लखनऊ: प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार 2.0 उत्तर प्रदेश के विकास को लेकर अब तक का सबसे बड़ा बजट लेकर आने वाली है. भाजपा के संकल्प पत्र में शामिल तमाम लोक लुभावन वादों को धरातल पर उतारने को लेकर योगी सरकार अपने इस बजट में कई नए प्रावधान सामने ला सकती है. वित्त विभाग से जुड़े अधिकारियों ने बताया कि योगी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला बजट करीब 6 लाख करोड़ से ज्यादा का होने का अनुमान है. खासकर किसान, युवा, महिला और बुजुर्गों के हितों को ध्यान में रखते हुए इस बजट को तैयार करने का काम किया जा रहा है.
अधिकारियों का कहना है कि सीएम की तरफ से बजट तैयार करने और संकल्प पत्र में शामिल वादों को धरातल तक उतारने में आने वाले खर्च सहित अन्य बिंदुओं पर तैयारी कर ली जाए ताकि सभी तरह की जानकारी और बजट में खर्च के अनुमान को शामिल किया जा सके.
वित्त विभाग के अधिकारी संकल्प पत्र का अध्ययन करते हुए शुरुआत में किन प्रमुख वादों को लागू किया जा सकता है, उसे लेकर योजना बना रहे हैं. युवाओं को रोजगार देने, महिलाओं को पेंशन देने, बुजुर्गों को नि:शुल्क यात्रा सहित तमाम तरह के वायदों को पूरा करने के साथ ही तमाम तरह की योजनाएं शुरू करनी है.
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अधिकारियों का कहना है कि फिलहाल जो योजनाएं चल रही हैं, उनपर आने वाले खर्च को बजट में शामिल किया जा रहा है. बीजेपी के संकल्प पत्र में जिन वादों को शामिल किया गया है, उनमें मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना की सहायता राशि बढ़ाकर 15 हजार से 25 हजार करने, सामूहिक विवाह योजना आदि प्रमुख रूप से शामिल हैं.
इसके अलावा अनुदान योजना में वित्तीय सहायता बढ़ाकर एक लाख करने, प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों को वर्ष में 2 गैस सिलेंडर फ्री देने, 60 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं को सार्वजनिक परिवहन में मुफ्त यात्रा, कॉलेज जाने वाली छात्राओं को स्कूटी देने व स्वामी विवेकानंद युवा सशक्तिकरण योजना के तहत स्मार्ट फोन अथवा टैबलेट देने की बात कही गई है.
ऐसे में इन योजनाओं को पूरा करने के लिए भारी-भरकम बजट की जरूरत पड़ेगी. इसके अलावा किसानों को मुफ्त बिजली देने की बात कही गई है. इसके चलते बजट पर करीब 2200 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ भी पड़ेगा.
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