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प्राइवेट बस संचालकों की राह में रोड़ा बनीं इलेक्ट्रिक बसें - इलेक्ट्रिक बसों का संचालन

कर्मचारी ने बताया कि इन बसों के संचालन को परमिट में छूट है. अतिरिक्त टैक्स जमा कर वह शहरी सीमा के बाहर भी बसों का संचालन कर रहे हैं. बाराबंकी और संडीला के साथ ही शहर की सीमा से बाहर मोहनलालगंज और मलिहाबाद के आगे तक कई जगहों के लिए इलेक्ट्रिक बसों का संचालन किया जा रहा है.

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Published : Aug 22, 2022, 3:55 PM IST

लखनऊ : सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेज लिमिटेड ने शहर की सीमाओं को तोड़कर बसों को दूसरे जिलों में भेजना शुरू कर दिया. इससे सिटी बस प्रबंधन को तो फायदा पहुंचने लगा, लेकिन इसी रूट पर चलने वाली प्राइवेट बसों के संचालकों को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है. लिहाजा, प्राइवेट बस संचालक अपने ही रूट पर इलेक्ट्रिक सिटी बसों के संचालन से खुश नहीं हैं. उनकी इनकम कम हो गई है. शहर की सीमाओं से बाहर संचालित की जा रहीं सिटी बसों को लेकर परिवहन विभाग के अधिकारियों से शिकायत की है. कहा है कि इलेक्ट्रिक बसें शहर की सीमा के अंदर संचालित होने के लिए हैं और इन्हें टैक्स की भी छूट इसी वजह से मिलती है, लेकिन शहर से बाहर अन्य जिलों के लिए अब इन सिटी बसों का संचालन होने लगा है, जिससे परमिट लेकर प्राइवेट बसें संचालित कर रहे प्राइवेट बस संचालकों को घाटा हो रहा है. इन बसों पर रोक लगाई जाए.


सिटी बस प्रबंधन से जुड़ा कर्मचारी जब टैक्स एडजेस्ट कराने की समस्या को लेकर शनिवार को आरटीओ के पास पहुंचा तब यह जानकारी सामने आई. विभागीय अधिकारियों ने सिटी बस के कर्मचारियों से इलेक्ट्रिक बस की डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट मांगी. इस पर कर्मचारी ने बताया कि इन बसों के संचालन को परमिट में छूट है. अतिरिक्त टैक्स जमा कर वह शहरी सीमा के बाहर भी बसों का संचालन कर रहे हैं. करीब 100 इलेक्ट्रिक बसों का संचालन शहरी सीमा के बाहर किया जा रहा है. बाराबंकी और संडीला के साथ ही शहर की सीमा से बाहर मोहनलालगंज और मलिहाबाद के आगे तक कई जगहों के लिए इलेक्ट्रिक बसों का संचालन किया जा रहा है. सिटी बस प्रबंधन के अधिकारियों के अनुसार, क्षेत्र के प्रतिनिधियों की डिमांड पर इलेक्ट्रिक बसों का संचालन शहरी सीमा के बाहर किया जा रहा है. इसके लिए शासन से अनुमति ली गई है.

आरटीओ आरपी द्विवेदी ने बताया कि इलेक्ट्रिक बसों के शहरी सीमा क्षेत्र के बाहर चलने से परमिट धारक वाहन मालिक कई बार शिकायत कर चुके हैं. इस मामले में जल्द ही डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट देखी जाएगी. यात्रियों के हित में जो बेहतर होगा, वही फैसला लेंगे.

यह भी पढ़ें : परिवहन विभाग अब नहीं बढ़ाएगा ओटीएस योजना की अवधि, पांच दिन और आवेदन कर उठा सकेंगे छूट का फायदा

बिना पंजीयन सड़कों पर दौड़ रहे ई रिक्शा को हटाया जाये : लखनऊ की कमिश्नर डॉ. रोशन जैकब ने कहा कि जिन वाहनों के परमिट ग्रामीण क्षेत्र के हैं, उनका संचालन शहरी क्षेत्र में रोका जाए. ये वाहन बिना रोकटोक के शहरी क्षेत्रों में चलते देखे जा रहे हैं. ऐसे में शहर की सड़कों पर वाहनों का दबाव बढ़ रहा है और जगह-जगह जाम लग रहा है. इसके अलावा ऐसे ई रिक्शा भी सड़कों पर दौड़ रहे हैं जिनका पंजीयन भी नहीं है. इनके चलते भी जाम लग रहा है. इन वाहनों को सड़कों से हटाया जाए जिससे सड़कों पर वाहनों का दबाव कम हो.

