लखनऊ : उत्तर प्रदेश पुलिस ने राजधानी के जिस गैंगस्टर को टॉप 25 मोस्टवांटेड अपराधी की सूची में जगह दी है, उसे पंजाब में शरण मिली हुई है. यह आरोप पूर्व मंत्री के निजी सचिव रहे गुरपाल सिंह ने लगाए हैं. आरोप है कि लखनऊ में कई मामलों में वांछित व मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) के गुर्गे जुगनू वालिया को अखिलेश सरकार में जेल मंत्री रहे बलवंत सिंह रामूवालिया (Balwant Singh Ramuwalia) पंजाब में संरक्षण दे रहे हैं. गुरपाल का आरोप है कि पूर्व मंत्री न सिर्फ जुगनू को पुलिस से छिपा कर संरक्षण दे रहे हैं, पूर्व में उसकी आर्थिक मदद भी उन्होंने की है.
पंजाब की रोपड़ जेल में मुख्तार अंसारी को वहां की कांग्रेस सरकार ने संरक्षण दिया और अब उसके गुर्गे को समाजवादी पार्टी के नेता व पूर्व मंत्री पुलिस से बचा कर छिपा कर रखे हैं. साल 2015 से 2018 तक बलवंत सिंह के निजी सचिव रहे गुरपाल सिंह के मुताबिक, वह बलवंत सिंह रामूवालिया के दिल्ली स्थित घर पर रहता था. इसी दौरान जुगनू वालिया इसी घर में महीनों रूका करता था. गुरपाल के मुताबिक, बलवंत सिंह के मंत्री रहते कई गैंगस्टर से संबंध थे, जिसमें एक जुगनू वालिया भी था. उनके मुताबिक, पूर्व मंत्री कई बार खुद व उनके माध्यम से जुगनू को लाखों रुपयों की चेक देते थे. हालांकि तब तक उन्हें नहीं मालूम था कि जुगनू लखनऊ का कुख्यात अपराधी और मुख्तार अंसारी का गुर्गा है, लेकिन जब उन्हें पता चला तो उन्होंने इस बात का विरोध किया, जिस पर पूर्व मंत्री ने उन्हें जान से मारने की धमकी दी थी. वहीं इस मामले में पूर्व मंत्री से बात करने की कोशिश की गई लेकिन बात नहीं हो सकी.
गुरपाल के मुताबिक, जुगनू वालिया को जब लखनऊ पुलिस ढूंढ रही थी, तब वह कभी पूर्व मंत्री के दिल्ली वाले घर और कभी पंजाब के चंडीगढ़ स्थित घर पर रुकता था. उन्होंने बताया कि जेल मंत्री रहते बलवंत सिंह रामूवालिया के संबंध कई गैंगस्टर से थे, जिसका इस्तेमाल वो लोगों को धमकाने के लिए करते थे. यही नहीं जेल में बंद अपराधियों से भी धमकी दिलवाया करते थे.
मोस्टवांटेड जुगनू की गाड़ी में पूर्व मंत्री के नाम से जारी हुआ था पास : लखनऊ पुलिस ने अगस्त 2020 को जुगनू वालिया की बीएमडब्ल्यू, ऑडी व जगुवार समेत 5 लक्सरी गाड़ियां कुर्क की थीं. बताया जा रहा था कि इन गाड़ियों का इस्तेमाल बलवंत सिंह रामूवालिया करते थे. इसकी पुष्टि इस बात से हुई थी कि पुलिस ने जुगनू की जिस जगुआर गाड़ी (up 32 HE 0707) को कुर्क किया था, उसमें विधान सभा का वाहन पास लगा हुआ था. यह पास तत्कालीन एमएलसी बलवंत सिंह रामूवालिया के नाम से जारी हुआ था. यह वाहन साल 2017 से 2019 तक नवीनीकरण किया गया था.
लखनऊ पुलिस कमिश्नरेट की प्रवक्ता व डीसीपी अपर्णा रजत कौशिक के मुताबिक, जुगनू वालिया पंजाब में है, इसकी सूचना कई बार मिली है. लखनऊ पुलिस की टीम तीन बार मोहाली व लुधियाना में छापेमारी भी कर चुकी है. टीम लगी है. जल्द गिरफ्तारी की जाएगी.
कौन है जुगनू वालिया? : बांदा जेल में बंद माफिया मुख्तार अंसारी का सूदखोर गुर्गा हरविंदर उर्फ जुगनू वालिया लखनऊ के तमाम इलाकों में आतंक का नाम है. सूद पर दी रकम को वसूलने के लिए जुगनू किसी भी हद तक जा सकता है, ब्याज पर ब्याज लगाने में माहिर जुगनू पर लखनऊ के तीन थानों आलमबाग, मानक नगर और हजरतगंज में 20 मुकदमे दर्ज हैं. इसमें गुंडा एक्ट, गैंगस्टर एक्ट, हत्या, हत्या का प्रयास व फिरौती मांगने के मुकदमे दर्ज हैं.
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किस मामले में फरार है जुगनू? : लखनऊ में आलमबाग के चंदरनगर इलाके में रहने वाले जसविंदर सिंह उर्फ रोमी का चिकचिक नाम से रेस्टोरेंट था. 27 अक्टूबर 2021 की देर रात रोमी रेस्टोरेंट पर थे. इस बीच उनके पूर्व परिचित जसप्रीत उर्फ लवीश और नीशू सहित चार लोग कार से खाना खाने पहुंचे थे. जसविंदर ने पुलिस को बयान दिया था कि उन लोगों ने उससे शराब पीने के लिए कहा तो उसने मना कर दिया. इसके बाद उन लोगों के बीच कुछ मजाक हुआ और फिर नीशू ने पिस्टल निकाल कर उसके दो गोली मार दी. एक गोली रोमी के सीने और दूसरी पेट पर लगी थी. उनको इलाज के लिए ट्रॉमा सेंटर में भर्ती करवाया गया था. इलाज के दौरान रोमी की मौत हो गई थी. इस मामले में पुलिस नीशू, लवीश, जोगिंदर, दिलशाद, गोल्डी और नीतेश भटनागर को गिरफ्तार कर चुकी है. इस हत्याकांड की विवेचना के दौरान पुलिस की जांच में सामने आया था कि जुगनू वालिया ने ही रोमी की हत्या की साजिश रची थी और गोली मारने वाले आरोपियों को बचाया था.
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