग की जाएगी. संदिग्ध लक्षणों वालों के सैम्पल जांच के लिए पुणे लैब भेजे जाएंगे. अभी यूपी की लैब में जांच के लिए किट नहीं है. मरीज बढ़ेंगे तो मंगवाई जाएगी. 14 देशों में फैला है मंकी पॉक्स : संचारी रोग निदेशक डॉ. अविनाश सिंह के मुताबिक अमेरिका और यूरोप के 14 देशों में मंकी पॉक्स वायरस फैल गया है. डब्ल्यूएचओ ने इसको लेकर आगाह किया है. यह संक्रमण अन्य देशों में भी फैल सकता है. बेल्जियम आदि देशों में संक्रमित को क्वारंटाइन का निर्देश दिया गया है. ऐसे में वायरस के प्रसार को देखते हुए यूपी को भी अलर्ट कर दिया गया है.

ये भी पढ़ें : 80 हजार करोड़ के निवेश से पांच लाख युवाओं को मिलेगा रोजगार


ये हैं बीमारी के लक्षण : मंकी पॉक्स पहली बार बंदर में पाया गया था और इसके जरिए इंसानों तक पहुंचा था. इसलिए इसका नाम मंकी पॉक्स रखा गया है. ज्यादातर मरीजों में बुखार, शरीर में दर्द, ठंड लगने की समस्या और थकान के लक्षण देखे गए हैं. वहीं गंभीर मामलों में मरीजों के चेहरे हाथ और शरीर के अन्य हिस्सों पर चकत्ते व दाने भी पड़ जाते हैं. लिहाजा विदेश से आने वाले यात्रियों को निगरानी में रखा जाएगा.

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लखनऊ : यूपी में मंकी पॉक्स को लेकर गाइड लाइन जारी कर दी गई है. विदेशों से आए यात्री स्वास्थ्य विभाग की रडार पर हैं. मगर, जांच की सुविधा प्रदेश में अभी तक नहीं है. कारण, राज्य में लैब होने के बावजूद टेस्ट किट उपलब्ध नहीं है. ऐसे में बीमारी को लेकर अलर्ट अभी हवा में ही है.

150 आरटीपीसीआर लैब, एक में भी किट नहीं : मंकी पॉक्स का टेस्ट भी आरटीपीसीआर लैब में होगा. बीएसएल-2 श्रेणी की इन लैबों में ही कोरोना टेस्ट हो रहे हैं. मगर, कोरोना वायरस का टेस्ट करने वाली किट अलग होती है. यह मंकी पॉक्स में काम नहीं आएगी. इस किट में विशेष केमिकल होते हैं, जो मरीज के सैम्पल के साथ लगाए जाते हैं. तभी मरीज के सैम्पल का परिणाम आता है. राज्य में 150 सरकारी-निजी आरटीपीसीआर लैब हैं. मगर जांच किट किसी में नहीं है.

जानकारी देते संवाददाता संदीप पांडेय
स्क्रीनिंग के निर्देश, पुणे लैब जाएंगे सैम्पल : संचारी रोग निदेशक यूपी डॉ. अविनाश सिंह के मुताबिक एयरपोर्ट पर अलर्ट जारी कर दिया गया है. विदेश से आने वाले यात्रियों पर नजर रखी जा रही है. संदिग्ध लक्षण वाले रोगियों का सैम्पल कलेक्ट किया जाएगा. वहीं 21 दिन पहले जो विदेश की यात्रा करके लौटे हैं उनकी स्क्रीनिंग की जाएगी. संदिग्ध लक्षणों वालों के सैम्पल जांच के लिए पुणे लैब भेजे जाएंगे. अभी यूपी की लैब में जांच के लिए किट नहीं है. मरीज बढ़ेंगे तो मंगवाई जाएगी. 14 देशों में फैला है मंकी पॉक्स : संचारी रोग निदेशक डॉ. अविनाश सिंह के मुताबिक अमेरिका और यूरोप के 14 देशों में मंकी पॉक्स वायरस फैल गया है. डब्ल्यूएचओ ने इसको लेकर आगाह किया है. यह संक्रमण अन्य देशों में भी फैल सकता है. बेल्जियम आदि देशों में संक्रमित को क्वारंटाइन का निर्देश दिया गया है. ऐसे में वायरस के प्रसार को देखते हुए यूपी को भी अलर्ट कर दिया गया है.

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ये हैं बीमारी के लक्षण : मंकी पॉक्स पहली बार बंदर में पाया गया था और इसके जरिए इंसानों तक पहुंचा था. इसलिए इसका नाम मंकी पॉक्स रखा गया है. ज्यादातर मरीजों में बुखार, शरीर में दर्द, ठंड लगने की समस्या और थकान के लक्षण देखे गए हैं. वहीं गंभीर मामलों में मरीजों के चेहरे हाथ और शरीर के अन्य हिस्सों पर चकत्ते व दाने भी पड़ जाते हैं. लिहाजा विदेश से आने वाले यात्रियों को निगरानी में रखा जाएगा.

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