लखनऊ : सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेज लिमिटेड ने शहर की सीमाओं को तोड़कर बसों को दूसरे जिलों में भेजना शुरू कर दिया. इससे सिटी बस प्रबंधन को तो फायदा पहुंचने लगा, लेकिन इसी रूट पर चलने वाली प्राइवेट बसों के संचालकों को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है. लिहाजा, प्राइवेट बस संचालक अपने ही रूट पर इलेक्ट्रिक सिटी बसों के संचालन से खुश नहीं हैं. उनकी इनकम कम हो गई है. शहर की सीमाओं से बाहर संचालित की जा रहीं सिटी बसों को लेकर परिवहन विभाग के अधिकारियों से शिकायत की है. कहा है कि इलेक्ट्रिक बसें शहर की सीमा के अंदर संचालित होने के लिए हैं और इन्हें टैक्स की भी छूट इसी वजह से मिलती है, लेकिन शहर से बाहर अन्य जिलों के लिए अब इन सिटी बसों का संचालन होने लगा है, जिससे परमिट लेकर प्राइवेट बसें संचालित कर रहे प्राइवेट बस संचालकों को घाटा हो रहा है. इन बसों पर रोक लगाई जाए.


सिटी बस प्रबंधन से जुड़ा कर्मचारी जब टैक्स एडजेस्ट कराने की समस्या को लेकर शनिवार को आरटीओ के पास पहुंचा तब यह जानकारी सामने आई. विभागीय अधिकारियों ने सिटी बस के कर्मचारियों से इलेक्ट्रिक बस की डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट मांगी. इस पर कर्मचारी ने बताया कि इन बसों के संचालन को परमिट में छूट है. अतिरिक्त टैक्स जमा कर वह शहरी सीमा के बाहर भी बसों का संचालन कर रहे हैं. करीब 100 इलेक्ट्रिक बसों का संचालन शहरी सीमा के बाहर किया जा रहा है. बाराबंकी और संडीला के साथ ही शहर की सीमा से बाहर मोहनलालगंज और मलिहाबाद के आगे तक कई जगहों के लिए इलेक्ट्रिक बसों का संचालन किया जा रहा है. सिटी बस प्रबंधन के अधिकारियों के अनुसार, क्षेत्र के प्रतिनिधियों की डिमांड पर इलेक्ट्रिक बसों का संचालन शहरी सीमा के बाहर किया जा रहा है. इसके लिए शासन से अनुमति ली गई है.

आरटीओ आरपी द्विवेदी ने बताया कि इलेक्ट्रिक बसों के शहरी सीमा क्षेत्र के बाहर चलने से परमिट धारक वाहन मालिक कई बार शिकायत कर चुके हैं. इस मामले में जल्द ही डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट देखी जाएगी. यात्रियों के हित में जो बेहतर होगा, वही फैसला लेंगे.

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बिना पंजीयन सड़कों पर दौड़ रहे ई रिक्शा को हटाया जाये : लखनऊ की कमिश्नर डॉ. रोशन जैकब ने कहा कि जिन वाहनों के परमिट ग्रामीण क्षेत्र के हैं, उनका संचालन शहरी क्षेत्र में रोका जाए. ये वाहन बिना रोकटोक के शहरी क्षेत्रों में चलते देखे जा रहे हैं. ऐसे में शहर की सड़कों पर वाहनों का दबाव बढ़ रहा है और जगह-जगह जाम लग रहा है. इसके अलावा ऐसे ई रिक्शा भी सड़कों पर दौड़ रहे हैं जिनका पंजीयन भी नहीं है. इनके चलते भी जाम लग रहा है. इन वाहनों को सड़कों से हटाया जाए जिससे सड़कों पर वाहनों का दबाव कम हो.

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