लखनऊ : आजमगढ़ की ब्लैक पॉटरी, वाराणसी की गुलाबी मीनाकारी, फिरोजाबाद का ग्लासवेयर, बांदा का शजर स्टोन तथा मुरादाबाद के ब्रास वेयर अब ग्राहकों को और बेहतर डिजाइन एवं आकर्षक पैकेजिंग में मिलेंगे. ये एक जिला-एक उत्पाद (ओडीओपी) के तहत चयनित हैं. इनकी देश-विदेश में भारी मांग है. इन जिलों के कारीगरों को उत्पादों को नई डिजाइन विकसित करने और आकर्षक पैकेजिंग के साथ प्रस्तुत करने का प्रशिक्षण दिया जायेगा.
अपर मुख्य सचिव सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम डाॅ. नवनीत सहगल ने बताया कि एक जिला-एक उत्पाद योजना के तहत चिन्हित उत्पादों की डिजाइन और पैकेजिंग और आकर्षक की जायेगी. इसके लिये एक जिला-एक उत्पाद (ओडीओपी) एवं इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ पैकेजिंग (आईआईपी) के बीच समझौता हुआ है. देश-विदेश के ग्राहकों का ओडीओपी उत्पादों के प्रति रूझान बढ़ाने के लिए पैकेजिंग गुणवत्ता एवं डिजाइन में सुधार कर निर्यातमुखी बनाया जायेगा. आईआईपी के विशेषज्ञ प्रदेश के प्रत्येक जनपद में कार्यशाला आयोजित कर कारीगरों एवं उद्यमियों को पैकेजिंग के गुर सिखायेंगे. पायलेट प्रोजेक्ट के तौर प्रशिक्षण का कार्यक्रम आगामी 22 अगस्त प्रदेश के पांच जनपदों में शुरू किया जायेगा. इसके बाद पूरे प्रदेश में यह कार्यक्रम चलाया जायेगा.
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उन्होंने बताया कि प्रत्येक जिले में कोई न कोई उत्पाद अपनी खूबियों के लिए प्रसिद्ध है. पैकेजिंक आकर्षक और सही ढंग से होने पर उत्पाद टिकाऊ होंगे, कारीगरों की बिक्री बढ़ेगी और मुनाफा अधिक होगा. उन्होंने बताया कि ओडीओपी के निर्माताओं को भी समय-समय पर मार्गदर्शन देकर उनके उत्पादों की गुणवत्ता स्तरीय किये जाने पर जोर दिया जा रहा है, ताकि विदेशी बाजारों में ओडीओपी के उत्पाद अपनी लोकप्रियता स्थापित कर सकें.
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