लखनऊ : नाबालिग को बहला फुसलाकर भगा ले जाने के बाद उसके साथ दुराचार करने के आरोपी विजय कुमार कश्यप को फास्ट ट्रैक कोर्ट लखनऊ के अपर सत्र न्यायाधीश विनय सिंह ने आठ वर्ष का कारावास (eight years imprisonment) एवं 19 हजार रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई है.
अदालत के समक्ष तर्क प्रस्तुत करते हुए सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता दुर्गेश नंदिनी श्रीवास्तव एवं सीमा सिंह का तर्क था कि इस मामले की रिपोर्ट पीड़िता के पिता द्वारा 13 अप्रैल 2011 को गुडंबा थाने में दर्ज कराई थी. रिपोर्ट में कहा गया है कि 12 अप्रैल को लगभग 11 बजे उसकी 15 वर्षीय पुत्री को आरोपी विजय कुमार कश्यप बहला-फुसलाकर कहीं भगा ले गया. यह भी कहा गया है कि उसने लड़की को काफी तलाशा, लेकिन उसका कुछ पता नहीं चल पाया. विवेचना के दौरान पुलिस ने लड़की को बरामद किया, जिसके बाद उसने अदालत को अपना बयान देकर बताया कि आरोपी न उसे भगा ले जाने के बाद दुष्कर्म किया. अदालत ने गवाहों के बयान एवं अन्य साक्ष्य के आधार पर आरोपी को दोषी ठहराया है.
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दो अभियुक्तों को पांच-पांच साल की सजा : जुआ खेलते हुए गिरफ्तार किए गए मोहम्मद अकीम व मोहम्मद यामीन के पास से स्मैक बरामद होने के आधार पर विशेष न्यायाधीश पुष्कर उपाध्याय ने दोनों अभियुक्तों को पांच पांच वर्ष के कठोर कारावास व बीस-बीस हजार रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई है. अदालत के समक्ष सहायक अभियोजन अधिकारी जेपी सिंह ने बताया कि 20 नवंबर 2017 को कैसरबाग इंस्पेक्टर दिग्विजय सिंह क्षेत्र की शांति व्यवस्था में घूम रहे थे. इसी दौरान मुखबिर से उन्हें पता चला कि कन्हैया लाल प्राग दास के हाता में मोनू के मकान में जुआ खेला जा रहा है. कहा गया कि इस सूचना पर पुलिस बल ने मौके पर पहुंचकर जुआ खेलते हुए आठ लोगों को गिरफ्तार किया. अदालत को बताया गया कि तलाशी के दौरान पुलिस ने आरोपी मोहम्मद अकीम व मोहम्मद यामीन के पास से सौ-सौ ग्राम नाजायज स्मैक बरामद किया था.
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