लखनऊ : देश के रक्षामंत्री व लखनऊ से सांसद राजनाथ सिंह (Defense Minister Rajnath Singh) और केंद्रीय रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव (Union Railway Minister Ashwini Vaishnav) के बीच रेल परियोजनाओं को लेकर हुई बैठक का नतीजा आने वाले दिनों में लखनऊ की प्रस्तावित रेल परियोजनाओं में सामने आएगा. दोनों मंत्रियों के बीच चारबाग रेलवे स्टेशन (Charbagh railway Station) को जाम मुक्त बनाने और गोमतीनगर स्टेशन (gomtinagar station) पर कई ट्रेनों के ठहराव को लेकर बड़े फैसले लिए गए हैं.
रक्षा मंत्री व लखनऊ से सांसद राजनाथ सिंह (Defense Minister Rajnath Singh) ने अपने संसदीय क्षेत्र में काफी समय से रुकी हुई परियोजनाओं को 2023 तक पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित कर दिया है. गोमतीनगर स्टेशन (gomtinagar station) पर विश्वस्तरीय टर्मिनल, चारबाग स्टेशन को जाम मुक्त बनाने और आलमनगर स्टेशन को सेटेलाइट स्टेशन बनाना शामिल है. रेल मंत्री ने काफी समय पहले गोमतीनगर रेलवे स्टेशन को विश्वस्तरीय स्टेशन बनाने का एलान किया था, लेकिन धनराशि की कमी की वजह से यह काम समय पर संपन्न नहीं हो पाया. रक्षा मंत्री ने कहा कि इन कामों को रेल भूमि विकास प्राधिकरण से धन लेकर पूरा किया जाए. रेल मंत्री ने भी इस पर हामी भरी. बता दें कि गोमतीनगर के एक दिशा में बन रहे नए स्टेशन भवन को दिसम्बर 2023 से पहले जनता के लिए उपलब्ध कर दिया जाएगा. ये भी निर्णय हुआ है कि शीघ्र ही कुछ और नई ट्रेनें गोमतीनगर रेलवे स्टेशन से चलाई जाएंगी. प्लेटफार्म पांच इन नई ट्रेनों के लिए तैयार किया जा रहा है. चारबाग रेलवे स्टेशन को ट्रैफिक से मुक्त कराने के लिए कैंट की ओर सेकेंड एंट्री बनाने और उच्चस्तरीय सुविधाएं देने की घोषणा की गई थीं. रेल मंत्रालय की तरफ से बताया गया कि चारबाग रेलवे स्टेशन के पुनर्विकास के लिए एजेन्सी तय कर दी गई है. जिसने काम भी प्रारंभ कर दिया है. प्रथम चरण द्वितीय प्रवेश (जेल रोड) की ओर विकसित किया जा रहा है जो अक्टूबर या नवम्बर 2023 तक जनता के सुपुर्द कर दिया जाएगा.
लखनऊ के आलमनगर स्टेशन को रेलमंत्री ने सेटेलाइट स्टेशन के रूप में पुनर्विकास करने की स्वीकृति दी थी. आलमनगर रेलवे स्टेशन पर दो नए प्लेटफार्म और नया स्टेशन भवन बनकर नवम्बर 2022 तक तैयार हो जाएगा. राजाजीपुरम की ओर से आने वाली सड़क काफी संकरी है इसके लिए नगर निगम से बात करके सड़क की चौंडाई का काम कराया जाएगा. उतरेठिया-आलमनगर पर ओवर ब्रिज के निर्माण में घनी आबादी के कारण कुछ कठिनाइयां हो रही हैं. रेलवे बोर्ड की तरफ से जानकारी दी गई कि डिजाइन में परिवर्तन का ज्यादा हिस्सा रेलवे जमीन पर रखा जाएगा. शेष भाग में कम से कम आबादी को प्रभावित किए बिना बनाया जाएगा.
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रोड ओवर ब्रिज फाटक संख्या 4-ए (स्पेशल) केसरीखेड़ा में भी काम चल रहा है. सैद्धांतिक अनुमति प्राप्त हो चुकी है. रोड ओवर ब्रिज फाटक 186-ए (स्पेशल) दिलकुशा के लिए राज्य सरकार से धन की व्यवस्था और एनओसी प्राप्त हो चुकी है. इस काम को भी निर्धारित समय पर पूरा करने के लिए रेल मंत्री की तरफ से रेलवे बोर्ड को निर्देशित किया गया है.
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