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विदेशी कोयला खरीद पर आपत्ति : पिछले साल बिना विदेशी कोयले के भी हुई थी रिकॉर्ड बिजली आपूर्ति

सरकार विदेशी कोयला खरीद कर तापीय केंद्रों में बिजली उत्पादन बढ़ाना चाहती है. लेकिन, इसका भी लगातार उपभोक्ता परिषद की तरफ से विरोध किया जा रहा है.

शक्ति भवन
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Published : May 13, 2022, 3:59 PM IST

लखनऊ : राजधानी लखनऊ समेत उत्तर प्रदेश में बिजली के लिए हाहाकार मचा हुआ है. कोयले की कमी के चलते तापीय केंद्रों में बिजली का उत्पादन कम हो रहा है. ऐसे में सरकार विदेशी कोयला खरीद कर तापीय केंद्रों में बिजली उत्पादन बढ़ाना चाहती है. इसका भी लगातार उपभोक्ता परिषद की तरफ से विरोध किया जा रहा है. तर्क दिया जा रहा है कि 2021 में जुलाई माह तक बिजली की डिमांड 24 हजार मेगावाट तक रही. उसे लगातार पूरा किया जाता रहा. हालांकि सरकार विदेशी कोयला खरीद कर निजी घरानों को फायदा पहुंचाना चाहती है. इसीलिए अभी उतनी मांग भी नहीं है. फिर भी कोयला खरीदना जल्दबाजी है.

उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा का कहना है कि विदेशी कोयला खरीदने की जल्दबाजी इसलिए दिखाई जा रही है ताकि निजी घरानों को लाभ पहुंचाया जा सके. कहा कि उत्तर प्रदेश में वर्ष 2021 में जुलाई में 24,795 मेगावाट तक विद्युत आपूर्ति बिना विदेशी कोयले के की जा चुकी है. ऐसे में डिमांड बढ़ने के नाम पर विदेशी कोयला खरीदने की बात कर प्रदेश और देश के उपभोक्ताओं के साथ केंद्र सरकार धोखा कर रही है. उनका कहना है कि जुलाई 2021 के महीने में ही आठ दिन तक उत्तर प्रदेश में 24000 मेगावाट के ऊपर विद्युत आपूर्ति की गई. ऐसे में केंद्र सरकार अनवरत रेलवे की रैक देती रहे तो बिना विदेशी कोयले के इस बार भी वर्ष 2022 में उत्तर प्रदेश विद्युत आपूर्ति में रिकॉर्ड बनाएगा.

बिजली बिल रिवीजन की प्रक्रिया होगी ऑनलाइन : बिजली बिल संशोधन के मामले में विभागीय अधिकारियों की तमाम शिकायतें उच्च प्रबंधन के पास पहुंचती हैं. तमाम घपले और घोटाले बिजली बिल संशोधन में होते हैं. इस तरह की समस्या के समाधान के लिए उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन बिल रिवीजन की प्रक्रिया ऑनलाइन करने के बारे में विचार कर रहा है. जून से बिल संशोधन की प्रक्रिया ऑनलाइन हो सकती है. इसके लिए एक प्राइवेट संस्था बीते दो माह से सर्वे कर बिजली विभाग को रिपोर्ट सौंप चुकी है.

ये भी पढ़ें : इस बार हुई झमाझम बारिश तो जानिए क्या होगा राजधानी का हाल

आंधी पानी से कई इलाकों में रहा बिजली संकट : गुरुवार को तेज हवा चलने और उसके बाद हल्की बूंदाबांदी से लखनऊ की विद्युत आपूर्ति व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई. शहर के तमाम इलाकों ने कई घंटे तक बिजली संकट झेला. कहीं पेड़ गिरने से आपूर्ति बाधित हुई तो कहीं लाइन में फाल्ट आ जाने से ब्रेक डाउन हो गया और बिजली गुल हो गई. अपट्रान उपकेंद्र से पोषित एलडीए कॉलोनी के कई इलाकों में शाम के समय तकरीबन डेढ़ घंटे तक बिजली आपूर्ति फाल्ट आने के चलते ध्वस्त रही. इसके अलावा पुराना लखनऊ इलाका भी बिजली संकट से जूझता रहा. पॉश इलाके गोमती नगर, आलमबाग और हजरतगंज क्षेत्र में भी बिजली आपूर्ति बाधित रही. उपकेंद्र पर लगातार अधिकारियों से संपर्क कर उपभोक्ता बिजली आपूर्ति बहाल होने की जानकारी के लिए फोन करते रहे लेकिन कोई जवाब नहीं मिला. तमाम उपभोक्ता उपकेंद्र पर भी शिकायत दर्ज कराने पहुंचे. लगातार बढ़ रही गर्मी से बिजली विभाग के अधिकारियों को बिजली सप्लाई बहाल रख पाना चुनौती लगने लगा है.

