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Etv Bharat Reality Check: सायबर हेल्प डेस्क को लेकर अधिकारी नहीं हैं संजीदा, कई थानों में दर्ज नहीं होती FIR

ईटीवी भारत की टीम ने थानों में साइबर हेल्प डेस्क की स्थिति का रियल्टी चेक किया. इसमें खुलासा हुआ कि कई थानों में इस डेस्क की स्थापना ही नहीं हुई है. अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी ने 29 अप्रैल 2022 को निर्देश दिया था कि प्रत्येक थाने में उपलब्ध साइबर क्राइम की जानकारी रखने वाले पुलिसकर्मी को साइबर हेल्प डेस्क में तैनात किया जाए.

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सायबर हेल्प डेस्क
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Published : Jul 7, 2022, 11:15 AM IST

लखनऊ: साइबर ठगी से बचने और लोगों को जागरूक करने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यानाथ ने गृह विभाग को निर्देशित किया था. उसके बाद गृह विभाग ने राज्य के सभी 1531 थानों में साइबर हेल्प डेस्क बनाने का आदेश दिया था. लेकिन, शासन के इस आदेश के बाद लखनऊ समेत कई जिलों में अब तक साइबर हेल्प डेस्क की स्थापना नहीं हो पाई है. ऐसे कुछ थानों का ईटीवी भारत की टीम ने रियल्टी चेक किया.

थानों में साइबर हेल्प डेस्क बनी या फिर नहीं यह जानने के लिए लखनऊ के 10 थानों में ईटीवी भारत ने जाकर देखा तो पाया कि पीजीआई, सैरपुर, गुडंबा, इंदिरानगर, विकास नगर में साइबर हेल्प डेस्क की व्यवस्था अभी नहीं हुई है. वहीं, गाजीपुर, हजरतगंज, महानगर, अलीगंज और जानकीपुरम में साइबर हेल्प डेस्क की स्थापना कर पुलिस कर्मचारी कार्य कर रहे हैं. डीसीपी कासिम आब्दी का कहना है कि जल्द ही जोन के हर थाने में साइबर हेल्प डेस्क होगी.

लखनऊ पुलिस कमिश्नरेट की ही तरह कानपुर कमिश्नरेट में भी ईटीवी भारत ने रियल्टी चेक किया तो दो थानों में साइबर हेल्प डेस्क नदारद थी. कानपुर के बर्रा और नौबस्ता थानों में साइबर हेल्प डेस्क नहीं है. एसीपी गोविंदनगर विकास पांडेय ने बताया कि थानों में साइबर क्राइम से जुड़ी शिकायतों को सुनने के साथ कार्रवाई की जा रही है. साइबर हेल्प डेस्क भी जल्द स्थापित की जाएगी.

वाराणसी पुलिस कमिश्नरेट साइबर क्राइम को लेकर सतर्क है. जिले के सभी 27 थानों में साइबर हेल्प डेस्क स्थापित कर दी गई है. इन थानों में प्रशिक्षित पुलिसकर्मी भी तैनात हैं. प्रयागराज जिले के सिविल लाइन्स और कौंधियारा थाने में साइबर हेल्प डेस्क स्थापित है. डेस्क में एक पुलिसकर्मी तैनात है, जो साइबर ठगी से बचने के लिए उपाय बताते हैं और जरूरत पड़ने पर एफआईआर भी दर्ज करते हैं.

यह भी पढ़ें: 1984 कानपुर सिख दंगा: आरोपियों के पकड़े जाने का सिलसिला जारी, दो और गिरफ्तार

बुंदेलखंड के बांदा जिले के चिल्ला थाना, तिंदवारी थाना, कमासिन थाना और कोतवाली नगर में साइबर हेल्प डेस्क बनी हुई है. इसके अलावा जिले के किसी अन्य थाने में साइबर हेल्प डेस्क नहीं है. सीओ सिटी आरके सिंह ने बताया कि सभी थानों में साइबर से जुड़े अपराधों की सुनवाई और एफआईआर दर्ज की जा रही है.

जिला हरदोई में 25 थाने आते हैं. सभी 25 थानों में साइबर हेल्प डेस्क स्थापित है. टड़ियावां थाने और कोतवाली शहर में साइबर हेल्प डेस्क में एक पुलिस कर्मी तैनात है. यहां साइबर ठगी की शिकायत दर्ज करने से लेकर उन्हें साइबर क्राइम के प्रति जागरूक भी किया जा रहा है. जिला बाराबंकी में थानों पर साइबर हेल्प डेस्क बनी है. लेकिन, मुकदमा दर्ज करवाने के लिए मुख्यालय भेज दिया जाता है.

अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी ने 29 अप्रैल 2022 को निर्देश देते हुए कहा था कि प्रत्येक थाने में उपलब्ध साइबर क्राइम की जानकारी रखने वाले पुलिसकर्मी को साइबर हेल्प डेस्क में तैनात किया जाए. इससे लोगों की समस्याओं के समाधान की व्यवस्था की जाए. इसके साथ ही पुलिसकर्मी को प्रशिक्षण दिलाकर साइबर हेल्प डेस्क में बैठाया जाए.

