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पशुधन मंत्री ने कहा, दीपावली पर गोबर से बनी मूर्तियों की करें पूजा, जलाएं दीपक - Animal Husbandry Welfare Minister Dharampal Singh

प्रदेश के प्रदेश के पशुधन एवं दुग्ध विकास मंत्री धर्मपाल सिंह (Animal Husbandry Welfare Minister Dharampal Singh) ने गुरूवार को आयोजित प्रेसवार्ता में कहा कि इस दीपावली में गाय के गोबर से बने हुए दीपक घरों में रोशन किए जाएंगे. पूरे प्रदेश में लाखों की संख्या में ऐसे दीपक वितरित किए जाएंगे जो गाय के गोबर से बने होंगे.

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Published : Sep 29, 2022, 8:51 PM IST

Updated : Sep 29, 2022, 10:02 PM IST

लखनऊ : प्रदेश के पशुधन एवं दुग्ध विकास मंत्री धर्मपाल सिंह (Animal Husbandry Welfare Minister Dharampal Singh) ने गुरूवार को आयोजित प्रेसवार्ता में कहा कि इस दीपावली में गाय के गोबर से बने हुए दीपक घरों में रोशन किए जाएंगे. पूरे प्रदेश में लाखों की संख्या में ऐसे दीपक वितरित किए जाएंगे जो गाय के गोबर से बने होंगे. बाद में इनका उपयोग खाद में भी किया जा सकता है. उन्होंने बताया कि गो संरक्षण के लिए सरकार गोबर को खरीदेगी. उन्होंने कहा कि अयोध्या में दीपोत्सव पर इस बार गाय से बने गोबर से एक लाख दीपक जलाने का लक्ष्य रखा गया है. मेरा सबसे अनुरोध है कि दीपावली पर सब अपने घरों में गाय के गोबर से बने नौ दीपक जरूर जलाएं. गोबर से बनी मूर्तियों की पूजा करें.

मंत्री धर्मपाल सिंह (Animal Husbandry Welfare Minister Dharampal Singh) ने कार्यकाल के 6 माह में विभाग की उपलब्धियों के संबध में उपस्थित पत्रकारों को अवगत कराया. उन्होंने कहा कि एक लाख निराश्रित गोवंश को संरक्षित किया जा चुका है. परन्तु प्रदेश में वर्तमान में लंपी रोग को लेकर गोवंश के संरक्षण के कार्य को स्थगित किया है, ताकि किसी रोगग्रस्त गोवंश से आश्रयस्थल के गोवंश प्रभावित न हो जाएं. 40 वृहद गोसंरक्षण केंद्रों की स्थापना के लक्ष्य की प्रतिशत पूर्ति सुनिश्चित कर ली गई है. प्रदेश में 520 मोबाइल वेटरनरी वाहन के संचालन के लिए सेवा प्रदाता संस्था का चयन किया जा रहा है.

यह भी पढ़ें : आरबीएस डिग्री कॉलेज में पेपर आउट करने वाली छात्रा के खिलाफ FIR दर्ज

विभाग द्वारा गो-संरक्षण में रियल टाइम सूचना एवं अन्य कठिनाईयों के दृष्टिगत गोआश्रय पोर्टल का विकास कराया गया है. इसके प्रयोग को सुगम बनाने के लिए एंड्राइड मोबाइल एप भी विकसित किया गया है. पोर्टल के माध्यम से प्रदेश स्तर पर अपडेटेड प्रगति की उपलब्धता से प्रभावी अनुश्रवण एवं मूल्यांकन का कार्य किया जा सकेगा. प्रगति की जानकारी के लिए डेश बोर्ड भी विकसित किया गया है. अधिकारियों द्वारा स्थलीय सत्यापन के समय किसी अमुक गोआश्रय स्थल से संबन्धित समस्त आवश्यकता पूरी की जा सकेगी. उन्होंने कहा कि आज एक ऐप भी शुरू कर दिया गया है, जिससे गो आश्रय केंद्रों के संचालन और उससे जुड़ी तमाम जानकारियां लोगों को मिल सकेंगी.

यह भी पढ़ें : विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने कहा, विधायकों के बनाए जाएंगे अलग-अलग समूह

लखनऊ : प्रदेश के पशुधन एवं दुग्ध विकास मंत्री धर्मपाल सिंह (Animal Husbandry Welfare Minister Dharampal Singh) ने गुरूवार को आयोजित प्रेसवार्ता में कहा कि इस दीपावली में गाय के गोबर से बने हुए दीपक घरों में रोशन किए जाएंगे. पूरे प्रदेश में लाखों की संख्या में ऐसे दीपक वितरित किए जाएंगे जो गाय के गोबर से बने होंगे. बाद में इनका उपयोग खाद में भी किया जा सकता है. उन्होंने बताया कि गो संरक्षण के लिए सरकार गोबर को खरीदेगी. उन्होंने कहा कि अयोध्या में दीपोत्सव पर इस बार गाय से बने गोबर से एक लाख दीपक जलाने का लक्ष्य रखा गया है. मेरा सबसे अनुरोध है कि दीपावली पर सब अपने घरों में गाय के गोबर से बने नौ दीपक जरूर जलाएं. गोबर से बनी मूर्तियों की पूजा करें.

मंत्री धर्मपाल सिंह (Animal Husbandry Welfare Minister Dharampal Singh) ने कार्यकाल के 6 माह में विभाग की उपलब्धियों के संबध में उपस्थित पत्रकारों को अवगत कराया. उन्होंने कहा कि एक लाख निराश्रित गोवंश को संरक्षित किया जा चुका है. परन्तु प्रदेश में वर्तमान में लंपी रोग को लेकर गोवंश के संरक्षण के कार्य को स्थगित किया है, ताकि किसी रोगग्रस्त गोवंश से आश्रयस्थल के गोवंश प्रभावित न हो जाएं. 40 वृहद गोसंरक्षण केंद्रों की स्थापना के लक्ष्य की प्रतिशत पूर्ति सुनिश्चित कर ली गई है. प्रदेश में 520 मोबाइल वेटरनरी वाहन के संचालन के लिए सेवा प्रदाता संस्था का चयन किया जा रहा है.

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विभाग द्वारा गो-संरक्षण में रियल टाइम सूचना एवं अन्य कठिनाईयों के दृष्टिगत गोआश्रय पोर्टल का विकास कराया गया है. इसके प्रयोग को सुगम बनाने के लिए एंड्राइड मोबाइल एप भी विकसित किया गया है. पोर्टल के माध्यम से प्रदेश स्तर पर अपडेटेड प्रगति की उपलब्धता से प्रभावी अनुश्रवण एवं मूल्यांकन का कार्य किया जा सकेगा. प्रगति की जानकारी के लिए डेश बोर्ड भी विकसित किया गया है. अधिकारियों द्वारा स्थलीय सत्यापन के समय किसी अमुक गोआश्रय स्थल से संबन्धित समस्त आवश्यकता पूरी की जा सकेगी. उन्होंने कहा कि आज एक ऐप भी शुरू कर दिया गया है, जिससे गो आश्रय केंद्रों के संचालन और उससे जुड़ी तमाम जानकारियां लोगों को मिल सकेंगी.

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Last Updated : Sep 29, 2022, 10:02 PM IST
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