लखनऊ: कोरोना वायरस संक्रमण को रोकने के लिए देशभर में तीन मई तक लॉकडाउन को बढ़ा दिया गया है. इसके बाद अब कुछ दुष्परिणाम भी सामने आ रहे हैं. जब से लॉक डाउन लागू हुआ है, तब से घरेलू हिंसा के मामले सामने आ रहे हैं. देश में लागू किए गए लॉकडाउन ने एक तरफ पति-पत्नियों के बीच की दूरी को कम किया तो वहीं कुछ नासमझ दंपतियों के बीच की दूरियां भी बढ़ा दी है. इस दौरान मारपीट की शिकायतें आने लगी हैं.
बढ़ती घरेलू हिंसा के मद्देनजर राजधानी के लोकबंधु अस्पताल में वन स्टॉप सेंटर की स्थापना की गई थी. इस सेंटर के जरिए घरेलू हिंसा को सुलझाना था. इस सेंटर ने पति-पत्नी के बीच हिंसा के जिन मामलों को सुलझा दिया था, उनमें दोबारा मारपीट शुरू होने की जानकारी मिली है. सुधाकर शरण पांडे ने बताया 400 पुराने मामलों में दोबारा हिंसा की बात सामने आई है, जिसको लेकर कार्रवाई की जा रही है.
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ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान जिला प्रोबेशन अधिकारी सुधाकर शरण पाण्डेय ने बताया कि 2016 के बाद से अब तक वन स्टॉप सेंटर में घरेलू हिंसा के 2440 मामले दर्ज हुए हैं, जिनमें से 400 पुराने मामले फिर से सामने आए हैं. उन्होंने बताया इसके लिए एक काउंसलिंग टीम का गठन भी किया गया है. यह टीम लगातार पीड़ितों से फॉलोअप लेगी और वीडियो कॉल और अन्य साधनों के जरिए दोनों पक्षों से बात करके मामला सुलझाएगी. इसके अलावा एक बेंच भी गठित की गई है, जो उचित कार्रवाई करेगी.