एसपी साइबर क्राइम मुख्यालय त्रिवेणी सिंह ने बताया कि राज्य के हर थाने में साइबर हेल्प डेस्क स्थापित करने के शासन ने निर्देश दिए थे. उसके लिए ज्यादा पुलिसकर्मियों को ट्रेनिंग दी जा रही है, जिससे वह लोगों की मदद कर सकें.

ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

लखनऊ: साइबर ठगी से बचने और लोगों को जागरूक करने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यानाथ ने गृह विभाग को निर्देशित किया था. उसके बाद गृह विभाग ने राज्य के सभी 1531 थानों में साइबर हेल्प डेस्क बनाने का आदेश दिया था. लेकिन, शासन के इस आदेश के बाद लखनऊ समेत कई जिलों में अब तक साइबर हेल्प डेस्क की स्थापना नहीं हो पाई है. ऐसे कुछ थानों का ईटीवी भारत की टीम ने रियल्टी चेक किया.

थानों में साइबर हेल्प डेस्क बनी या फिर नहीं यह जानने के लिए लखनऊ के 10 थानों में ईटीवी भारत ने जाकर देखा तो पाया कि पीजीआई, सैरपुर, गुडंबा, इंदिरानगर, विकास नगर में साइबर हेल्प डेस्क की व्यवस्था अभी नहीं हुई है. वहीं, गाजीपुर, हजरतगंज, महानगर, अलीगंज और जानकीपुरम में साइबर हेल्प डेस्क की स्थापना कर पुलिस कर्मचारी कार्य कर रहे हैं. डीसीपी कासिम आब्दी का कहना है कि जल्द ही जोन के हर थाने में साइबर हेल्प डेस्क होगी.

लखनऊ पुलिस कमिश्नरेट की ही तरह कानपुर कमिश्नरेट में भी ईटीवी भारत ने रियल्टी चेक किया तो दो थानों में साइबर हेल्प डेस्क नदारद थी. कानपुर के बर्रा और नौबस्ता थानों में साइबर हेल्प डेस्क नहीं है. एसीपी गोविंदनगर विकास पांडेय ने बताया कि थानों में साइबर क्राइम से जुड़ी शिकायतों को सुनने के साथ कार्रवाई की जा रही है. साइबर हेल्प डेस्क भी जल्द स्थापित की जाएगी.

वाराणसी पुलिस कमिश्नरेट साइबर क्राइम को लेकर सतर्क है. जिले के सभी 27 थानों में साइबर हेल्प डेस्क स्थापित कर दी गई है. इन थानों में प्रशिक्षित पुलिसकर्मी भी तैनात हैं. प्रयागराज जिले के सिविल लाइन्स और कौंधियारा थाने में साइबर हेल्प डेस्क स्थापित है. डेस्क में एक पुलिसकर्मी तैनात है, जो साइबर ठगी से बचने के लिए उपाय बताते हैं और जरूरत पड़ने पर एफआईआर भी दर्ज करते हैं.

यह भी पढ़ें: 1984 कानपुर सिख दंगा: आरोपियों के पकड़े जाने का सिलसिला जारी, दो और गिरफ्तार

बुंदेलखंड के बांदा जिले के चिल्ला थाना, तिंदवारी थाना, कमासिन थाना और कोतवाली नगर में साइबर हेल्प डेस्क बनी हुई है. इसके अलावा जिले के किसी अन्य थाने में साइबर हेल्प डेस्क नहीं है. सीओ सिटी आरके सिंह ने बताया कि सभी थानों में साइबर से जुड़े अपराधों की सुनवाई और एफआईआर दर्ज की जा रही है.

जिला हरदोई में 25 थाने आते हैं. सभी 25 थानों में साइबर हेल्प डेस्क स्थापित है. टड़ियावां थाने और कोतवाली शहर में साइबर हेल्प डेस्क में एक पुलिस कर्मी तैनात है. यहां साइबर ठगी की शिकायत दर्ज करने से लेकर उन्हें साइबर क्राइम के प्रति जागरूक भी किया जा रहा है. जिला बाराबंकी में थानों पर साइबर हेल्प डेस्क बनी है. लेकिन, मुकदमा दर्ज करवाने के लिए मुख्यालय भेज दिया जाता है.

अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी ने 29 अप्रैल 2022 को निर्देश देते हुए कहा था कि प्रत्येक थाने में उपलब्ध साइबर क्राइम की जानकारी रखने वाले पुलिसकर्मी को साइबर हेल्प डेस्क में तैनात किया जाए. इससे लोगों की समस्याओं के समाधान की व्यवस्था की जाए. इसके साथ ही पुलिसकर्मी को प्रशिक्षण दिलाकर साइबर हेल्प डेस्क में बैठाया जाए.

एसपी साइबर क्राइम मुख्यालय त्रिवेणी सिंह ने बताया कि राज्य के हर थाने में साइबर हेल्प डेस्क स्थापित करने के शासन ने निर्देश दिए थे. उसके लिए ज्यादा पुलिसकर्मियों को ट्रेनिंग दी जा रही है, जिससे वह लोगों की मदद कर सकें.

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