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लखनऊ: यात्रियों से गुलजार हुए रेलवे स्टेशन पर कोरोना की गाइडलाइन हो रही तार-तार

अनलॉक मे यात्रियों की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए रेलवे धीरे-धीरे ट्रेनों की संख्या बढ़ा रहा है. ऐसे में यात्रियों की संख्या बढ़ने के साथ ही रेलवे स्टेशन पर कोरोना से बचाव के लिए जारी की गई गाइडलाइन तार-तार होती नजर आ रही है.

lucknow railway station
रेलवे स्टेशन पर सोशल डिस्टेंसिंग की उड़ रही धज्जियां
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Published : Oct 18, 2020, 7:51 PM IST

लखनऊ: अनलॉक में ट्रेनों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है तो बेजार पड़े स्टेशन भी यात्रियों से गुलजार होने लगे हैं. रेलवे स्टेशनों पर भीड़ बढ़ने के साथ ही कोरोना के लिए जारी की गयी गाइडलाइन की धज्जियां उड़ने लगी है. रेलवे स्टेशन पर सोशल डिस्टेंसिंग नाम की कोई चीज दिखाई नहीं देती. टिकट चेक करने वाले अधिकारी आराम से कुर्सी तोड़ रहे हैं. कोई भी आराम से स्टेशन के अंदर प्रवेश कर रहा है. किसी पर कोई रोक-टोक ही नहीं है. कोई मास्क लगाए हैं या नहीं लगाए हैं, इसकी भी जांच नहीं होती है.

सोशल डिस्टेंसिंग का उड़ रहा मजाक

पूर्वोत्तर रेलवे लखनऊ मंडल के लखनऊ जंक्शन रेलवे स्टेशन पर ट्रेन पकड़ने के लिए यात्रियों की काफी भीड़ जुटने लगी है, ऐसे में सोशल डिस्टेंसिंग का मखौल भी खूब उड़ाया जा रहा है. यात्री पास-पास चिपककर बैठते हैं. इनमें कई लोग बिना मास्क लगाए ही बैठे रहते हैं. ऐसा ही हाल सैनिटाइजर के इस्तेमाल का है. जंक्शन के गेट में प्रवेश करते ही सैनिटाइजर मशीन लगी हुई है. कुछ यात्री इसका इस्तेमाल करते हैं तो कुछ बिना इस्तेमाल के ही अंदर चले जाते हैं. हालांकि स्टेशन पर आरपीएफ की मुस्तैदी जरूर नजर आती है. यहां पर आरपीएफ की महिला कर्मी स्टेशन के अंदर प्रवेश करने वाले यात्रियों की बाकायदा थर्मल स्कैनिंग करने के बाद ही प्रवेश दे रही हैं.

पटरी पर लौट रहीं रेल, व्यवस्थाएं हो रहीं ध्वस्त

अनलॉक में धीरे-धीरे ट्रेनों का संचालन बढ़ रहा है. पुष्पक एक्सप्रेस, लखनऊ मेल के साथ शताब्दी सहित और तेजस एक्सप्रेस सहित कई ट्रेनें पटरी पर दौड़ने लगी हैं. लेकिन स्टेशन पर यात्रियों की संख्या बढ़ने के साथ ही लखनऊ जंक्शन पर व्यवस्थाएं चौपट होती जा रही हैं. स्टेशन पर भले ही साफ-सफाई और सैनिटाइजेशन का काम नियमित रूप से हो रहा हो, लेकिन सामाजिक दूरी का पालन कराने में रेलवे प्रशासन असफल है.


दफ्तर से बाहर नहीं निकलते अफसर

कोरोना में अनलॉक के बाद जब एक जून से ट्रेनों का संचालन शुरू हुआ तो रेलवे स्टेशन पर कुछ अफसरों की चुस्ती भी देखने को मिली. अब ट्रेनों की संख्या बढ़ती जा रही है तो अधिकारियों की चुस्ती सुस्ती में बदल रही है. पूर्वोत्तर रेलवे लखनऊ मंडल के वरिष्ठ अधिकारी वातानुकूलित कमरों से बाहर निकलकर स्टेशन का जायजा तक लेने नहीं आते हैं. इसी वजह से स्टेशन पर व्यवस्थाएं ध्वस्त होती जा रही हैं.

नहीं होती टिकटों की जांच

स्टेशन पर जिन अधिकारियों के कंधों पर स्टेशन परिसर में प्रवेश करने वाले यात्रियों के टिकट चेकिंग की जिम्मेदारी है, वे आराम से बैठकर कुर्सी तोड़ रहे हैं. यात्री बेरोकटोक स्टेशन के अंतर प्रवेश करते हैं. उनके टिकट की जांच करने तक के लिए अधिकारी कुर्सी से नहीं हिल रहे हैं.