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लखनऊ : राजधानी लखनऊ समेत उत्तर प्रदेश में बिजली के लिए हाहाकार मचा हुआ है. कोयले की कमी के चलते तापीय केंद्रों में बिजली का उत्पादन कम हो रहा है. ऐसे में सरकार विदेशी कोयला खरीद कर तापीय केंद्रों में बिजली उत्पादन बढ़ाना चाहती है. इसका भी लगातार उपभोक्ता परिषद की तरफ से विरोध किया जा रहा है. तर्क दिया जा रहा है कि 2021 में जुलाई माह तक बिजली की डिमांड 24 हजार मेगावाट तक रही. उसे लगातार पूरा किया जाता रहा. हालांकि सरकार विदेशी कोयला खरीद कर निजी घरानों को फायदा पहुंचाना चाहती है. इसीलिए अभी उतनी मांग भी नहीं है. फिर भी कोयला खरीदना जल्दबाजी है.

उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा का कहना है कि विदेशी कोयला खरीदने की जल्दबाजी इसलिए दिखाई जा रही है ताकि निजी घरानों को लाभ पहुंचाया जा सके. कहा कि उत्तर प्रदेश में वर्ष 2021 में जुलाई में 24,795 मेगावाट तक विद्युत आपूर्ति बिना विदेशी कोयले के की जा चुकी है. ऐसे में डिमांड बढ़ने के नाम पर विदेशी कोयला खरीदने की बात कर प्रदेश और देश के उपभोक्ताओं के साथ केंद्र सरकार धोखा कर रही है. उनका कहना है कि जुलाई 2021 के महीने में ही आठ दिन तक उत्तर प्रदेश में 24000 मेगावाट के ऊपर विद्युत आपूर्ति की गई. ऐसे में केंद्र सरकार अनवरत रेलवे की रैक देती रहे तो बिना विदेशी कोयले के इस बार भी वर्ष 2022 में उत्तर प्रदेश विद्युत आपूर्ति में रिकॉर्ड बनाएगा.

बिजली बिल रिवीजन की प्रक्रिया होगी ऑनलाइन : बिजली बिल संशोधन के मामले में विभागीय अधिकारियों की तमाम शिकायतें उच्च प्रबंधन के पास पहुंचती हैं. तमाम घपले और घोटाले बिजली बिल संशोधन में होते हैं. इस तरह की समस्या के समाधान के लिए उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन बिल रिवीजन की प्रक्रिया ऑनलाइन करने के बारे में विचार कर रहा है. जून से बिल संशोधन की प्रक्रिया ऑनलाइन हो सकती है. इसके लिए एक प्राइवेट संस्था बीते दो माह से सर्वे कर बिजली विभाग को रिपोर्ट सौंप चुकी है.

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आंधी पानी से कई इलाकों में रहा बिजली संकट : गुरुवार को तेज हवा चलने और उसके बाद हल्की बूंदाबांदी से लखनऊ की विद्युत आपूर्ति व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई. शहर के तमाम इलाकों ने कई घंटे तक बिजली संकट झेला. कहीं पेड़ गिरने से आपूर्ति बाधित हुई तो कहीं लाइन में फाल्ट आ जाने से ब्रेक डाउन हो गया और बिजली गुल हो गई. अपट्रान उपकेंद्र से पोषित एलडीए कॉलोनी के कई इलाकों में शाम के समय तकरीबन डेढ़ घंटे तक बिजली आपूर्ति फाल्ट आने के चलते ध्वस्त रही. इसके अलावा पुराना लखनऊ इलाका भी बिजली संकट से जूझता रहा. पॉश इलाके गोमती नगर, आलमबाग और हजरतगंज क्षेत्र में भी बिजली आपूर्ति बाधित रही. उपकेंद्र पर लगातार अधिकारियों से संपर्क कर उपभोक्ता बिजली आपूर्ति बहाल होने की जानकारी के लिए फोन करते रहे लेकिन कोई जवाब नहीं मिला. तमाम उपभोक्ता उपकेंद्र पर भी शिकायत दर्ज कराने पहुंचे. लगातार बढ़ रही गर्मी से बिजली विभाग के अधिकारियों को बिजली सप्लाई बहाल रख पाना चुनौती लगने लगा है.

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