लखनऊ: नागरिक पुलिस-पीएसी आरक्षी सीधी भर्ती परीक्षा वर्ष 2018 में अभ्यार्थी सुशील कुमार शाह और अजीत कुमार यादव के स्थान पर दोनों मुन्ना भाइयों ने परीक्षा दी थी. कुछ समय पहले गोरखपुर में आयोजित शारीरिक परीक्षा और पत्रावलियों के मिलान के दौरान जब फोटो और अंगूठे के निशान अलग पाए गए तो मामले की जांच भर्ती बोर्ड ने कराई. घालमेल की पुष्टि होने पर भर्ती बोर्ड की अनुसचिव रश्मि रानी ने हुसैनगंज थाने में दो नामजद समेत चार लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया.
इंस्पेक्टर हुसैनगंज दिनेश कुमार के मुताबिक वर्ष 2018 में आरक्षी नागरिक पुलिस और पीएसी सीधी भर्ती परीक्षा हुई थी. सुशील कुमार शाह पुत्र राम आशीष और अजीत कुमार यादव पुत्र राम इकबाल यादव ने आवेदन किया था. दोनों लखनऊ मध्य क्षेत्र के रहने वाले हैं. दोनों अभ्यर्थियों के स्थान पर परीक्षा दो अन्य लोगों ने दी थी. भर्ती प्रक्रिया की शारीरिक परीक्षा का आयोजन गोरखपुर में किया गया. गोरखपुर पुलिस लाइन में अभ्यर्थियों के अभिलेखों की संवीक्षा व शारीरिक मानक परीक्षा में पत्रावलियों का मिलान किया गया तो धांधली उजागर हुई.
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इसके बाद मामला उच्चाधिकारियों की जानकारी में लाया गया. इसके बाद जांच कमेटी बनी. कमेटी की जांच में पता चला कि अभ्यर्थियों की लिखित परीक्षा के दौरान ली गयी फोटो जो अभिलेखों में है, वह उनकी नहीं है. जांच में स्पष्ट हो गया कि अभ्यर्थी सुशील कुमार शाह और अजीत कुमार यादव के स्थान पर कोई अन्य व्यक्ति परीक्षा में शामिल हुआ था. लिखित परीक्षा के दौरान लिए गए अंगूठे का निशान और शारीरिक परीक्षा के दौरान लिए गए अंगूठे का निशान से अलग मिला. इंस्पेक्टर हुसैनगंज ने बताया कि अनु सचिव की तहरीर पर दो नामजद समेत चार के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर आरोपियों की तलाश की जा रही है.
इंस्पेक्टर हुसैनगंज ने बताया कि मामले में पुलिस-पीएसी आरक्षी भर्ती में एक और मुकदमा करीब दो हफ्ते पहले दर्ज हुआ था. यह मुकदमा प्रमोद यादव, अजय कुमार यादव और शैलेश कुमार चौरसिया के खिलाफ हुआ था. इन लोगों ने भी भर्ती परीक्षा में जालसाजी की थी. सभी की जांच की जा रही है.