लखनऊ : यूपी में 18वीं विधानसभा की कार्यवाही जारी है. दूसरे दिन बसपा प्रमुख मायावती का भी बयान आया. उन्होंने कहा कि राज्यपाल का अभिभाषण सरकार के कामों की जमीनी हकीकत से दूर है. वहीं, सपा सदस्यों के आचरण पर भी हमला बोला. बसपा प्रमुख कहा कि सोमवार को सदन के संयुक्त अधिवेशन में राज्यपाल ने अभिभाषण दिया. इसमें राज्य सरकार को हर प्रकार से क्लीन चिट दे दी.
वहीं, जनहित व विकास आदि के भारी-भरकम सरकारी दावों की सार्थकता व उपयोगिता तभी होती, जब वे जमीनी हकीकत से थोड़ा भी मेल खाते दिखाई पड़ते. इस कारण यह अभिभाषण जन अपेक्षा के अनुरूप नहीं है. उन्होंने कहा कि वैसे कुछ लोगों के अच्छे दिन जरूर आ गए हैं. उनके लिए कानून का राज कोई मायने नहीं रखता है. वे चाहे रेत माफियां हों या थाना में घुसकर पुलिस की पिटाई का मामला ही क्यों न हो जिसकी खबरें आम हैं.
हालांकि आमजनता का हर मामले में बुरा हाल है. विकास व गवर्नेंस के नाम पर स्थिति कोई खास अच्छी नहीं है जिस कारण आम लोगों का भला नहीं हुआ है. वैसे महंगाई, गरीबी, बेरोजगारी, अराजकता, जातिवाद, साम्प्रदायिकता, भ्रष्टाचार, गुण्डागर्दी व माफियागिरी आदि की बदतर कानून-व्यवस्था से जनता काफी त्रस्त है. इसीलिए सरकार को अब आगे व्यापक जनहित, जनकल्याण एवं विकास के सही काम करके भी दिखाना होगा. उन्होंने कहा कि सदन में राज्यपाल वापस जाओ का नारा लगाना उचित नहीं था क्योंकि राज्यपाल महोदया को वही लिखा हुआ पढ़ना था जो सरकार ने उन्हें पढ़ने के लिए दिया है. इसलिए यह बेहतर होता कि यदि इस पर चर्चा के दौरान सीधा सरकार को घेरा जाता.
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राजभवन को नसीहत : मायावती ने कहा कि राजभवन को भी इस बात का ध्यान रखना चाहिये कि सरकार जनहित के मामले में प्राथमिकता के आधार पर सही फैसले ले. सरकार जब कानून के हिसाब से चलेगी, तभी लोगों की जान-माल, धर्म सुरक्षित रहेगा. इसके इलावा विधानसभा आमचुनाव खत्म होने के बाद अब राशन कार्डों के सत्यापन करने को लेकर जो मुफ्त राशन देने की व्यवस्था को कम किया जा रहा है, यह उचित नहीं है.
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