लखनऊ: यूपी में बुखार का कहर जारी है. इसके कई कारण हैं. मगर बारिश की वजह से डेंगू और मलेरिया का खतरा बढ़ गया है. ऐसे में स्वास्थ्य विभाग ने मच्छरजनित रोगों से निपटने का प्लान तैयार किया है. संचारी रोग निदेशक मेजर डॉ. जीएस बाजपेई ने सभी जिलों के मलेरिया अधिकारियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक की. इस दौरान उन्होंने बीमारी से निपटने का प्लान साझा किया.
उन्होंने बताया कि हर जिले में डेंगू के मामलों की मैपिंग की जाएगी. इससे ये पता चलेगा कि किस इलाके में कितने केस मिल रहे हैं. जिले के मैपिंग में स्पॉट व केसों की संख्या दर्ज होगी. इससे मच्छरों के प्रकोप वाले इलाके चिन्हित हो सकेंगे. डॉ. जीएस बाजपेयी के मुताबिक अगर किसी घर में डेंगू का केस मिलेगा तो उस घर के आस-पास के 50 मीटर क्षेत्र में मच्छररोधी कार्रवाई की जाएगी.
उन्होंने बताया कि इसके लिए रसायन की पर्याप्त उपलब्धता रखने के लिए कहा है. डेंगू का केस मिलने पर आसपास के घरों में सोर्स डिटेक्शन करने को कहा गया है. कूलर, गमले व जलभराव वाले स्थानों की जांच की जाएगी. लार्वा मिलने पर उसे नष्ट किया जाएगा और संबंधित व्यक्ति को नोटिस दी जाएगी. यदि दोबारा लार्वा मिलेगा तो संबंधित व्यक्ति से जुर्माना वसूला जाएगा.
ये भी पढ़ें- फिरोजाबाद में अबतक 36 बच्चे समेत 50 की मौत...फिर भी मोबाइल की रोशनी में इलाज
डॉ. जीएस बाजपेई ने कहा कि डेंगू में एलाइजा जांच ही मान्य होगी. कार्ड टेस्ट से डेंगू केस कन्फर्म नहीं किए जाएंगे. ऐसे में मरीजों के सैम्पल एलाइजा जांच के लिए भेजने के निर्देश दिए गए हैं. साथ ही मलेरिया की स्लाइड बनवायी जाएगी. कार्ड टेस्ट मान्य नहीं होगा. मलेरिया विभाग को पंचायत राज विभाग से संपर्क करने कहा गया है.
उन्होंने बताया कि इस दौरान गांव में एंटी लार्वा छिड़काव सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं. इसमें मलेरिया विभाग रसायन का टेक्निकल सपोर्ट उपलब्ध कराएगा. वहीं पंचायती राज विभाग गांव में छिड़काव करवाएगा. साथ ही हर गांव में एक मशीन का बंदोबस्त करने कहा गया है, ताकि चक्रानुसार छिड़काव हो सके.