लखनऊ : यूपी में मंकी पॉक्स को लेकर गाइड लाइन जारी कर दी गई है. विदेशों से आए यात्री स्वास्थ्य विभाग की रडार पर हैं. मगर, जांच की सुविधा प्रदेश में अभी तक नहीं है. कारण, राज्य में लैब होने के बावजूद टेस्ट किट उपलब्ध नहीं है. ऐसे में बीमारी को लेकर अलर्ट अभी हवा में ही है.
150 आरटीपीसीआर लैब, एक में भी किट नहीं : मंकी पॉक्स का टेस्ट भी आरटीपीसीआर लैब में होगा. बीएसएल-2 श्रेणी की इन लैबों में ही कोरोना टेस्ट हो रहे हैं. मगर, कोरोना वायरस का टेस्ट करने वाली किट अलग होती है. यह मंकी पॉक्स में काम नहीं आएगी. इस किट में विशेष केमिकल होते हैं, जो मरीज के सैम्पल के साथ लगाए जाते हैं. तभी मरीज के सैम्पल का परिणाम आता है. राज्य में 150 सरकारी-निजी आरटीपीसीआर लैब हैं. मगर जांच किट किसी में नहीं है.
ये भी पढ़ें : 80 हजार करोड़ के निवेश से पांच लाख युवाओं को मिलेगा रोजगार
ये हैं बीमारी के लक्षण : मंकी पॉक्स पहली बार बंदर में पाया गया था और इसके जरिए इंसानों तक पहुंचा था. इसलिए इसका नाम मंकी पॉक्स रखा गया है. ज्यादातर मरीजों में बुखार, शरीर में दर्द, ठंड लगने की समस्या और थकान के लक्षण देखे गए हैं. वहीं गंभीर मामलों में मरीजों के चेहरे हाथ और शरीर के अन्य हिस्सों पर चकत्ते व दाने भी पड़ जाते हैं. लिहाजा विदेश से आने वाले यात्रियों को निगरानी में रखा जाएगा.
ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप