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निराश्रित गोवंश का सहारा बनेगा गऊ रक्षक सेवा ट्रस्ट, मुहैया कराएगा रोजगार के अवसर

गऊ रक्षक सेवा ट्रस्ट (Gau Rakshak Seva Trust) अब निराश्रित गोवंश का सहारा बनेगा. इसके साथ ट्रस्ट लोगों को रोजगार के अवसर भी मुहैया कराएगा.

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गऊ रक्षक सेवा ट्रस्ट के अध्यक्ष संजय शर्मा
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Published : Apr 2, 2022, 6:23 PM IST

लखनऊ: निराश्रित पशुधन एवं गोशालाओं के प्रबंधन के लिए महाराष्ट्र में कार्यरत गऊ रक्षक सेवा ट्रस्ट (Gau Rakshak Seva Trust) एक बड़ी जिम्मेदारी उठाने जा रहा है. यूपी में कामधेनु प्रोजेक्ट के तहत निराश्रित पशुओं को यह संस्था शेल्टर प्रदान करेगी. बिना किसी सरकारी मदद के ही प्रोजेक्ट कामधेनु पूरे यूपी में निराश्रित गोवंश का सहारा बनेगा. यह बात गऊ रक्षक सेवा ट्रस्ट के अध्यक्ष संजय शर्मा 'अमान' ने कही.

उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा के अनुरूप प्रदेश में हमारी संस्था काम करने आई है. निराश्रित गोवंश को आश्रय प्रश्रय देने के इस काम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का पूरा सहयोग हमें मिल रहा है. संस्था सीएसआर फंड को अपनी ताकत बनाएगी. इसके अलावा समाज के अन्य मददगार समूहों से भी संपर्क करेगी.

संजय शर्मा ने कहा कि प्रोजेक्ट कामधेनु (Kamdhenu Project) के तहत प्रदेश में निराश्रित पशुधन सड़क पर घूमते हुए दिखाई देंगे, तो उन्हें गोशाला तक पहुंचाने का काम किया जाएगा. स्वदेशी गोवंश किसी भी हालत में हों, कितने भी बीमार या लाचार हों, उन्हें समुचित देखभाल और शेल्टर देना हमारा लक्ष्य होगा. इसके लिए संस्था पूरे प्रदेश में स्वयंसेवकों की टीम तैयार करेगी. इनको मानदेय दिया जाएगा.

गऊ रक्षक सेवा ट्रस्ट के अध्यक्ष ने कहा कि करीब 200 स्वयंसेवकों की भर्ती का लक्ष्य है. संस्था प्रदेश में सभी पात्र गौशालाओं को आर्थिक संबल देने के साथ ही गौशाला प्रबंधन भी सिखाएगी. प्रदेश की सभी पात्र गौशालाओं को आत्मनिर्भर बनाना, गोमूत्र और गोबर से रोजगार के अवसर देना ट्रस्ट का लक्ष्य होगा. संस्था प्रोजेक्ट कामधेनु के माध्यम से प्रदेश में बनायी गयी गौशालाओं की समुचित व्यवस्था करने में मदद करेगी.
ये भी पढ़ें- बीजेपी में जल्द शामिल होंगे शिवपाल यादव, शीर्ष नेतृत्व के सिग्नल का इंतजार!


अध्यक्ष संजय शर्मा ने कहा कि अगर कोई गौशाला बंद होने के कगार पर है, तो यूपी में कामधेनु प्रोजेक्ट के माध्यम से उसे संचालित करके व्यवस्थित किया जाएगा. जो किसान या गोपालक गोवंश को नहीं रख पा रहे हैं, उनकी मदद की जाएगी. उनके गोवंश को गौशाला तक पहुंचाया जाएगा.

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लखनऊ: निराश्रित पशुधन एवं गोशालाओं के प्रबंधन के लिए महाराष्ट्र में कार्यरत गऊ रक्षक सेवा ट्रस्ट (Gau Rakshak Seva Trust) एक बड़ी जिम्मेदारी उठाने जा रहा है. यूपी में कामधेनु प्रोजेक्ट के तहत निराश्रित पशुओं को यह संस्था शेल्टर प्रदान करेगी. बिना किसी सरकारी मदद के ही प्रोजेक्ट कामधेनु पूरे यूपी में निराश्रित गोवंश का सहारा बनेगा. यह बात गऊ रक्षक सेवा ट्रस्ट के अध्यक्ष संजय शर्मा 'अमान' ने कही.

उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा के अनुरूप प्रदेश में हमारी संस्था काम करने आई है. निराश्रित गोवंश को आश्रय प्रश्रय देने के इस काम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का पूरा सहयोग हमें मिल रहा है. संस्था सीएसआर फंड को अपनी ताकत बनाएगी. इसके अलावा समाज के अन्य मददगार समूहों से भी संपर्क करेगी.

संजय शर्मा ने कहा कि प्रोजेक्ट कामधेनु (Kamdhenu Project) के तहत प्रदेश में निराश्रित पशुधन सड़क पर घूमते हुए दिखाई देंगे, तो उन्हें गोशाला तक पहुंचाने का काम किया जाएगा. स्वदेशी गोवंश किसी भी हालत में हों, कितने भी बीमार या लाचार हों, उन्हें समुचित देखभाल और शेल्टर देना हमारा लक्ष्य होगा. इसके लिए संस्था पूरे प्रदेश में स्वयंसेवकों की टीम तैयार करेगी. इनको मानदेय दिया जाएगा.

गऊ रक्षक सेवा ट्रस्ट के अध्यक्ष ने कहा कि करीब 200 स्वयंसेवकों की भर्ती का लक्ष्य है. संस्था प्रदेश में सभी पात्र गौशालाओं को आर्थिक संबल देने के साथ ही गौशाला प्रबंधन भी सिखाएगी. प्रदेश की सभी पात्र गौशालाओं को आत्मनिर्भर बनाना, गोमूत्र और गोबर से रोजगार के अवसर देना ट्रस्ट का लक्ष्य होगा. संस्था प्रोजेक्ट कामधेनु के माध्यम से प्रदेश में बनायी गयी गौशालाओं की समुचित व्यवस्था करने में मदद करेगी.
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अध्यक्ष संजय शर्मा ने कहा कि अगर कोई गौशाला बंद होने के कगार पर है, तो यूपी में कामधेनु प्रोजेक्ट के माध्यम से उसे संचालित करके व्यवस्थित किया जाएगा. जो किसान या गोपालक गोवंश को नहीं रख पा रहे हैं, उनकी मदद की जाएगी. उनके गोवंश को गौशाला तक पहुंचाया जाएगा.

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