ETV Bharat / city

घबराने की जरूरत नहीं, चार से पांच दिन में ठीक हो रहे कोरोना संक्रमित मरीज

कोरोना पॉजिटिव रिपोर्ट आने के बाद घबराने की जरूरत नहीं है. इस बार लोगों में कोरोना वायरस का ओमिक्रॉन वेरिएंट बीए-5 पाया जा रहा है. डाॅक्टरों के मुताबिक मरीज चार से पांच दिन में रिकवर हो रहे हैं.

यूपी में कोरोना मरीज
यूपी में कोरोना मरीज
author img

By

Published : Jun 22, 2022, 5:34 PM IST

लखनऊ: अगर जांच कराने पर रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आती है तो इसमें घबराने की बात नहीं है. इस बार कोरोना का वायरस कमजोर दिख रहा है. सिविल अस्पताल के सीएमएस डॉक्टर आरपी सिंह ने बताया कि इस समय प्रदेश में कोरोना से संक्रमित मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है. जितने भी मरीज हैं, वह चार से पांच दिन में रिकवर हो रहे हैं.

स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक पहले संक्रमित मरीज को ठीक होने में 10 दिन से अधिक लग रहे थे. इस बार लोगों में कोरोना वायरस का ओमिक्रॉन वेरिएंट बीए-5 भी पाया जा रहा है. अब यह वेरिएंट मौसमीय बीमारी में तब्दील हो चुका है. डॉक्टर आरपी सिंह ने बताया कि कोरोना की पहली और दूसरी वेब जितनी खतरनाक थी, उसका आधा भी यह नया वैरिएंट नहीं है. कोरोना वायरस की दूसरी लहर के बाद ज्यादा से ज्यादा लोग वैक्सीन लगवाने लगे हैं. वर्तमान में 33,68,85,416 लोग वैक्सीनेटेड हैं. कोरोना वैक्सीन का भी असर है कि संक्रमण मरीज के शरीर में ज्यादा देर नहीं टिक पा रहा है.

जिला सर्विलांस अधिकारी डॉ. मिलिंद वर्धन ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग ने कोरोना के लक्षण वाले संक्रमित मरीजों पर स्टडी भी की है. संक्रमण अधिक सक्रिय नहीं है. वहीं पहले ज्यादातर मरीजों में लोअर रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट यानी फेफड़ों में संक्रमण हो रहा था. वर्तमान में अपर रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट यानी गला, सांस नली तक ही वायरस असर कर रहा है. इसके अलावा नए वेरिएंट से पीड़ित मरीजों में दस्त, उल्टी, बुखार और कमजोरी महसूस होने की समस्या अधिक पाई जा रही है. यही वजह है कि मरीजों में बदन दर्द, डायरिया, हल्का बुखार जैसे मामूली लक्षण देखने को मिल रहे हैं.

डॉ. आरपी सिंह ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग ने कोरोना संक्रमितों के इलाज के लिए अस्पतालों में पूरी व्यवस्था कर ली है. इस बार कोविड अस्पताल में भर्ती होने की नौबत नहीं आ रही है. जो मरीज कोरोना संक्रमित पाए जा रहे हैं उन्हें होम आइसोलेशन में रहने के लिए कहा जा रहा है. पांच दिन बाद उनको दोबारा कोरोना जांच के लिए कहा जाता है. स्वास्थ्य विभाग जीन सिक्वेंसिंग टेस्ट भी करवा रहा है.

ये भी पढ़ें : योग से रहें पूरी तरह निरोग, दिनचर्या में अपनाएं ये योगासन

डॉ. आरपी सिंह ने बताया कि अस्पताल में इस समय मरीजों की संख्या थोड़ी बढ़ गई है. मरीजों को तुरंत ट्रीटमेंट दिया जा रहा है. डॉक्टर की सलाह पर मरीज मेडिसिन ले रहे हैं. अस्पताल में भीड़ जरूर है, लेकिन मरीज हल्की-फुल्की बीमारी से पीड़ित हैं. मरीजों को बिल्कुल भी घबराने की जरूरत नहीं है. रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर घर में रहें और कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करते रहें.

ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

लखनऊ: अगर जांच कराने पर रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आती है तो इसमें घबराने की बात नहीं है. इस बार कोरोना का वायरस कमजोर दिख रहा है. सिविल अस्पताल के सीएमएस डॉक्टर आरपी सिंह ने बताया कि इस समय प्रदेश में कोरोना से संक्रमित मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है. जितने भी मरीज हैं, वह चार से पांच दिन में रिकवर हो रहे हैं.

स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक पहले संक्रमित मरीज को ठीक होने में 10 दिन से अधिक लग रहे थे. इस बार लोगों में कोरोना वायरस का ओमिक्रॉन वेरिएंट बीए-5 भी पाया जा रहा है. अब यह वेरिएंट मौसमीय बीमारी में तब्दील हो चुका है. डॉक्टर आरपी सिंह ने बताया कि कोरोना की पहली और दूसरी वेब जितनी खतरनाक थी, उसका आधा भी यह नया वैरिएंट नहीं है. कोरोना वायरस की दूसरी लहर के बाद ज्यादा से ज्यादा लोग वैक्सीन लगवाने लगे हैं. वर्तमान में 33,68,85,416 लोग वैक्सीनेटेड हैं. कोरोना वैक्सीन का भी असर है कि संक्रमण मरीज के शरीर में ज्यादा देर नहीं टिक पा रहा है.

जिला सर्विलांस अधिकारी डॉ. मिलिंद वर्धन ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग ने कोरोना के लक्षण वाले संक्रमित मरीजों पर स्टडी भी की है. संक्रमण अधिक सक्रिय नहीं है. वहीं पहले ज्यादातर मरीजों में लोअर रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट यानी फेफड़ों में संक्रमण हो रहा था. वर्तमान में अपर रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट यानी गला, सांस नली तक ही वायरस असर कर रहा है. इसके अलावा नए वेरिएंट से पीड़ित मरीजों में दस्त, उल्टी, बुखार और कमजोरी महसूस होने की समस्या अधिक पाई जा रही है. यही वजह है कि मरीजों में बदन दर्द, डायरिया, हल्का बुखार जैसे मामूली लक्षण देखने को मिल रहे हैं.

डॉ. आरपी सिंह ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग ने कोरोना संक्रमितों के इलाज के लिए अस्पतालों में पूरी व्यवस्था कर ली है. इस बार कोविड अस्पताल में भर्ती होने की नौबत नहीं आ रही है. जो मरीज कोरोना संक्रमित पाए जा रहे हैं उन्हें होम आइसोलेशन में रहने के लिए कहा जा रहा है. पांच दिन बाद उनको दोबारा कोरोना जांच के लिए कहा जाता है. स्वास्थ्य विभाग जीन सिक्वेंसिंग टेस्ट भी करवा रहा है.

ये भी पढ़ें : योग से रहें पूरी तरह निरोग, दिनचर्या में अपनाएं ये योगासन

डॉ. आरपी सिंह ने बताया कि अस्पताल में इस समय मरीजों की संख्या थोड़ी बढ़ गई है. मरीजों को तुरंत ट्रीटमेंट दिया जा रहा है. डॉक्टर की सलाह पर मरीज मेडिसिन ले रहे हैं. अस्पताल में भीड़ जरूर है, लेकिन मरीज हल्की-फुल्की बीमारी से पीड़ित हैं. मरीजों को बिल्कुल भी घबराने की जरूरत नहीं है. रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर घर में रहें और कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करते रहें.

ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.