खानपान की भी नहीं सुविधा

लखनऊ जंक्शन रेलवे स्टेशन से सफर करने वाले यात्रियों को घर से खाने और पीने के पानी की व्यवस्था करके आना बेहतर होगा. जंक्शन पर कुछ स्टॉल ही खुले हैं. स्टॉलों के बंद होने से खाने पीने का सामान यात्रियों को नहीं मिल पा रहा है.

लखनऊ: अनलॉक में ट्रेनों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है तो बेजार पड़े स्टेशन भी यात्रियों से गुलजार होने लगे हैं. रेलवे स्टेशनों पर भीड़ बढ़ने के साथ ही कोरोना के लिए जारी की गयी गाइडलाइन की धज्जियां उड़ने लगी है. रेलवे स्टेशन पर सोशल डिस्टेंसिंग नाम की कोई चीज दिखाई नहीं देती. टिकट चेक करने वाले अधिकारी आराम से कुर्सी तोड़ रहे हैं. कोई भी आराम से स्टेशन के अंदर प्रवेश कर रहा है. किसी पर कोई रोक-टोक ही नहीं है. कोई मास्क लगाए हैं या नहीं लगाए हैं, इसकी भी जांच नहीं होती है.

सोशल डिस्टेंसिंग का उड़ रहा मजाक

पूर्वोत्तर रेलवे लखनऊ मंडल के लखनऊ जंक्शन रेलवे स्टेशन पर ट्रेन पकड़ने के लिए यात्रियों की काफी भीड़ जुटने लगी है, ऐसे में सोशल डिस्टेंसिंग का मखौल भी खूब उड़ाया जा रहा है. यात्री पास-पास चिपककर बैठते हैं. इनमें कई लोग बिना मास्क लगाए ही बैठे रहते हैं. ऐसा ही हाल सैनिटाइजर के इस्तेमाल का है. जंक्शन के गेट में प्रवेश करते ही सैनिटाइजर मशीन लगी हुई है. कुछ यात्री इसका इस्तेमाल करते हैं तो कुछ बिना इस्तेमाल के ही अंदर चले जाते हैं. हालांकि स्टेशन पर आरपीएफ की मुस्तैदी जरूर नजर आती है. यहां पर आरपीएफ की महिला कर्मी स्टेशन के अंदर प्रवेश करने वाले यात्रियों की बाकायदा थर्मल स्कैनिंग करने के बाद ही प्रवेश दे रही हैं.

पटरी पर लौट रहीं रेल, व्यवस्थाएं हो रहीं ध्वस्त

अनलॉक में धीरे-धीरे ट्रेनों का संचालन बढ़ रहा है. पुष्पक एक्सप्रेस, लखनऊ मेल के साथ शताब्दी सहित और तेजस एक्सप्रेस सहित कई ट्रेनें पटरी पर दौड़ने लगी हैं. लेकिन स्टेशन पर यात्रियों की संख्या बढ़ने के साथ ही लखनऊ जंक्शन पर व्यवस्थाएं चौपट होती जा रही हैं. स्टेशन पर भले ही साफ-सफाई और सैनिटाइजेशन का काम नियमित रूप से हो रहा हो, लेकिन सामाजिक दूरी का पालन कराने में रेलवे प्रशासन असफल है.


दफ्तर से बाहर नहीं निकलते अफसर

कोरोना में अनलॉक के बाद जब एक जून से ट्रेनों का संचालन शुरू हुआ तो रेलवे स्टेशन पर कुछ अफसरों की चुस्ती भी देखने को मिली. अब ट्रेनों की संख्या बढ़ती जा रही है तो अधिकारियों की चुस्ती सुस्ती में बदल रही है. पूर्वोत्तर रेलवे लखनऊ मंडल के वरिष्ठ अधिकारी वातानुकूलित कमरों से बाहर निकलकर स्टेशन का जायजा तक लेने नहीं आते हैं. इसी वजह से स्टेशन पर व्यवस्थाएं ध्वस्त होती जा रही हैं.

नहीं होती टिकटों की जांच

स्टेशन पर जिन अधिकारियों के कंधों पर स्टेशन परिसर में प्रवेश करने वाले यात्रियों के टिकट चेकिंग की जिम्मेदारी है, वे आराम से बैठकर कुर्सी तोड़ रहे हैं. यात्री बेरोकटोक स्टेशन के अंतर प्रवेश करते हैं. उनके टिकट की जांच करने तक के लिए अधिकारी कुर्सी से नहीं हिल रहे हैं.


खानपान की भी नहीं सुविधा

लखनऊ जंक्शन रेलवे स्टेशन से सफर करने वाले यात्रियों को घर से खाने और पीने के पानी की व्यवस्था करके आना बेहतर होगा. जंक्शन पर कुछ स्टॉल ही खुले हैं. स्टॉलों के बंद होने से खाने पीने का सामान यात्रियों को नहीं मिल पा रहा है.

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