लखनऊ : राजधानी के एसजीपीजीआई में बीते सोमवार को नर्स भर्ती परीक्षा में केवल अंग्रेजी में प्रश्न पत्र आने पर अभ्यर्थियों ने नाराजगी जताई थी. कई अभ्यर्थियों ने चिकित्सा शिक्षा मंत्री व मुख्यमंत्री को ट्वीट कर दोबारा परीक्षा करवाने की मांग की थी. मांग पर सुनवाई न होने से नाराज अभ्यर्थियों ने शुक्रवार शाम संस्थान के एडमिनिस्ट्रेशन ब्लॉक में पीजीआई प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की. वहीं पीजीआई डायरेक्टर प्रो. आरके धीमान ने अभ्यर्थियों की मांग को बेबुनियाद बताया.
एसजीपीजीआई के एडमिन ब्लॉक में दर्जनों अभ्यर्थी शुक्रवार को एकजुट हो गये. संस्थान परिसर में अभ्यर्थियों और प्रशासन के बीच विवाद इतना बढ़ गया कि स्थानीय थाने की पुलिस को बुलाना पड़ा. इस दौरान अभ्यर्थियों ने डायरेक्टर के कार्यालय का भी घेराव किया. जिसके चलते अभ्यर्थियों की पीजीआई निदेशक से बहस भी हुई.
अभ्यर्थियों का आरोप है कि यूपीएससी और यूपीपीएससी की परीक्षा में भी हिंदी व अंग्रेजी दोनों भाषा में प्रश्न पत्र आते हैं, जबकि संस्थान ने नर्सिंग भर्ती परीक्षा केवल अंग्रेजी में आयोजित कराई, जोकि सरासर गलत है. अभ्यर्थियों ने परीक्षा निरस्त कर दोबारा हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में परीक्षा कराने की मांग की है. मांगें पूरी ना होने पर अभ्यर्थियों ने बड़े प्रदर्शन की चेतावनी दी है.
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एसजीपीजीआई निदेशक प्रोफेसर आरके धीमान ने बताया कि नर्सिंग, टेक्नीशियन समेत अन्य पदों पर भर्ती की गई है. सात सालों बाद पीजीआई में नर्सिंग स्टाफ की भर्ती की जा रही है. जिससे संस्थान की व्यवस्थाओं में सुधार आएगा. गाइडलाइंस के अनुरूप परीक्षा आयोजित कराने के बाद अभ्यर्थियों का चयन किया गया है. तकरीबन 23 हजार में से 600 अभ्यर्थियों को नर्सिंग के लिए चयनित किया गया है. कुछ लोग परीक्षा के बारे में भ्रम फैला रहे हैं.
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