लखनऊ : रेप पीड़िता व उसके साथी के आत्महत्या के मामले में गिरफ़्तारी के दौरान पुलिस पर हमला करने का आरोप पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर (ex ips officer amitabh thakur) पर है. हालांकि उन्होंने कोर्ट में एक प्रार्थना पत्र देते हुए, इसे पुलिस द्वारा गढ़ी गई मनगढ़ंत कहानी बताया व सम्बंधित पुलिस अधिकारियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करने की मांग कोर्ट से की थी. अमिताभ ठाकुर की उक्त अर्ज़ी को सीजेएम रवि गुप्ता ने ख़ारिज कर दिया है.
अमिताभ ठाकुर पर आरोप है कि 27 अगस्त 2021 को रेप पीड़िता व उसके साथी की आत्महत्या के मामले में पुलिस जब उन्हें गिरफ़्तार करने गई थी, तब उन्होंने पुलिस टीम पर हमला कर दिया था. इस पर पुलिस ने नूतन और अमिताभ ठाकुर के ख़िलाफ सरकारी काम में बाधा डालने का नया मुक़दमा भी दर्ज किया था. वहीं अमिताभ ठाकुर ने कोर्ट में अर्ज़ी दाखिल कर कहा कि 27 अगस्त को करीब ढाई बजे उन्हें गोमतीनगर स्थित उनके आवास से पूछताछ के नाम पर गैर-क़ानूनी ढंग से उठाकर हजरतगंज थाना ले जाया गया. इस प्रक्रिया में कानून के सभी प्रावधानों का खुला उल्लंघन किया गया. 27 अगस्त 2021 की रात थाना गोमती नगर के एक दरोगा ने गलत तथ्यों के आधार पर एफआईआर दर्ज कराते हुये उन पर व उनकी पत्नी पर आरोप लगाया कि उन्होंने पुलिस बल पर हमला किया था.
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कोर्ट ने अर्ज़ी को खारिज करते हुए कहा कि प्रकरण में पुलिस वालों द्वारा किया गया कार्य संज्ञेय अपराध प्रकट नहीं हो रहा है और इस स्तर पर घटना के सम्बंध में कोई निश्चय नहीं किया जा सकता है.
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