लखनऊ: जनपद में भ्रष्टाचार के खिलाफ बिजली विभाग के चेयरमैन एम. देवराज की ताबड़तोड़ कार्रवाई जारी है. लापरवाही और भ्रष्टाचार के आरोप में चेयरमैन ने पिछले चार दिनों में दो ऐसी कार्रवाई की है, जो बिजली विभाग में चर्चा का विषय बनी हुई है. चेयरमैन ने घूसखोरी के मामले में एक अधिशासी अभियंता को सेवा से बर्खास्त कर दिया है.
ऊर्जा विभाग के अपर प्रमुख सचिव एम. देवराज ने गोरखपुर के अधीक्षण अभियंता को लापरवाही के चलते निलंबित किया है. पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के वाराणसी विद्युत वितरण खंड द्वितीय में तैनात अधिशासी अभियंता राजेंद्र का सोशल मीडिया पर घूस का वीडियो वायरल हो गया था. इसमें वह किसी अनजान व्यक्ति से टेंडर के लिए घूस लेने की बातचीत कर रहे थे. इसके बाद जांच कमेटी गठित की गई थी. इस समिति ने इसी साल फरवरी महीने में जांच रिपोर्ट कर राजेंद्र को दोषी करार दिया था. इसके बाद अब चेयरमैन ने अधिशासी अभियंता को सेवा से बर्खास्त कर दिया.
इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन के कंप्रेस्ड बायोगैस प्लांट में बिजली कनेक्शन का भी मामला सामने आया था. इंडियन आयल का प्लांट गोरखपुर में लग रहा था. इसमें 175 करोड़ रुपये का निवेश किया गया है. बिजली के कनेक्शन के लिए कंपनी की तरफ से ढाई करोड़ की फीस जमा की गई थी. उसके बाद भी बिजली विभाग ने कनेक्शन नहीं दिया था. इसकी शिकायत की गई थी. जानकारी चेयरमैन के पास पहुंची और मामले की पूरी जांच कराई गई. जांच में अधीक्षण अभियंता रमेश चंद दोषी पाए गए. इसके बाद उन्हें सस्पेंड कर दिया गया.
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